मैं अपने सीनियर के मोटे लंड से चुदी
X गर्ल फक स्टोरी में मुझे अपने बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स करते एक सीनियर ने देख लिया और फ़ोटो खींच कर हमारे पास आ गया। उसने मेरी चूची पकड़ ली और मुझे चोदने को कहने लगा।
हाय फ्रेंड्स, मैं आपकी प्यारी फ्रेंड अंकिता अपनी सेक्स कहानी का अगला भाग लेकर एक बार पुन: हाजिर हूँ. मैंने अपनी पिछली कहानी घर बुलाकर चूत मरवाई आपको सुनाई थी.
उनसे आपने जाना था कि चेतन और मैं अब एक दूसरे के साथ इसी तरह मौका मिलते ही सेक्स करना शुरू कर देते थे. शुरू शुरू में हम दोनों अकसर घर के बाहर ही किसी सेफ जगह पर सेक्स करते मतलब कभी होटल में, तो कभी कहीं किसी दोस्त के कमरे पर चुदाई कर लेते थे.
चेतन का सिनेमा हॉल के अंधेरे में मेरे मम्मे दबाना प्रिय खेल था. मुझे शुरू शुरू में बाहर या होटल के कमरे में सेक्स करने से डर लगता था और मैं उधर जाने में शर्माती भी बहुत थी क्योंकि लोग सब समझते थे कि लड़की कमरे में जा रही है तो पक्का चुदने ही जा रही है. पर सेक्स की आग ने मुझे यह सब सहन करने की आदत डाल दी थी.
फिर कमरे में चेतन के साथ चुदाई के दौरान मैं खूब मजे भी करती थी. उसके साथ चुदाई के खेल में पूरी तरह से खुलने में मुझे साल भर लग गया था.
अब हम दोनों काफी खुल चुके थे.
पापा मम्मी के न रहने पर अब हम दोनों मेरे घर में भी चुदाई कर लेते थे. हालांकि यह मंगल अवसर महीनों में कभी कभार ही मिलता था.
चूंकि हम दोनों एक दूसरे से इतने ज्यादा खुल गए थे कि कहीं भी चूमाचाटी में लग जाते थे और वह मेरी चूत में उंगली करने लगता था या मैं जगह देख कर उसका लंड चूसने लगती थी.
हम दोनों के बीच यह सब सहज हो गया था.
फिर इस X गर्ल फक स्टोरी में एक अवसर ऐसा भी आया कि फाइनल ईयर के एक सीनियर लड़के ने हमें सामने से देख लिया और हमारा एक ऐसे सीन में फोटो ले लिया जो सारी कहानी बयान कर सकता था.
वह हमारे पास आया और उसने सीधे मेरे एक दूध को दबा दिया. उसकी इस हरकत से हम दोनों चौंक गए.
उसने घुड़की देते हुए कहा- ये सब यहां क्या कर रहे हो? अभी मैं कुछ जबाव दे पाती कि उसने फिर से मेरी कुर्ती के अन्दर हाथ डालकर मेरे मम्मों को दबा दिया.
मैंने उसके हाथ हटाया और चेतन ने उसे धक्का दे दिया.
वह बोला- ज्यादा होशियारी मत करो, मेरे पास तुम्हारा फोटो है. हम प्रिन्सिपल के पास चल सकते हैं.
उसने अपने मोबाइल में फोटो भी दिखाया. उस फ़ोटो में मैं चेतन का लंड चूस रही थी.
यह देख कर हम दोनों घबरा गए कि कहीं यह बात हमारे घर तक ना पहुंच जाए. मैंने उससे कहा- प्लीज़, यह फोटो डिलीट कर दीजिए!
उसने कहा- हां बिल्कुल कर दूंगा. पर एक बार मुझे भी मजा करना है. बोलो जल्दी से क्या चाहती हो, प्रिन्सिपल के पास चलना है या अभी के अभी तू सेक्स के लिए रेडी है!
मेरे पास कोई चारा नहीं था. चेतन भी कुछ नहीं कर सकता था. मेरी आंखों से आंसू आने लगे थे.
सीनियर ने मुझे गले से लगाकर कहा- देखो, तुम मेरे लंड को भी अपने ब्वॉयफ्रेंड का ही लंड समझो … हमारे पास ज्यादा टाइम नहीं है … जल्दी बोलो! मैंने कहा- ठीक है.
