मेरी गर्म चूत की दो लंड से मस्त चुदाई- 2
स्कूल मास्टर सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरे बॉयफ्रेंड को पता था कि मैं अपने स्कूल टीचर से चुदती हूँ. एक बार बॉयफ्रेंड का घर खाली था तो मैंने मास्टर को वहीं बुला लिया.
यहाँ कहानी सुनें.
Audio Playerहैलो फ्रेंड्स, मैं आपकी मेघा, आपको अपने यार समीर और सर रितेश के लंड से चुदने की Xxx कहानी सुना रही थी. कहानी के पहले भाग मेरी सहेली के भाई ने मुझे चोदकर मजा दिया में अब तक आपने पढ़ा था कि सर मेरे साथ मस्ती कर रहे थे. मेरा मुँह चुत मजे से लगातार कुछ बोले जा रहा था और मैं सर से बातें कर रही थी.
सर ने मुझे चुप कराने के लिए मेरे मुँह में लंड देने का तय कर लिया था.
अब आगे स्कूल मास्टर सेक्स कहानी:
फिर सर ने 69 में आकर मेरे मुँह में लंड दे दिया, मैं मजे से लंड चूसने लगी.
काफी देर तक ऐसे ही 69 में हम दिनों चूसते चूसते गर्म हो गए.
‘सर अब कुछ लम्बा चाहिए … आपकी जीभ मेरी चुत की आग शांत नहीं कर सकती.’ ‘हां मेरी रानी.’
सर ने मुझे टेबल के सहारे हाथ पीछे करके खड़ा किया और मेरे सामने से आ गए. अब वो मेरी चूत में लंड डाल कर चोदने लगे- आहह इस्स इस्स आआह मेरी रानी बहुत मस्त है तू … बड़ा मजा दे रही है.
बस सर मुझे धकापेल चोदे जा रहे थे, मेरे दूध मसले जा रहे थे. मेरे होंठ सर के होंठों की गिरफ्त में थे.
थोड़ी देर बाद मेरा शरीर अकड़ने लगा और पानी निकल गया.
सर मुझे तेज तेज चोदने लगे.
‘जान कहां निकालूं … जल्दी बताओ. ‘मेरे पेट पर आह सर.’
मैंने अपने पेट पर सर के लंड का पानी निकलवाया और हम दोनों साथ में टेबल पर लेट गए.
थोड़ी देर बाद हम दोनों ने कपड़े पहने और बाहर आकर पढ़ने का नाटक करने लगे.
सर की बहन सुमन आई तो मैं उसे देख कर मुस्कुरा दी. वो सब समझ गई.
फिर सुमन ने सर से कहा- मेरे सर में दर्द कर रहा है, चाय बना दो प्लीज भैया.
जैसे ही सर अन्दर गए, सुमन ने मेरी जांघ पर हाथ मारा और बोली- कमीनी आज फिर मेरे भाई से चुदी है न तू? मैंने बोल दिया- हां देख …
मैंने अपनी स्कर्ट ऊपर करके सर का माल दिखाया.
‘बहुत कमीनी है तू …’ हम दोनों हंस पड़ी.
थोड़ी देर बाद सर चाय बना लाए. हम तीनों ने चाय पी. फिर मैं घर आ गई.
रात मैं सर का फिर से फ़ोन आया. उस समय समीर मुझे चोद रहा था.
समीर ने मुझसे कहा- फ़ोन उठाओ. मैंने फ़ोन उठाया.
उधर से सर की आवाज आई- मेघा क्या कर रही हो? मैंने- कुछ नहीं सर.
‘अरे बता दो … शर्माओ मत.’ मैंने भी मजा लेने की सोची- सर कुछ नहीं … बस अपने बॉयफ्रेंड से चुद रही हूँ.
सर हंसने लगे. मैं चुदाई के झटके लेते हुए सिसकारियां लेने लगी.
सर बोले- कल आ … तुझे बताऊंगा. ‘आप क्या कर रहे हैं?’
‘कुछ नहीं, बस तुझे याद करके लंड पकड़ रखा है.’ ‘तो हिला लीजिए न.’
‘नहीं मुँह में ले लो.’ उसी समय समीर ने मेरे मुँह में लंड दे दिया और मैं लंड चूसने लगी.
सर को भी आवाजें सुन कर मजा आने लगा. सर ने लंड हिला लिया.
