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सर्द रात में अंकल ने जबरदस्त गांड मारी

चुदासी सन्नो
सर्द रात में अंकल ने जबरदस्त गांड मारी
@चुदासी सन्नो
12 min

यंग बॉय गे फक कहानी में मैंने अपने मकान मालिक के दोस्त से गांड मरवाकर मजा लिया. मैं पहले से ही बॉटम गे हूँ. उन अंकल को देखकर मेरा मन हो गया कि मैं उनका लंड अपनी गांड में लूं.

नमस्कार दोस्तो, मैं चुदासी सन्नो. मेरी पिछली कहानी थी: लड़के को पटाकर गांड मरवाई

समय की कमी के चलते मैं काफी समय से नई कहानी नहीं लिख पाया. आज किसी तरह से लिखने का समय निकाल पाया, तो आपके लिए एक बेहतरीन सेक्स कहानी लेकर हाजिर हूँ.

यह घटना मेरे साथ कुछ समय पहले ही हुई थी. यह यंग बॉय गे फक कहानी दिसंबर की सर्द दिनों की है.

मैं अपना शहर छोड़ कर जयपुर शिफ्ट हुआ था. कुछ ही दिनों में जयपुर में मैं सैट हो गया था.

मेरे मकान मालिक काफी अच्छे स्वभाव के हैं. मैं अक्सर उनके पास बैठ कर बातें कर लिया करता था.

कुछ ही दिन बीते कि उनके एक दोस्त अजय अंकल भी उनके घर के बाजू वाले घर में रहने आ गए.

दरअसल बाजू वाला मकान अजय अंकल का ही है और उनके घर के कुछ कमरों को मेरे मकान मालिक ही किराए पर चढ़ाते हैं.

अजय अंकल की फैमिली हैदराबाद में रहती है. वे यहां अपनी प्रॉपर्टी के काम और कुछ कोर्ट के काम के हिसाब से दो महीने यहीं रुकने के लिए आए थे.

शुरू में उनकी पत्नी भी आई थीं पर वे कुछ ही दिन में कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद वापस हैदराबाद चली गईं.

अजय अंकल भी मुझसे बातें करने लगे थे. उनके बात करने का तरीका मुझे काफी अच्छा लगता था.

वे रात में मुझे व्हाट्सएप पर मैसेज कर बात करने लगे थे.

शुरू में मुझे लगा कि अंकल अकेले रहते हैं, तो शायद उन्हें बात करने में अच्छा लगता हो.

वे मुझसे इधर उधर की बातें कर लेते थे. मैं भी उनके साथ थोड़ी बातें कर लेता था.

एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि वे बाहर जा रहे हैं, देर से आएंगे. घर का ध्यान रखने के लिए मैं उनके घर पर रुक जाऊं.

मैंने बहुत ज्यादा नहीं सोचा और शाम होते उनके घर चला गया.

जब मैंने उनसे खाना का पूछा. तो उन्होंने कहा कि मैं खाना बाहर से लेकर आऊंगा तो तुम खाना आदि का ज्यादा कुछ न सोचना. मैंने भी हां भर दी.

उनके जाने के बाद टीवी शुरू करके बैठ गया और थोड़ी देर में मेरी आंख लग गई.

तभी मुझे सपना आया कि अंकल नहा कर तौलिया लपेट कर मेरे पास आए और धीरे से मेरा हाथ खुद के खड़े लंड से पर ले लिया. मैं भी आराम से उनका लंड सहलाने लगा.

उनका लंड काफी मोटा था. मुझसे रहा नहीं गया और मैंने तौलिया खोल कर उनके लंड को देखा.

मोटा लंड देख कर मैंने सीधा मुँह में लपक लिया. अब वे मेरे ऊपर छा गए.

उनका पूरा लंड मेरे मुँह में था. मैं उसे भरपूर स्वाद से लिए चूसे जा रहा था.

इतने में फोन बजा और मेरा सपना टूट गया.

यह अजय अंकल का फोन था. वे कह रहे थे कि दस मिनट में आ जाएंगे.

मैंने मुँह धोया और गेट खोल कर उनके आने का इंतजार करने लगा. बाहर काफी तेज सर्द हवा चल रही थी.

उसी वक्त अंकल आ गए और वे जल्दी से अन्दर आ गए.

मैं अपने सपने के चलते उनको थोड़ी कामुक नज़रों से देखने लगा.

अंकल काफी मस्त थे. उनका जिस्म भी काफी भरा हुआ था.