उसने चेतन को इशारा किया कि दरवाजे पर खड़े होकर देखे कि कोई आ रहा है या नहीं. इसके बाद वह मुझे पीछे लेकर गया और किस करने लगा.
मैं उसका साथ बिल्कुल नहीं दे रही थी. उसने मेरी कुर्ती उतारने की कोशिश की.
मैंने कहा- कोई आ गया तो गड़बड़ हो जाएगी, ऐसे ही कर लो! उसने कहा- ठीक है.
उसने अन्दर हाथ डाल कर मेरी ब्रा खोली और कुर्ती उठा कर मेरे बूब्स चूसने लगा. मेरी ब्रा मेरे कंधों से लटक रही थी.
फिर उसने मेरी जीन्स को खोला और पैंटी के साथ नीचे घुटनों तक खिसका दी.
उसकी हरकतों से मैं भी गर्म होने लगी थी. उसने दीवार के सहारे मुझे खड़ा किया और सीधे बिना कंडोम के लंड मेरी चूत के अन्दर घुसा दिया.
मेरी चूत में दर्द हुआ. पहली बार सूखा लंड मेरी चूत के अन्दर गया था.
अब तक तो हर बार चेतन ने चूत को चूस कर गीला किया था, तब लंड पेला था. मगर आज सूखे लंड के घुस जाने से मेरी चूत परपरा उठी.
लंड पेलने के बाद उसने अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों दूध पकड़े और उन्हें बेरहमी से दबाते हुए मुझे चोदने लगा. चेतन यह सब देख रहा था.
वह गुस्से में था पर कुछ कर नहीं सकता था. कुछ मिनट की चुदाई के बाद उसने अपना पानी चूत में ही निकाल दिया और लंड निकाल कर उसको सहलाने लगा.
इधर चेतन हम दोनों के पास आया.
मैं कपड़े पहन ही रही थी कि इतने में मोंटी हमें बुलाने के लिए क्लास के अन्दर आया. उसने मुझे और उस सीनियर को नंगा देख लिया और वह हक्का बक्का रह गया. उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा है!
फिर मैंने जल्दी जल्दी अपने कपड़े पहने और उस सीनियर से कहा- वह फोटो डिलीट करो. उसने कहा- अभी नहीं, अभी ठीक से चुदाई नहीं कर पाया. मुझे कोई मज़ा भी नहीं आया. चेतन ने गुस्से से उसकी कॉलर पकड़ ली तो मोंटी ने उन दोनों को अलग किया.
मोंटी पूछने लगा- क्या बात हुई? मैंने मोंटी को पूरी कहानी बताई.
सीनियर ने कहा- मैं एक बार और करूँगा. चेतन और मोंटी दोनों ने कहा- साले तेरा यह सिलसिला ऐसे ही चलते रहेगा … तू अब प्रिन्सिपल के पास चल. उधर हम तेरी करतूत भी बताएंगे.
यह सुनकर वह भी ठंडा हुआ और उसने कहा- प्लीज़ एक बार मुझे अच्छे से सेक्स करना है. मेरा विश्वास करो मैं उस फ़ोटो को डिलीट कर दूंगा. चेतन बोला- यह बात कैसे मान लूँ कि तू फिर अगली बार ये नहीं कहेगा कि और करना है?
उसने मोंटी से कहा- तुम मेरा मोबाइल रख लो और बस एक बार करने के बाद फोटो डिलीट कर दूंगा … नहीं तो मोबाइल तुम्हारे पास ही है! तो मैंने कहा- यह किस्सा यहीं ख़त्म करते हैं. बात ज्यादा बढ़ाने से कोई मतलब नहीं … ठीक है चलो एक बार और कर लो.
मैंने गुस्सा दिखाते हुए कहा पर अन्दर ही अन्दर मुझे उसके सूखे लंड से चुदने में मजा आ गया था और उसने जल्दी स्खलित होकर मेरी चूत की आग भड़का दी थी, जिसे बुझाने के लिए मैं मरी जा रही थी.
उसने कहा कि यहां पर संभव नहीं है … कहीं और चलते हैं! मोंटी ने कहा- मेरा रूम सेफ रहेगा.