‘मेघा मेरा पानी निकल गया … पी जा इसे.’
उसी समय समीर का लंड चूसती हुई मैंने लंड का माल पीने की आवाज निकाल दी.
सर बोले- कल क्या पहन कर आओगी? ‘आप देख लेना क्या पहन कर आऊंगी.’ फोन कट गया.
समीर ने बोला- मुझे कल तुम दोनों को देखना है. मैंने बोला- कैसे?
समीर ने कहा- कल मेरे घर पर कोई नहीं है, तो तुम सर को मेरे घर बुला लेना. मैंने बोला- जैसे तुम कहो.
अगले दिन मैंने कॉलेज से छुट्टी ले ली. सर का कॉल आया- मेघा आज कॉलेज नहीं आई क्या? ‘सर वो हमारे पड़ोस के घर में कोई नहीं है, तो मुझे उनके घर पर रहना है. आज कॉलेज और ट्यूशन की छुट्टी रखूंगी.’
सर- तो क्या अकेली ही हो वहां? ‘जी सर.’
‘अच्छा कौन सा मकान है?’ ‘अरे सर हमारे घर से दो घर छोड़ कर ही है … पर आप क्यों पूछ रहे हैं?’
‘ऐसे ही.’ मैं समझ गई कि सर आएंगे.
समीर और मैंने सारी तैयारी कर ली थी. करीब एक घंटे बाद सर का कॉल आया- मेघा, मैं तुम्हारे घर के बाहर खड़ा हूँ. तुम आ जाओ.
मैंने सर को कॉल करके समीर के घर पर बुला लिया और सर को लेकर अन्दर चली गई.
‘आप यहां कैसे?’ ‘अरे तेरे बिना मन नहीं लगता अब.’ सर ने अन्दर आकर मेरे होंठ चूम लिए.
‘सर कोई आ गया तो?’ ‘आज यहां कब तक है तू?
‘सर वो लोग तो रात को ग्यारह बजे आएंगे.’ ‘अरे वाह, फिर तो मजा आ गया.’
‘आप भी न सर …’ सर मुझे पकड़ कर मेरे बूब्स मसलने लगे.
‘अंह अह आराम से बाबा … इस्सस.’ ‘वैसे आज मेरे मन में भी था कि तू बस पजामा टी-शर्ट में हो और मैं तुझे जी भर के चोद सकूँ.’
‘अच्छा जी … यानि मैंने आपके दिल के बात सुन ली.’ ‘दिल के नहीं मेरी जान … लंड की आवाज सुन ली तुमने.’ मैं हंस दी.
सर मेरी टी-शर्ट ऊपर करके दूध चूसने लगे.
‘आआआ इस्स आप रुकिए.’ मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दी और सर को बिठा कर उनका लंड बाहर निकाल कर मुँह में लेकर चूसने लगी.
‘वाह मेघा तू तो बहुत समझदार है.’ ‘मुझे पता है आप दोगे तो सही मुँह में, तो शर्माना कैसा.’
थोड़ी देर अच्छे से लंड चूसने के बाद सर ने कहा कि मेघा मेरे पास लेट जा, अब चोद लेता हूँ.
मैं खड़ी होकर सर के बगल में लेट गई.
सर मेरे नंगे मम्मों पर जीभ फेरने लगे और हाथ पीछे करके अपना एक हाथ पजामा में घुसाने लगे.
‘अअ अअअ सर आराम से चूसिए न … निप्पल पर जीभ आराम से फेरो आह … कितना सुकून मिलता है.’ ‘आह बहुत टेस्टी हैं तेरे निप्पल मेघा …’
इधर पजामे में सर का हाथ अन्दर चल रहा था. मगर चूत तक नहीं जा पा रहा था.
‘क्या हुआ सर?’ ‘तू पजामा बहुत टाइट बांधती है.’
‘तो क्या करूं … टाईट नहीं पहनूं, तो कोई भी हाथ डाल देगा न अन्दर.’ मैंने अपने पजामे का नाड़ा खोल दिया और सर हाथ अन्दर ले गए.
‘उम्मम्मम्म इस्स अंह अह …’ सर की जीभ कभी मेरे निप्पल पर घूम रही थी और कभी मुँह में घुस कर मुँह में घूम रही थी.
नीचे सर के हाथ मेरी गुफा तक पहुंच चुका था. मैंने उनके बालों में हाथ चलाना शुरू कर दिया.