मतलब आप यूं समझो कि दस मिनट नहीं लगे और मेरी नीयत उनके लिए खराब होने लगी.

मैं अब कैसे भी उनका लंड अपनी गांड के अन्दर घुसवाना चाहता था.

अंकल ने शायद ड्रिंक की हुई थी. उन्होंने खाना खोला और सर्व किया.

हम दोनों ने खाना खाया.

उसी दरमियान मैंने अंकल से उनकी फैमिली और वाइफ के बारे में पूछा. उन्होंने बोला- सब ठीक हैं.

अब उन्होंने मुझसे पूछा कि तेरी कोई गर्लफ्रेंड बनी यहां? मैंने बोला- नहीं अंकल, मुझे यह सब पसंद नहीं है.

अंकल बोले- फिर क्या लड़के पसंद हैं? मैंने अंकल की तरफ देखा और सकपका सा गया. मेरे मन में तो आया था कि बोल दूँ कि मुझे आप पसंद आ गए हो.

वे हंसने लगे और मैं भी हंस दिया.

अंकल ने कहा- ठंड बहुत है और रात भी हो गई है. तू आज यहीं सो जा! मैं भी शायद यही चाहता था तो फट से मान गया.

अंकल ने कहा- उस तरफ रूम है, फ्रेश होकर सो जाना. मैं थोड़ा टीवी देख कर आऊंगा.

मैं कमरे में चला गया और अंकल के आने का इंतजार करने लगा.

अजय अंकल बहुत इंतजार करवा रहे थे.

फिर वे आए और मेरे पास ही सो गए. उन्होंने मुझे आवाज भी दी कि सो गया क्या? पर मैंने कोई जवाब नहीं दिया.

उन्होंने मेरी गांड पर हाथ धर दिया और बोले- अरे इतनी जल्दी सो गए? मैंने कोई हरक़त नहीं की.

थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि वे फोन में पोर्न देख रहे थे. उन्होंने मेरी तरफ देखा तो उन्हें पता चल गया कि मैं जाग गया हूँ.

उन्होंने फोन बंद कर दिया और मुझसे पूछा- क्या हुआ … नींद नहीं आ रही क्या? मैंने कहा- मुझे जींस में सोने की आदत नहीं है … और लोअर मैं लाया नहीं!

तो वे बोले- अरे, मेरे पास भी एक ही लोवर है … और दूसरा धोकर रखा है. मैं कुछ नहीं बोला.

उन्होंने वापस कहा- कबर्ड में देख … शायद कुछ पहनने का हो.

मैंने खोला तो उसमें अंकल के जींस शर्ट या टी-शर्ट थे.

उन्होंने मुझसे कहा कि अंडरवियर में सो जा! मैं बोला- नहीं अंकल … उसमें ठंड लगती है.

मैंने दूसरा कबर्ड खोला, तो उसमें शायद आंटी के कुछ ब्लाउज और पेटीकोट थे, जो यहां रह गए थे या वे यहीं रखती थीं.

अंकल ने कहा- यही पहन ले, नाड़े वाले हैं, तो तुझे आ भी जाएंगे. मैंने कहा- ये कैसे पहन लूं अंकल … ये तो औरतों के पहनने के हैं! वे बोले- तो तुझे कौन सा बाहर जाना है, सोना ही तो है, पहन ले यार.

मैंने कबर्ड को बंद किया और ऐसे ही सोने की कोशिश की.

एक घंटा बाद भी मुझे नींद नहीं आ रही थी. अंकल के सोने के बाद मैंने जींस निकाली चुपके से पेटीकोट पहन कर आकर सो गया.

उस पेटीकोट में मैं पूरा कंफर्टेबल था पर इसे पहनने से मेरे अन्दर की हवस से भरी औरत जाग गई थी. अब उस चुदासी औरत को अंकल के लंड पर उछलना था.

हर पल मेरा होश खो रहा था. मैंने अपना हाथ अंकल के लंड पर घुमाना शुरू कर दिया.

थोड़ी देर में मैंने कंट्रोल किया और दूसरी तरफ मुँह करके सो गया.

थोड़ी ही देर में अजय अंकल ने मेरी कमर पकड़ी और मुझे अपने पास खींच लिया. उनका तना हुआ लंड मेरी गांड से टकराने लगा.

लंड का अहसास पाते ही एक जोर का करंट लगा और मेरे पूरे तन बदन में दौड़ गया.

