मेरा पहला और सच्चा प्यार- 1
सिम्पल गर्ल लव स्टोरी में मैं अपने गाँव की एक लड़की को बहुत पसंद करने लगा था. उसने मेरे दिल की बात समझ ली थी पर कुछ नहीं कहती थी. एक दिन मैंने उसे अपना नम्बर दे दिया.
मैं आज अपने पहले प्यार की कहानी आपको बताने जा रहा हूँ।
मेरा नाम विक्की सिंह है और मेरी उम्र अभी 29 साल की है। मैं यमुनानगर के पास एक गांव से हूँ।
बात उस टाइम की है जब मैं 21 साल का होता था और मैं कॉलेज में पढ़ता था। मैं पढ़ाई में इतना ज़्यादा तेज नहीं था. मेरी ज़्यादातर स्कूलिंग पास के शहर में ही हुई थी।
दिन में एक दोस्त के घर पर ही मैं टाइम पास करता था. और जैसे आपको पता ही है कि 21 साल की उम्र के लड़के कोई भी मौका नहीं छोड़ते लड़कियों को देखने का और फंसाने का! दोस्त के घर के पास ही एक ट्यूशन सेण्टर हुआ करता था जहाँ पर गांव के लड़के लड़कियां ट्यूशन पर आते थे।
मुझे भी एक लड़की अच्छी लगती थी जिसका नाम था कोमल। उसकी उम्र उस टाइम 19 के करीब थी।
कोमल भी मेरी तरह पंजाबी फॅमिली से थी और बस पंजाबी सूट ही पहनती थी. उसकी हाइट करीब 5′ 2″ थी। वह बहुत स्लिम थी पर उसका चेहरा देख कर मैं उसको बस देखता ही रह जाता था।
वह हर रोज ट्यूशन जाती थी तो मैं और मेरा दोस्त पहले ही गली में आ जाया करते थे. मैं उसका इंतज़ार करता रहता था और जब वह आती थी तो मैं एक मिनट के लिए भी अपनी नज़र उससे नहीं हटाता था। पर उसने मुझे कभी भी नज़र उठा कर नहीं देखा था। मुझे फिर भी अपना इकतरफा सा प्यार बहुत अच्छा लगता था।
कुछ दिनों में कोमल को भी यह पता चल चुका था कि मैं उससे बात करना चाहता हूँ. पर जैसा आपको पता है कि गांव में ये सब इतना आसान नहीं होता है। और कोमल जैसी शर्मीली लड़की के लिए तो और भी ज़्यादा मुश्किल होता है.
पर मैंने अभी तक उसको डायरेक्ट अप्रोच नहीं किया था क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि मैं उससे प्रपोज करूं और वह मुझे ना कर दे. मैं कुछ दिन के लिए प्रतीक्षा कर रहा था.
इसी तरह हर रोज मैं उसके रास्ते में ही खड़ा होता था और अब वह भी अच्छी तरह से जान चुकी थी कि मैं उसी के लिए ही मात्र खड़ा होता है.
अब वह भी जब आती थी तो मुझे नजर भर के देखी देती थी और मुझे इसी बात से बड़ी तसल्ली होने लगी थी. मैं इस चीज के लिए तैयार था कि मैं उसको डायरेक्ट अप्रोच करूं.
मैंने उसको एक पर्ची पर नंबर लिख कर दिया. लेकिन उस दिन उसने मुझसे वह नंबर नहीं लिया. पर मैं इस बात को लेकर खुश था कि अब बात बनने ही वाली है. क्योंकि उस दिन उसका रिएक्शन मैंने देख लिया था और वह भी कुछ हद तक मेरे साथ बात करना चाहती थी.
मैं अगले दिन दोबारा वहां पर गया और मैंने वह पर्ची उसकी बुक में रख दी और उसको इस बारे में बता भी दिया.
उसके बाद मैं घर चला गया और मुझे पक्का विश्वास था कि वह मुझे फोन जरूर करेगी. लेकिन दो दिन तक वह ट्यूशन पर भी नहीं आई और मुझे कोई कॉल भी नहीं आई. तो मुझे थोड़ी टेंशन होने लग गई थी कि कहीं उसने घर पर तो नहीं कुछ बता दिया हो!
पर 2 दिन के बाद मुझे कॉल आई. लेकिन उसने अपने नंबर से कॉल नहीं किया, अपनी मम्मी के फोन से ही कॉल किया और मुझे बोली कि वह मुझ में इंटरेस्टेड नहीं है और वह बात नहीं करना चाहती है.
मैंने फिर भी किसी तरह से 5 मिनट तक बात की और बातों बातों में मुझे पता चला कि उसका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है. यह मेरे लिए एक बहुत जरूरी बात थी क्योंकि आजकल किसी को अगर किसी का बॉयफ्रेंड हो तो उस लड़की को अप्रोच करना बहुत गलत होता है!
