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मेरी गर्म चूत की दो लंड से मस्त चुदाई- 1

समीर गुप्ता
मेरी गर्म चूत की दो लंड से मस्त चुदाई- 1
@समीर गुप्ता
10 min

स्कूल सर सेक्स कहानी मेरी सहेली के भाई के साथ मेरे सेक्स सम्बन्ध की है. वो हमरे स्कूल में पढ़ाते भी थे. मेरी सहेली को भी पता था कि मैं उसके भाई का लंड लेती हूँ.

यह कहानी सुनकर मजा लें.

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दोस्तो, मैं आपकी प्यारी सी मेघा. मुझे उम्मीद है कि आप मेरी पहले वाली Xxx कहानी टीचर से चुदाई की तमन्ना को पढ़ कर मुझे एक बार फिर से अपना प्यार देंगे.

इस बार मैं बहुत समय बाद कहानी लिख रही हूँ. अब मेरी शादी हो चुकी है. मगर आज मैं मेरी शादी से पहले की स्कूल सर सेक्स कहानी को ही आपके सामने लिख रही हूँ.

अब तक आपने पढ़ा था कि समीर मेरा ब्वॉयफ्रेंड था और हम दोनों मस्ती से सेक्स का मजा लेते थे. हमारे बीच सेक्स में कोई पर्दा नहीं था. मैं किसी भी मर्द से चुद सकती थी जिससे समीर को कोई दिक्कत नहीं थी.

मेरी एक सहेली सुमन थी जिसके साथ मैं लेस्बियन सेक्स भी करती थी. उसके भाई रितेश मेरे सर थे, जो मुझे चोदते थे.

उस दिन रितेश सर ने मुझे चोद दिया था और मैं उनसे चुदवाने के बाद अपने घर पहुंच गई थी.

अब उसके आगे स्कूल सर सेक्स कहानी:

सर से चुदाई के बाद मैं दो दिन तक कॉलेज नहीं गई, मुझे बुखार चढ़ गया था.

जब मैं ठीक हो गई तो दो दिन के बाद कॉलेज गई. सर ने मुझे देखा और एक खाली पीरियड में मुझे लैब में बुला लिया.

मैं लैब में आई तो सर मुस्कुरा कर बोले- कैसी हो? मैंने भी हंस कर कहा- एकदम अच्छी.

सर ने मुझे अपने पास बिठा लिया, थोड़ी देर बात की और मेरी जांघों पर हाथ रख कर सहलाने लगे.

मैंने कुछ नहीं बोला तो उन्होंने मुझे खड़ा कर दिया और एक ऊंची सी टेबल पर बिठा दिया. सर मेरे पास आकर मुझे चूमने लगे और मेरी स्कर्ट में हाथ डाल कर मेरी चूत को टटोलने लगे. मैंने कुछ नहीं कहा.

उनकी उंगलियां मेरी चुत से खेलने लगीं.

मैंने बोला- सर कोई आ जाएगा. वो बोले- अभी कुछ ज्यादा नहीं करूंगा, पांच दस मिनट तक कोई नहीं आएगा. तुम चिंता मत करो.

सर ने किस करके और बूब्स दबा कर छोड़ दिया.

वो बोले- तुम मुझसे ट्यूशन क्यों नहीं पढ़ लेती. मैंने कहा- ठीक है.

अगले दिन से मैं उनके पास पढ़ने चली गई.

मेरी सहेली सुमन उस टाइम दूसरी कोचिंग जाती थी.

उस दिन मैं एकदम सेक्सी बन कर गई थी. मैंने शार्ट निक्कर और टाइट टी-शर्ट पहनी हुई थी.

मैं वहां गई तो सर अन्दर ले गए और बातें करने लगे.

‘मेघा बहुत सेक्सी लग रही हो यार.’ ‘थैंक्यू सर.’

‘लो पानी पी लो.’ मैंने जानबूझ कर थोड़ा सा पानी मुँह से बाहर निकाल दिया जो मेरे गले से होते हुए मेरे मम्मों की घाटी से होते हुए अन्दर चला गया.