मेरी सांसें तेज हो गईं और अंकल ने पेटीकोट को थोड़ा ऊपर करके मेरी अंडरवियर नीचे सरका दी.

अब पेटीकोट के ऊपर से अजय अंकल का लंड मेरी गांड की दरार पर सटा हुआ था. मैं तेज तेज आहें भर रहा था और अजय अंकल के हाथ मेरी छाती पर घूम रहे थे.

मैं अब एक चुदासी रांड बन गई थी और मैं खुद को पूरा अजय के हवाले कर चुकी थी. अब मेरी गांड अंकल के लंड का स्वागत करना चाहती थी.

मैंने अपना हाथ उनके लंड पर रख दिया और सहलाने लगी.

अंकल का लंड काफी बड़ा और मोटा था. मैंने हल्के हल्के हाथों से लंड को मसलना शुरू कर दिया.

मैं अभी भी किसी गर्म औरत की तरह आहें भर रही थी. मेरी धड़कनें तेज हो गयी थीं.

अजय ने मेरे कान में कहा- नीचे आ जा … और इसे प्यार से चूस!

मैंने आंखें बंद की और नज़रें मिलाए बिना अंकल के लंड को लपक कर अपने मुँह में ले लिया.

तब मैंने देखा कि उनका लंड बहुत बड़ा था. यह तो आज मेरी गांड ही फाड़ देगा.

मैं डर चुकी थी पर कमबख्त लंड का नशा भी अलग ही चीज है.

मैं बस लंड चूसती जा रही थी. अंकल ने मेरा सर पकड़ कर अपने लंड पर दबा दिया. उनका पूरा लंड मेरे गले तक चला गया.

मैं खांसी करके उठ गया.

अब मैं अंकल पर चढ़ गया. उन्होंने कहा- पहले कंडोम लगाने दे. मैंने कहा- कहां है कंडोम?

वे बोले- मेरी जेब में हैं, आज ही लाया हूँ.

मैंने हंस कर अंकल को देखा और उन्होंने मेरे गाल पर हाथ फेर कर कहा- मेरी जान, तेरी आंखों में मुझे वासना दिख रही थी तो मैंने समझ लिया था कि तू मेरे लंड की प्यासी है. अब जा कंडोम ले आ और उधर से वह लोशन भी ले आना.

मैंने हंस कर उनकी पैंट से कंडोम निकाला और लोशन लेकर आ गई.

अब मैंने अंकल के लंड को चूम कर उस पर हौले से छतरी को पहना दिया.

मैं नीचे पैर पसार कर लेट गया और अंकल मेरे ऊपर चढ़ गए.

उन्होंने पहले मेरी गांड में बहुत सारा लोशन डाला और धीरे धीरे मेरी गांड की मालिश शुरू कर दी.

मैं मस्त होता चला गया और अपनी गांड ढीली कर ली.

अंकल ने अपना लंड पेला और गांड को तबला जैसे बजानी शुरू कर दी.

मैं हैरान था कि एकदम कम दर्द के साथ उन्होंने मेरी गांड बजाना चालू कर दी थी.

पर मैं गलत थी क्योंकि अभी आधा लंड भी अन्दर नहीं घुसा था.

वे पूरी तरह से मेरे ऊपर चढ़ गए और अपने हाथ आगे करके अंकल ने मेरे छोटे छोटे बूब्स कस के पकड़ लिए. मैंने भी आंखें बंद कर लीं और तकिए को दांतों के बीच दबा दिया.

उसी पल एक जोरदार धक्के और पट्ट की आवाज के साथ मेरी गांड ने अंकल का पूरा लंड अपने अन्दर समा लिया.

मेरे दर्द की कोई सीमा नहीं थी.

मैंने एक शब्द भी नहीं निकाला, बस तकिए को चबा लिया.

अजय अंकल अब पूरे जोश के साथ मेरी गांड खुल कर बजाने लगे.

मैं उन्हें महसूस नहीं होने दे रही थी कि मैं दर्द से मर रहा हूँ.

काफी देर की दमदार चुदाई के बाद मुझे भी अब गे फक में मजा आने लगा.

मैं भी अब हिल-हिल कर उनका साथ दे रही थी. वे पूरे जवानी के जोश से मेरी खुल कर बजा रहे थे.

उन्होंने कहा- ये पेटीकोट उतार दे. मैंने कहा- नहीं, ये आंटी का पेटीकोट मुझे औरत बना रहा है. पेटीकोट ही मुझे इतना मजा दिला रहा है.