‘इस्स उम्म काटो मत न.’ हमारी जीभ आपस में कुश्ती लड़ रही थीं. कभी मेरे मुँह में उनकी जीभ, कभी मेरी उनके मुँह में.
उसी समय सर ने मेरी गुफा में अपनी उंगली डालने की कोशिश की.
‘सर उंगली मत डालिये न … यहां कुछ और डालना पड़ता है अंह अह इस्स …’ ‘हां मेघा … मैं तो बस रोड क्लियर कर रहा हूँ.’
‘इस्स इस्स सर ये रोड भी मुँह से साफ होती है … अंह अह निप्पल मत मरोड़िए.’ मैंने भी सर का लंड मसलना शुरू कर दिया.
‘सर अब इस रोड को चिकनी करने का टाइम आ गया है.’ ‘हां मेघा.’
सर खड़े होकर पूरे नंगे हो गए.
‘क्या बात है सर … एकदम टाइट है ये कभी बैठता नहीं है क्या?’ ‘तुझे देख कर खड़ा हो जाता है.’
‘अच्छा जी … अब तो आप मुझे कितनी बार भोग चुके हैं.’ ‘चलो टांगें खोलो.’
मैंने टांगें खोल दीं और चूत को सर के आगे कर दिया लेकिन पजामा नहीं उतारा.
‘अरे पजामे के ऊपर से चूसूं क्या?’ ‘अब ये आप देख लो कि कैसे चूसनी है.’
सर ने पकड़ कर मेरा पजामा खींच दिया. फिर पैंटी उतार कर चूत को नंगी कर दिया. पहले मेरी चुत पर किस किया.
‘उम्मम … इस्सस …’
मैं सीधी लेट गई. सर चुत को सहलाने लगे और बाहर से चूमने और चाटने लगे. ‘अंह अह इस्स …’
सर ने जीभ धीरे धीरे अन्दर डाली और चुत चूसने लगे.
‘उम्मम्मम्म सर जादू है इस जीभ में.’ सर- आंह बड़ी मीठी है तेरी चुत.’
‘सर अब तो आप कई बार मुझे भोग चुके हो, क्या पहले से ही मुझे चोदने प्लान बना रखा था आपने … या बस ऐसे ही हो गया.’ मैंने सर के दोनों हाथ पकड़ कर बूब्स पर रख दिए.
‘अंह अह मसलो इन मम्मों को … आआह सारा रस निचोड़ लीजिए सर …’
सर बहुत मस्ती से चुत चूस रहे थे.
‘बहुत टेस्टी है यार.’ ‘सर जवाब नहीं दिया आपने?’
‘यार तुझको देख कर तो पूरे कॉलेज का खड़ा हो जाता है. सब ये ही बात करते हैं कि काश तुझे चोद पाएं और मैं भी इसी फ़िराक में था. देख मेरी किस्मत खुल गई.’ ‘आपकी या आपके लंड की आहह सर … मेरा पानी निकल जाएगा … अब और मत चूसिए. अब लंड डाल दीजिए.’
‘हां मेरी जान लो.’ सर ने कंधे पर टांगें रख कर चूत पर लंड सैट कर दिया और एक झटके में डाल दिया.
‘अंह अह आज कुछ ज्यादा जोश लग रहा है सर आप में.’ ‘हां आज टेंशन नहीं है कि सुमन आ जाएगी …’
‘अअअ अअ धीरे करो न उम्म्म्म इस्स अंह अह बहुत अच्छा लग रहा है.’ ‘मेरा तो मन करता है कि तुझे नंगी ही रखूं मेघा.’
‘हां देखते ही तो नंगी कर लेते हो और क्या चाहिए आहह …’ ‘आह हां ये तो है.’
‘आह कॉलेज में भी नहीं छोड़ते हो. किसी दिन किसी ने देख लिया न … तो प्रॉब्लम हो जाएगी.’ ‘आह कुछ नहीं होगा. अब तू औंधी हो जा जान.’
मैं औंधी हो गई और उन्होंने पीछे से चूत में पेल दिया.
सर मुझे पीछे से चोदने लगे. मेरी गर्दन घुमा कर मेरे होंठों को चूमने लगे. वो अपने एक हाथ से मेरे निप्पल को मसल रहे थे.
करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद सर ने पानी छोड़ दिया. इस बार मेरी चूत पर पानी छोड़ा था.