सर इस सीन को देखने लगे और गर्माने लगे.

‘चलो पढ़ाई शुरू करें.’ मैं उनके बगल मैं बैठ गई.

सर पढ़ाने के साथ साथ मेरे जांघ भी सहलाने लगे, फिर मेरे पीछे हाथ ले जाकर पीठ सहलाने लगे.

कुछ देर बाद सर मेरे पीछे खड़े हो गए और मेरे कंधे दबाने लगे, गर्दन सहलाने लगे. उनके हाथ मेरी बांहों पर थे और फिर जांघों को सहलाते हुए हाथ ऊपर लाए और मेरे बड़े बूब्स पर हाथ रख कर सहला दिए.

मैंने कुछ नहीं बोला. मेरी सांसें तेज चल रही थीं.

‘सर मुझे पानी पीना है.’ ‘लो पी लो.’

मैंने फिर वैसे ही पानी पिया और पानी गर्दन से होता हुआ बूब्स में चला गया.

‘मुझे भी प्यास लगी है मेघा.’ ‘तो सर आप भी पी लीजिए.’

सर ने मेरी गर्दन पर जीभ फेर कर पानी चूसा.

‘इस्स्श … ये आप क्या कर रहे हैं सर.’ ‘अपनी प्यास बुझा रहा हूँ मेघा … जो कल कॉलेज में अधूरी रह गई थी.’

‘सर कुछ होगा तो नहीं न!’ ‘कुछ नहीं होगा जान.’

सर ने मेरे होंठों पर होंठ रख दिए और चूसने लगे. सर का एक हाथ मेरे बूब्स पर कब्ज़ा जमा चुका था और दूसरा हाथ जांघों में घूम रहा था.

किस करने के बाद वापिस गर्दन चूमते हुए क्लीवेज पर आकर चूमने लगे और जीभ फेरने लगे, मेरी टी-शर्ट खींचने लगे.

‘सर ऐसे मत करो … मेरी टी-शर्ट फट जाएगी.’ ‘हां उतार देते हैं इसे, सही रहेगा.’

सर ने मेरी टी-शर्ट उतार दी और आराम से मम्मों को दबाने लगे. मैं मदभरी सिसकारियां लेने लगी.

‘इस्स धीरे दबाइए सर.’ सर ने मेरे मम्मों को ब्रा से बाहर निकाल लिए और चूसने लगे.

‘रुकिए मैं ब्रा का हुक खोल देती हूँ.’ मैंने ब्रा खोल दी तो उन्होंने ब्रा उतार दी.

‘मेघा चलो अन्दर चलें.’ ‘हम्म सर.’

सर ने मुझे अन्दर बेड पर लिटा दिया और खुद नंगे हो गए. सर फिर से मेरे चूचे चूसने लगे.

‘मेघा बहुत बड़े हैं तेरे बूब्स.’ ‘अहअअ आराम से सर … काटिए मत उम्म्म्म …’ ‘हाथ पीछे करो.’ ‘जी सर.’

सर मेरी बगल को चाटने लगे और मुझे बहुत मजा आने लगा.

‘उम्मम्म सर मुझ पर नशा छा रहा है.’ ‘तुम बस एन्जॉय करो मेघा.’ ‘सर सुमन आ जाएगी.’ ‘नहीं, वो आज लेट आएगी.’

‘इस्स आराम से सर … आह दूसरी साइड भी चाटो न.’ ‘अंह अह हां मेघा. अब अपनी निक्कर का हुक्स भी खोल दे तू.’

‘आप ही खोल लीजिये न सर.’ सर ने निक्कर खोल कर मेरी निक्कर उतार दी.

‘मेघा तू इतनी सेक्सी है कि मन करता है तुझे नंगी ही रखूं.’ ‘धत पागल …’

पैंटी उतार कर चुत चूमने लगे. फिर बोले- ये गीली हो गई है.

‘हां सर …’ अब वो मेरी चूत चाटने लगे.

‘सर मैं भी आपका लंड चूस लूं … उस दिन मुझे मजा आया था.’ ‘वाह मेरी जान बहुत अच्छा.’