उन्होंने मुझे सीधा किया और कंडोम निकाल कर लंड को थोड़ा हिलाया और सारा माल मेरे चेहरे पर गिरा दिया.

उनके लंड रस को मैं एंजॉय कर रही थी और अपने होश में ही नहीं थी.

मैं मदहोशी से बाहर आना भी नहीं चाहती थी.

अजय अंकल के लंड ने मुझे पूरा खुश कर दिया था. अंकल भी मेरे पास आकर सो गए.

सुबह उनका तना हुआ लंड मेरी गांड से सटा हुआ था. मैं चाहती थी कि अजय अंकल एक बार और मेरी वापस बजाएं पर उनको किसी का कॉल आया और वे तुरंत निकल गए.

तो मैं भी चेंज करके निकल गया.

मैं खुद के कमरे में आया तो मैं कल की हसीन रात भूल ही नहीं पा रहा था.

बस मैं एक बार और दमदार चुदाई चाहता था. यही सोचते सोचते शाम हो गई.

मैं शाम को खुद अजय अंकल के घर में चला गया. मैं उनके कमरे में आ गया.

मुझे लगा कि वे कमरे में नहीं हैं.

मैंने फट से अन्दर आकर आंटी का ब्लाउज पेटीकोट निकाला. मुझे साड़ी नहीं मिली, तो मैंने बेड के नीचे देखा.

उधर एक पुरानी सी साड़ी पड़ी थी. मैंने वही पहन ली और सज कर लंड के इंतजार में बैठ गई.

थोड़ी देर में अजय अंकल बाथरूम से बाहर आए, तो मैं चौंक गई.

उन्होंने हंस कर मुझे अपनी बांहों में भर लिया और बोले- अरे मेरी रण्डी, मैंने तुझे सारे दिन बहुत मिस किया. अभी तुझे ही कॉल करने वाला था, पर तू पहले ही आ गई!

मैंने बिना समय गंवाते हुए अंकल को लिटाया और उनके ऊपर चढ़ गई.

मैंने अजय अंकल की तौलिया को खोला और उनके लंड को सहलाना शुरू कर दिया.

उन्होंने कहा- अरे आराम से रानी … इतनी क्या जल्दी है! दो दो पैग ले लेते हैं, फिर मजा करेंगे!

मैंने कहा- गांड में आग लगी हुई है, आराम करने का मन नहीं है. पैग बाद में लगा लेंगे.

अब अजय अंकल ने मुझे बांहों में लेकर ऊपर ले लिया.

मेरी गांड के छेद पर थोड़ा तेल लगाया. मैंने भी तेल लेकर उनके लंड पर मसल दिया.

आज बिना कंडोम के ही उनका लंड मेरी गांड में जा रहा था.

धीरे से मैं उनके लंड पर बैठ गई और पक्क की आवाज के साथ अंकल का पूरा लंड मेरी गांड में घुस गया. मैं भी आह करके अपने होश खो चुकी थी.

उन्होंने मेरी कमर पकड़ी और जोर जोर से धक्के देने लगे. मैं भी जोर जोर से चिल्ला रही थी. उन्होंने आवाज सुनकर अपने धक्के धीमे कर दिए.

अब मेरी कामुक सिसकारियां भी धीमी हो गईं. मैं हल्के हल्के शोर के साथ सिसक रही थी.

कुछ देर की सिसकारियों के बाद एक तेज धार मेरी गांड में छूट गई. मैं उफ्फ की आवाज के साथ मदहोश हो गई और लेट गई.

जब आंख खुली तो अजय अंकल ने मुझसे कहा कि पहले दिन से तेरी खुल कर बजाना चाहता था और आज बजा दी. मैंने हल्की स्माइल दी.

उन्होंने कहा- चल अब घोड़ी बन जा. फिर से लेते हैं.

वे दारू के पैग बनाने लगे. हम दोनों ने दो दो पैग लगाए और मैं अपने सनम को सुख देने के लिए घोड़ी बनने लगी.

मैंने उनका थोड़ा लंड सहलाया और घोड़ी बन गई. उन्होंने मुझे घोड़ी बना कर भी खूब पेला.

अगली सुबह मैं अपना सारा सामान लेकर अजय अंकल के कमरे में ही शिफ्ट हो गई.

अब मैं हर रात अजय अंकल की रात की रानी बन कर चुदती रहती हूँ.

फरवरी में अजय अंकल वापस हैदराबाद चले जाएंगे, तब तक मैं हर रात का लुत्फ पूरे जोश से उठा लेना चाहती हूँ.

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