हम चारों रेडी हो गए. चेतन ने कहा- अंकिता, तुम चिंता मत करो, आज यह कहानी यहीं ख़त्म कर देंगे!
वह मोंटी के साथ बाइक पर था और चेतन के साथ मैं थी.
रास्ते में उसने कहा- उसे सर दर्द की गोली लेनी है! यह कह कर वह मेडिकल स्टोर से गोली लेकर आया. उसके बाद हम सब सीधे मोंटी के कमरे पर आ गए.
उसका फ्लैट एक कमरे का ही था. उसी के अन्दर वह उसका दोस्त रहते थे.
अन्दर ही किचन और बाथरूम था. उसने दरवाजा लगा दिया.
अब अन्दर हम चारों थे.
मोंटी बोला- जल्दी करो, ज्यादा समय नहीं है … दोपहर से शाम हो रही है. शाम को मेरा रूम पार्ट्नर आ जाएगा.
मैंने चेतन से कहा- मुझे कुछ खाने को भी चाहिए! मैंने दोपहर का खाना भी नहीं खाया था तो भूख लग रही थी.
उसने मोंटी को पैसे देकर कहा कि कुछ खाने को ले आए. वह जाने के लिए तैयार हो गया.
चेतन मुझे अकेला नहीं छोड़ना चाहता था और कमरा मोंटी का था. उस बीच अगर कोई आ जाता तो गड़बड़ हो जाती.
इसलिए चेतन ने मोंटी से कहा कि तुम दरवाजा बाहर से लॉक करके चले जाना.
उसने ओके कहा और चला गया. इस दरमियान सीनियर मुझे ही देखे जा रहा था और उसकी आंखों में वासना भड़कती हुई साफ दिखने लगी थी.
मैंने भी उसके साथ सही से चुदने का मन बना लिया था पर मैं अपनी वासना जाहिर नहीं कर पा रही थी. सीनियर अब बिल्कुल तैयार था.
पहले वह पानी पीने गया और उसने गोली खा ली. चेतन ने कहा- चल जल्दी से सब खत्म कर! उसने कहा- ठीक है!
मैंने कहा- बिना कंडोम के मैं नहीं करूँगी! उसने कहा- कुछ नहीं होगा, मुझे बिना कंडोम ही करना है! मैं राजी नहीं हो रही थी.
सीनियर ने कहा- जैसा मैं कहूँ, तुमको वैसा ही करना पड़ेगा! मैंने गुस्से में कहा- ठीक है, कर ले!
उसने मेरी कमर में हाथ डाल कर मुझको अपनी तरफ खींच लिया. मैं पूरी तरह से सरेंडर कर चुकी थी.
अब उसने अपने होंठों को मेरे होंठों के साथ मिलाया और मेरे रसीले होंठों को चूसने लगा. मुझे अच्छा तो लग रहा था लेकिन चेतन के सामने मैं यह शो नहीं कर पा रही थी.
वह मेरी सॉफ्ट गांड दबाने लगा. मेरी सांसें तेज़ होने लगी थीं और मैं गर्म होती जा रही थी. मेरा दिल भी तेज़ी से धड़कने लगा था.
उसने अपना लंड उभार कर मेरी चूत से चिपका दिया. मेरे दिल के तार ऐसे झनझना गए जैसे बाग में बहार आ गई.
मेरा मन डोल उठा. मेरी चूत भी उभर कर उसके लंड के उभार को स्पर्श करने लगी.
दस मिनट तक लगातार वह मुझको किस करता रहा और अब मैं भी अपने मन में ‘चेतन की मां की चुत’ कह कर उसे रेस्पॉन्स देने लगी थी.
तभी उसने मेरी कुर्ती को पूरा उतार दिया और मेरे बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा.
मैं और गर्म होने लगी थी और भूलने लगी थी कि अपने ब्वॉयफ्रेंड के सामने ही मैं एक अंजान लंड से दुबारा चुदने वाली हूँ. तब मैं अपने आपको रोक नहीं पाई. मैंने उसके सिर को अपने मम्मों में दबाना शुरू कर दिया था.
धीरे से उसने भी जीन्स को पैंटी के साथ ही निकाल दिया; ऊपर से मेरी ब्रा को भी निकाल दी. मैं पूरी नंगी खड़ी थी.