वह अगले दिन ट्यूशन पर आई और मैंने उसको रास्ते में ही बोल दिया- मैं शाम को 7:00 बजे आपकी मम्मी के नंबर पर कॉल करूंगा. अगर आप अभी भी चाहती हैं कि मैं आपको कॉल ना करूं तो आज आप फोन मत उठाना. इसी तरह मैं बस शाम के 7:00 बजे का इंतजार करने लगा.
शाम को 7:00 ही जैसे ही मैंने काल की, उसने फोन नहीं उठाया.
मैं थोड़ा निराश हो गया था.
जब मैं रात को 9:00 बजे अपने कमरे में सोने लगा तो उस टाइम मैंने देखा कि मेरे फोन पर उसकी मम्मी के फोन से मिस कॉल आई हुई थी. मैंने झट से दोबारा फोन किया और उसने उठा लिया.
मैं बहुत खुश हो गया था कि जिस लड़की को मैं पसंद करता हूं, कम से कम उससे बात तो कर लूंगा.
पहले दिन जो हमारी बात हुई वह उसी के बारे में थी. मैं ज्यादा से ज्यादा उसके बारे में यह जानना चाहता था. मैं जानाना चाहता था कि वह मुझसे बात क्यों नहीं करना चाहती है. तो मैं इस बात को लेकर उसको मना रहा था कि वह मुझसे थोड़ी बात कर लिया करे. क्योंकि मैं उसको बहुत पसंद करता हूं और वह मुझे बहुत खूबसूरत लगती है.
ऐसे ही हम हर रोज कम से कम 10 मिनट बात करने लग गए और हमारी सिम्पल गर्ल लव स्टोरी शुरू हो गयी.
उसने मुझसे बोला था कि वह मुझे कुछ गिफ्ट देगी. मुझे नहीं पता था कि वह पर्सनल नंबर देने को मेरा गिफ्ट कह रही है. मुझे उसने अपना पर्सनल नंबर भी दे दिया था.
मैं बहुत खुश हो गया था क्योंकि अब मैं कभी भी उसको मैसेज़ भी कर सकता था.
और इस तरह हमारी बातचीत अनौपचारिक भी होती जा रही थी. हमारे बीच में हंसी मजाक भी बहुत होता था. मैं उसको जानबूझकर छेड़ता भी रहता था.
वे मेरी जिंदगी के बहुत ही हसीन पल थे. जब आप एक लड़की से प्यार करते हो और वह आपसे सिर्फ बात ही कर ले तो सारी दुनिया अच्छी लगने लग जाती है.
उसकी 12th पास हो गई थी. हमारे गांव में ज्यादातर लड़कियों के मां-बाप उनको ज्यादा पढ़ाते नहीं हैं. पर फिर भी उसने बी ए ओपन यूनिवर्सिटी कोर्स में एडमिशन ले लिया था.
अब वह घर से ही पढ़ रही थी. अब उसके पास मेरे लिए ज्यादा वक्त भी था और वह मुझे अपना अच्छा फ्रेंड भी मानने लग गई थी.
ऐसे ही बात करते करते 6 महीने हो चुके थे लेकिन मैं कभी उससे मिला नहीं था. पर अब बातों बातों में मुझे यह पता लगने लग गया था कि वह भी मुझसे मिलना चाहती है.
अब तो कई बार जब उसको रात को नींद नहीं आती थी तो मुझे 3:00 बजे भी कॉल कर दिया करती थी और बोलती थी कि मुझसे बात करो. मुझे अहसास हो गया था कि उसको भी धीरे-धीरे मेरी आदत हो रही है!
मैं यह चाहता था कि वह अपनी तरफ से ही कुछ ऐसा कहे!
वैसे तो मैं उसको देख ही लिया करता था लेकिन मैंने एक दिन बोला कि मैं उसको अच्छे से देखना चाहता हूं जी भर के … क्योंकि काफी दिन हो गए हैं, सिर्फ बात ही हो रही है और हमें मिलना चाहिए! तो उसने मुझे मना नहीं किया.
दो दिन बाद उसने मुझसे बोला- मम्मी और डैडी कहीं बाहर जा रहे हैं सिर्फ एक दिन के लिए. तो तुम उस दिन कोई बहाना लगाकर घर आ सकते हो. पर उसने मुझे साफ-साफ बोला- हम कुछ भी ऐसी हरकत नहीं करेंगे जिससे हमारी दोस्ती खराब हो जाए! मैंने उसको पूरा भरोसा दिलाया कि ऐसा कुछ नहीं होगा. मैं उससे बहुत प्यार करता हूं और उसकी मर्जी के बिना कुछ भी नहीं करूंगा.
वह मेरा आईडिया तो समझ गई थी और मैं भी अच्छे से यह बात समझ रहा था कि हम क्या करने वाले हैं या उस दिन क्या होने वाला है. मैं बस उस दिन की प्रतीक्षा करता जा रहा था.
जब भी हमारी रात को बात होती थी तो मैं उसको छेड़ देता था- कहीं तुम उस दिन मेरे साथ कुछ गलत तो नहीं करोगी? वह बस हंसकर रह जाती थी, कुछ भी जवाब नहीं देती थी.
मैंने उस दिन कोई बहाना लगाया घर पर और उसके घर पर चला गया.