मैं फिर कोल्ड ड्रिंक लेकर आई. उसमें समीर ने कुछ मिला दिया था ताकि सर सो जाएं. वही हुआ … सर सो गए.
थोड़ी देर बाद समीर बाहर आया और उसने मुझे गले से लगा लिया. मैं तो नंगी ही थी.
पहले समीर ने मेरी चूत बूब्स धोने को कहा तो मैं धोकर आ गई.
बाहर आते ही समीर का लंड मैंने मुँह में ले लिया और चूस कर उसका पानी निकाल कर पी लिया. फिर मैं भी सो गई.
सर जब उठे तो मैं नंगी सो रही थी.
सर उठे तो मुझे नंगी देख कर उनका लंड खड़ा हो गया. वो सोते सोते डालने लगे और चूत पर रख कर लंड घिसने लगे. मेरी नींद खुल गई.
सर ने मेरी एक लात कंधे पर रखी और दूसरी चौड़ी करके चूत में लंड पेल दिया; फिर मेरे ऊपर चढ़ कर बूब्स व होंठ चूसने लगे.
बहुत मजा आ रहा था. जब मैं पूरी गर्म हो गई तो सर ने हचक कर चोदा. हम दोनों झड़ गए.
सर- यार मेघा, तू काम की देवी है. ‘हां सर इसी लिए आप यहां माथा टेकने आए हो.’
इस पर सर और मैं हंसने लगे. उसके बाद मैं कपड़े पहनने लगी.
‘अरे कपड़े क्यों पहन रही है?’ ‘सर अब बस … मैं चाय बना कर लाती हूँ.
मैंने कपड़े पहन लिए और चाय बना कर ले आई. सर अभी भी नंगे ही थे.
‘सर कपड़े पहन लो.’ ‘अरे तेरे से कैसी शर्म जान?’
सर ने नंगे रह कर ही चाय पी और मेरे साथ बैठ कर किस करने लगे.
‘इस्स सर अब और कुछ नहीं प्लीज.’ ‘अरे मेरा मन नहीं भरा मेरी जान.’
‘आपका तो कभी नहीं भरता … आआआ इस्स …’ सर मेरी टी-शर्ट में हाथ घुसाने लगे, पर मैंने मना कर दिया.
सर बोले- मेरी जान लंड का पानी तो निकाल दे. मैं हाथ से लंड हिलाने लगी.
वो बोले- मुँह से कर दे. फिर मैंने मुँह से उनका पानी निकाला और उसके बाद वो चले गए.
उनके जाते ही समीर बाहर आ गया. उसने मेरा स्कूल मास्टर सेक्स पूरा देखा.
पजामे से उसका खड़ा लंड साफ नजर आ रहा था. ‘ओहो जनाब … आपके ये जनाब मेरे होते हुए खड़े कैसे हैं.’
मैंने उसका लंड बाहर निकाल कर पकड़ लिया. समीर ने मुझे चूमना शुरू कर दिया और धीरे धीरे हमारे कपड़े निकलने शुरू हो गए.
समीर मुझे बाथरूम में ले गया. वहां शॉवर में हम दोनों साथ में नहाए.
फिर समीर एक कोल्ड ड्रिंक लेकर आया … और मेरी चूत पर, जांघों पर, मम्मों पर, घुटनों, पैरों पर डाल कर चूसने लगा.
ऐसी मीठी चुसाई के बाद मुझे बाथरूम में लिटा कर मेरी चुदाई शुरू कर दी.
बाथरूम में ही मुझे जम कर चोदा. फिर मैंने उसका लंड चूस कर सारा पानी पी लिया. हम दोनों साथ में नहाए और बाहर आकर हम दोनों ने कपड़े पहन लिए.
रात को जब सब लोग आ गए, तो मैं घर चली गई. सर का फिर से कॉल आया.
उन्होंने मेरी तारीफ की और बोले- कल कुछ सेक्सी पहन कर आना. मैंने कहा- आप कहो तो बिना कुछ पहने ही आ जाऊं. क्योंकि आपको नंगी करना ही है.
सर हंसने लगे. मैंने भी हंस कर सर से बाय कह दिया.
स्कूल मास्टर सेक्स कहानी पर अपने विचार आप मेल कीजिएगा और अभी विदा दीजिए. आपकी मेघा [email protected]