फिर उसने एक झटके में ही अपने कपड़े निकाल दिए. उसका लंड सलामी दे रहा था.
वह करीब 7 इंच का लौड़ा था. उसका लंड चेतन के लंड के बराबर लंबा जरूर था, पर उसका लंड चेतन से काफी ज्यादा मोटा था.
मेरे अंदाज से शायद डेढ़ गुना मोटा लंड था.
उसने मुझसे लंड चूसने के लिए कहा. मैं खुद भी उसका लंड चूसना चाहती थी तो खुद को रोक ही न सकी और उसके लौड़े को चूसने लगी.
साले को मजा आने लगा और वह मेरे एक दूध को मसलते हुए मेरे मुँह को चोदने लगा. सच में उसका लंड किसी मोटे चूहे के जैसा था, मेरा मुँह दुखने लग गया था.
दूसरी तरफ वह रुका ही नहीं, वह अपना काम किए जा रहा था. पहली बार कोई दूसरा मर्द मेरे मम्मे दबा रहा था, मुझे अब उसके साथ मजा भी आ रहा था.
उसके बाद उसने मुझे लेटने के लिए कहा और मेरी कमर के नीचे दो तकिए रख दिए. इस कारण से मेरी चूत पूरी तरह से उभर कर ऊपर आ गयी थी.
उसने मेरी चूत पर अपना मुँह लगा दिया और मेरी चूत को चाटने-चूसने लगा. मैं मदहोश होने लगी. मस्ती में मैं अपनी चूत को उठा उठा कर गैर मर्द से चटवाने का मजा लेने लगी.
क्या बताऊं दोस्तो, जैसे वह मेरी चूत को चाट रहा था, उससे मजा आ गया था. वह अपनी पूरी जीभ चूत के अन्दर तक डाल देता था, फिर उंगली भी डालता था.
जैसे ही वह चूत में उंगली डालता था, मैं पानी पानी हो जाती थी. इस तरह से मेरी चूत बिल्कुल गीली हो गयी थी.
उसने दोबारा से उठ कर लंड को मेरे मुँह में दे दिया और मैं चूसने लगी. उसके लंड ने कामरस छोड़ना शुरू कर दिया था.
मैंने उसके लंड को चूस चूस कर रसीला कर दिया था. उसने कहा- अब झुक जा प्यारी!
मैंने अपनी गांड को उसकी तरफ करते हुए अपनी पीठ को कुतिया के जैसे झुका लिया. मैं डॉगी पोजीशन में आ गयी थी.
उसने पीछे से मेरी चूत को सहलाया और उंगली से गीली चूत को एक दो बार रगड़ा.
फिर मेरी चूत पर लंड लगाया और मेरी कमर पकड़ कर चूत में लंड का तेज धक्का दे लिया. X गर्ल फक शुरू हो गया।
इतने में ही मोंटी खाने का कुछ लेकर आया, उस वजह से दरवाजा खुलने से जरा हड़बड़ी हुई और उसने अपना पूरा लंड ठांस दिया. मैं डर के मारे चीख भी न पाई.
मोंटी ने अन्दर आकर दरवाजा बंद किया और इधर मेरी चुदाई चालू हो गई थी. जल्दी से मोंटी ने दरवाजे में सिटकनी चढ़ाई और मुझे चुदवाते हुए देखने लगा.
मैं सीनियर के लंड के मजे लेने लगी थी और एकदम से भूल गयी थी कि मोंटी भी चेतन के साथ मेरी चुदाई देख रहा है.
सीनियर अपना लंड बेखौफ अन्दर घुसा रहा था और बाहर कर रहा था. उसने मेरे दूध पकड़े और एक तेज झटके में पूरा लंड अन्दर पेल दिया.
मैं अब कराही- आह आह मर गई … धीरे पेलो! उसने दोबारा से धीरे धीरे अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
जब वह लंड को झटका देता, तो मुझे हल्का सा दर्द होता और मेरी दर्द भरी ‘उम्म्ह … अहह … हय …’ निकल जाती थी.
मेरी कामुक आहें उसके जोश को और ज्यादा बढ़ा रही थीं. मैं लगातार ‘आआह ऊऊह उई’ करने लगी थी.