हम दिनों 69 में आ गए और एक दूसरे के लंड चुत चूसने लगे. मैं सर के बॉल्स भी चूसने लगी. सर भी मेरी चुत को चाट कर मजा दे रहे थे.

‘इइस्स सर अन्दर तक जीभ डाल दीजिए अह मजा आ रहा है आह बहुत अच्छा लग रहा है … अब कण्ट्रोल नहीं हो रहा है सर.’ ‘हां मेघा मुझे भी बड़ा अच्छा लग रहा है … आह मगर तू ऐसे ही चूसती रही, तो पानी मुँह में ही निकल जाएगा. अब तू अपनी टांगें खोल दे.

ये कह कर सर अलग हो गए. सर ने मेरी दोनों टांगें कंधे पर रख कर अपना लंड चुत में पेल दिया.

‘अअअ अअ इस्स आराम से सर.’ सर चुत में धक्के लगाए जा रहे थे.

‘उम्म्म इस्स निप्पल मत मसलिए सर … दर्द हो रहा है.’ ‘ठीक है जान … मुँह में ले लेता हूँ उम्म्म इस्स …’

‘हां ऐसे आराम मिल रहा है आह सर चूसिए इनको.’ निप्पल चूसते हुए सर जोर जोर से चोदने लगे.

दस मिनट बाद मैं चरम पर आने लगी. ‘आआआ इस्स सर मेरा पानी आने वाला है.’

सर ने मुँह लगा कर पानी पी लिया और फिर अपने लंड को बूब्स के बीच में देकर मेरे दूध चोदने लगे.

कुछ देर में सर के लंड का पानी मेरे चेहरे और बूब्स पर गिर गया.

सर मेरे ऊपर ही लेट गए और थोड़ी देर लेटे रहे.

मैंने कहा- अब कपड़े पहन लूं? सर बोले- हां.

मैंने मुँह साफ किया और कपड़े पहने. थोड़ी देर बाद सुमन आ गई.

सर बाथरूम में चले गए. मैंने उसे बताया कि तेरे भैया ने आज फिर से मुझे चोदा और खूब मजा किया.

तो उसने कहा- दिखा. मैंने दिखाए तो मेरी चूत और बूब्स में माल लगा दिख गया. वो आंख मार कर हंसी मजाक करने लगी.

मैं रात को समीर को सब बता रही थी कि सर ने आज कॉलेज में क्या क्या किया और घर पर कैसे चोदा. समीर ने कहा- फिर तो आज थक गई होगी. चलो आज आराम कर लो. मैं कल या परसों चोद लूंगा.

समीर बातें करने लगा और मेरे बूब्स दबा रहा था.

इस दौरान मेरा फ़ोन बजा. मैंने देखा तो सर का था. समीर ने बोला कि उठाओ. मैंने बात शुरू की.

‘हैलो सर कहिए.’ ‘कैसी हो मेघा?’ ‘अच्छी हूँ सर … और आप!’ ‘मैं भी … आज अच्छा तो लगा न!’

‘जी सर.’ ‘अभी क्या पहना है तुमने?’

‘सर अभी तो लोअर टी-शर्ट बस.’ ‘तो मेरे पास आओ न.’

‘अभी कैसे सर?’ ‘अरे फोन सेक्स करते हैं.’

‘जी सर.’ ‘मुउउआ आआ चूम रहा हूँ तुमको.’ ‘आआआ इस्स.’ ‘मेघा मैंने टी-शर्ट और लोअर उतार कर नंगी कर दिया तुमको.’

‘सर कल आउंगी न … तब कर लेना, अभी नींद आ रही है.’ ‘ठीक है तो कल क्या पहन कर आओगी?’

‘सर आप बताइये.’ ‘कुछ सेक्सी सा.’ मैंने कहा- शार्ट स्कर्ट? सर बोले- ठीक है.

सर का फ़ोन काटने के बाद मैंने समीर से कहा- मेरे बाबू आपका लंड कैसे खड़ा है? ‘यार तू पास है तो खड़ा क्यों नहीं होगा.’