जाकर देखा कि उसने दरवाजा तो खुला ही रखा था ताकि उसको दरवाजे तक ना आना पड़े और मैं सीधा ही अंदर चला जाऊं.
मैं अंदर गया, सिंपल सूट में वह इतनी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी कि मैं बस उसे देखता ही रह गया. मेरा मन कर रहा था कि मैं उसको गले लगा लूं. लेकिन मैं कुछ जल्दबाजी नहीं करना चाहता था कि बात बनने से पहले ही बिगड़ जाए. मुझे पता था कि वह भी इंतजार कर ही रही है.
कोमल भी मुझे देख कर मुस्कुराने लगी थी. मैंने उसको बोला- आप बहुत खूबसूरत लग रही हो.
उसने मुझसे थैंक्यू कहा और उसने मुझे बैठने के लिए बोला. तो वह भी मेरे साथ ही बैठ गई.
उसने मुझसे चाय के लिए पूछा. लेकिन मैंने उसको मना कर दिया और बोला- सिर्फ मेरे साथ बैठो और हम बात करेंगे!
हम ऐसे ही आधे घंटे तक बातें करते रहे. बीच में मैंने उसका हाथ पकड़ लिया था, इसके लिए उसने मुझसे मना नहीं किया. मैं बहुत ही ज्यादा खुश था.
एक घंटा हो चुका था. मैं कोई भी हरकत नहीं कर रहा था. वह मेरी इस बात से बहुत ज्यादा हैरान हो रही थी. उसने मुझसे बोला- कोई और होता तो शायद इस इस मौके का गलत फायदा जरूर उठाता लेकिन तुमने यह दिखा दिया है कि तुम मुझसे प्यार करते हो और मेरी मर्जी के साथ ही हो.
जब उसने ऐसा बोला तो मैंने उसके चेहरे को हाथों से पकड़ा और अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और उसे चुप करा दिया. उसने मुझे नहीं हटाया. पर मैं खुद ही हट गया.
और हम बैठकर और बातें करने लगे. तो वह कहने लगी कि वह चाय बनाकर लेकर आ रही है.
जैसे ही वह किचन में गई तो मैं भी उसके पीछे पीछे चल दिया क्योंकि मैं उससे थोड़ा भी दूर नहीं रहना चाहता था … सारा टाइम कोमल के साथ बिताना चाहता था।
अब मुझे यह एहसास हो गया था कि वह मुझे किसी भी चीज के लिए मना नहीं करेगी. पर मैं कोई भी जल्दबाजी नहीं करना चाहता था.
मैंने उससे पूछा- क्या मैं जाने से पहले तुम्हें किस कर सकता हूं? तो उसने बोला- कभी भी यह प्रश्न मत पूछना! तब मैंने उसको बहुत अच्छे से होठों पर किस किया.
उस रात को हमने कम से कम 4 घंटे बात करी. वह बहुत ही ज्यादा खुश लग रही थी और मैं तो खुश ही था.
अब हम फोन पर थोड़ी सेक्सी बातें भी करने लग गए थे।
मैंने उसको पूछा- आपका फिगर क्या है? तो उसने जवाब दिया- अपने आप नाप लेना।
यह उसकी तरफ से पूरी मंजूरी थी कि जब भी हमें टाइम मिलेगा तो क्या होने वाला है और वह सिर्फ और मेरी थी.
फोन पर हमारी बातचीत और भी ज्यादा सेक्सी होने लग गई थी और धीरे-धीरे यह फोन सेक्स तक पहुँच रहा था।
मैं अब उसको यह बोलता था कि जब हम अगली बार मिलेंगे तो कंडोम आप लेकर आओगे या मैं लेकर आऊं? वह बस शरमा कर रह जाती थी. और उसकी यही अदा मुझे बहुत अच्छी लगती थी।
कुछ ही दिनों में उसके मम्मी पापा दोबारा कहीं बाहर जाने वाले थे और इस बात को लेकर हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश थे कि अन्ततः वह दिन आने वाला था जिसका इंतजार हम काफी टाइम से कर रहे थे. मैंने सोच लिया था कि उस दिन अपने प्यार को पूरी तरह से अपना बना लूंगा. मैंने उसको बोला- जिस दिन हम मिलेंगे तो आप काले रंग का सूट पहनना, वह आपके ऊपर बहुत ही अच्छा लगता है।
फिर मैं भी मेडिकल पर गया और वहां से मैंने तीन तरह के फ्लेवर्ड कंडोम लेकर रख लिए.
हम दोनों ने यह प्लान बनाया कि हम दिन में नहीं मिलेंगे शाम को मिलेंगे।
मैंने भी अपने घर पर कुछ बहाना बना दिया कि मैं दोस्तों के साथ जा रहा हूं, रात को थोड़ा लेट आऊंगा। मेरे घर पर इतना ज्यादा दिक्कत नहीं होती थी इसीलिए यह मेरे लिए आसान बात थी।
आखिर वह दिन आ गया. मैं तैयार हो कर उसके घर की तरफ चल दिया.
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