‘अच्छा जी तो इसका कुछ करना पड़ेगा. तो मेरे राजा बाबू कहां डालेंगे?’ ‘मेरी जान तुम थकी हुई हो.’

‘इतनी भी नहीं कि आपको खुश न कर सकूँ.’ ‘नहीं मेरी जान तुम आराम करो, मैं हाथ से कर लूंगा.’ ‘लाओ यार मैं इसका पानी निकाल देती हूँ.’

मैंने समीर लंड बाहर निकाल कर चूसना शुरू कर दिया.

‘ऊऊऊ मेघा इस्स आआआआ.’ मैं लंड चूस चूस कर उसका पानी निकाल कर पी गई.

फिर साथ लेट कर बातें करने लगे. थोड़ी देर बाद समीर अपने घर चला गया.

मैं अगले दिन वो ही शॉर्ट स्कर्ट पहन कर चली गई. मैंने समीर को फोन लगा कर छोड़ दिया ताकि वो सुन सके.

‘आ गई मेरी जान.’ ‘हां जी आ गई.’ ‘आज तो रहा ही नहीं जा रहा उम्म्म्म …’

सर ने मुझे बांहों में भर लिया और चूमने लगे.

‘इस्स आराम से सर … आप से तो रुका ही नहीं जा रहा … अंह अह इस्सस धीरे सर … आराम से मसलिए बूब्स … आंह सर कपड़े ख़राब हो जाएंगे.’ ‘आज तो जी भरके प्यार करूंगा मेरी जान.’ ‘हां कर लेना सर.’

‘आंआह … पुच्च पुच्च.’ ‘सर आप तो भूखे शेर जैसे टूट पड़े.’

सर ने मुझे थोड़ी देर के देर के लिए छोड़ा. फिर हम दोनों बेडरूम में अन्दर आ गए.

फिर सर ने मुझे प्यार से चूमा ‘उम्मम्म म्मम्म इस्स …’

मेरे मम्मों पर सर के हाथ घूम रहे थे. ‘इस्स आआआ.’

मेरे टॉप की ज़िप खुलने लगी थी और कब टॉप शरीर से अलग हो गया, पता ही नहीं चला.

सर ने मुझे लिटा लिया और चूमने लगे. वो मेरे मम्मों को सहलाए जा रहे थे.

फिर मेरी पैंटी में हाथ डाल कर चूत सहलाने लगे.

‘उम्मम्म म्मम इस्स …’ ‘उम्म्म्म इस्स …’

मेरी स्कर्ट को भी नीचे करके उतार दिया. मेरे बूब्स मसलने लगे. फिर मेरी ब्रा में से बूब्स बाहर निकाल लिए.

‘सर ब्रा उतार दीजिये और आराम से चूसिए.’ सर ने ब्रा को खोल दिया और मेरे दूध चूसने लगे.

‘आआह सर काटो मत … आंह.’ सर एक निप्पल चूसते हुए दूसरे निप्पल को मसलने लगे.

‘उईई ईईई मां सर आराम से करो न … मैं यहीं तो हूँ …’ अब सर ने मुझे लिटा दिया और पैरों से लेकर होंठों तक जीभ फेरने लगे.

‘उम्मम्मम्म स्स्स सर क्या नशा है … उम्मम्म स्स्स्स आह सर … अब मेरी चूत को चूसिये न.’ ‘हां मेरी जान अभी लो.’

सर ने मुझे उठा कर मेरी चूत को फैलाया और चूत पर एक जोरदार चुम्मा कर लिया.

‘उम्मम्म सर मार डालोगे क्या इस्सस सर … ऐसे मत करो न यार …’ ‘तेरा मुँह जब तक खुला रहेगा … तू बोलती रहेगी.’

मैं समझ गई कि अब सर मेरे मुँह में लंड देने वाले हैं.

दोस्तो … अपनी इस मस्त स्कूल सर सेक्स कहानी को मैं अगले भाग में पूरा लिखूँगी. आप मुझे मेल जरूर कजिएगा. [email protected]

स्कूल सर सेक्स कहानी का अगला भाग:

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