अभी वह धीमी रफ्तार से अपने लौड़े को मेरी चूत के अन्दर बाहर करते हुए चुदाई कर रहा था कि तभी उसने एक ज़ोर का झटका मारा और उसका पूरा लौड़ा चूत में अन्दर तक चल गया.
उसका लंड शायद मेरी बच्चेदानी में जा लगा था तो मेरी एक तेज कराह निकल गई और मेरे मुँह से गाली भी निकल गई- मादरचोद, धीरे चोद बहन के लौड़े!
उसको तो मानो मेरी गाली से मजा आ गया था. उसने मेरे दोनों दूध भींचे और मेरी गर्दन को चूमते हुए कहा- साली रंडी … गाली मार बहन की लौड़ी … चुपचाप चुदवाती रह!
मैं चुप हो गई और वह चोदने में लगा रहा था.
थोड़ी देर बाद वह तेज़ झटके मारने लगा. मुझे मजा आने लगा.
कुछ देर बाद मुझे अपनी चुदाई का चरम आता सा लगा और मैं झड़ गयी.
इसी बीच फिर जब उसने मेरी गीली गांड में उंगली डाली, तो मैं उछल पड़ी और गुर्राती हुई बोली- साले, मेरी गांड अभी वर्जिन है. इसमें उंगली नहीं! वह बोला- ठीक है, जैसा तुम बोलो!
उसने वापस मेरी चूत में लंड चलाना शुरू कर दिया.
अब वह सीधा खड़ा था और मैं अपनी गांड पीछे करके उसका लंड अन्दर लेने लगी थी.
फिर उसने मुझे उल्टा करके मेरे पेट के नीचे एक गोल तकिया रख दिया. इसी पोजीशन में वह मुझे चोदता रहा और मुझसे बोला- डार्लिंग मज़ा आ रहा है ना!
मैं कुछ नहीं बोली. उसने कहा- वियाग्रा की गोली का असर पता नहीं कब तक रहता है, मैं थक गया हूँ. अब तुम मेरे ऊपर आ जाओ.
मैं समझ गयी कि इसने मेडिकल से सर दर्द की नहीं, वियाग्रा की गोली ली थी.
अब मैं उसके लौड़े के ऊपर आकर उठक बैठक करती हुई उससे चुद रही थी. वह मेरे मम्मों से खेल रहा था.
फिर उसने मुझे घुमा दिया. उसकी छाती की तरफ मेरी पीठ थी.
अब मैं फिर से उचक उचक कर चुद रही थी. इसी बीच उसने पीछे से मेरे सारे बालों को खोल दिया और उन्हें पकड़ कर मुझे खींच खींच कर चोदने लगा.
अब मैं भी थक चुकी थी. फिर कुछ और देर चुदाई के बाद वह और तेज तेज मुझे चोदने लगा, मुझे पता लग गया कि अब इसका माल निकलने वाला है. मैं उसका साथ देने लगी क्योंकि मैं भी झड़ने वाली थी. वैसे तो मैं एक बार पहले भी झड़ चुकी थी.
मैंने उससे कहा- रस बाहर निकालना! उसने कहा- हां डार्लिंग!
अब वह जोर जोर से करता जा रहा था. फिर उसने मेरी गांड के ऊपर ही सारा माल निकाल दिया. उसके साथ ही मैं भी झड़ गई.
चुदाई खत्म होते ही चेतन आगे आया और उसने सीनियर से कहा- अब मोबाइल का पासवर्ड बता! उसने बताया और चेतन ने फोटो डिलीट कर दी.
तब मुझे और अच्छा लगा लेकिन चुदाई में मुझे बहुत मज़ा आया था. मैं बाथरूम में चली गयी. उधर मैंने अपने आपको साफ किया.
इतने में वह सीनियर बोला- अब मैं चलता हूँ, लेकिन तेरी गर्ल फ्रेंड एकदम करारा माल है. चेतन की झांटें सुलग रही थीं.
वह चला गया. मैं बहुत थक चुकी थी और भूख भी लग रही थी. मैं नंगी ही थी.
मोंटी मेरी चुदाई देखकर खुश हो गया था. उसका चेहरा खिला हुआ दिख रहा था.
हमने साथ में वहीं खाना खाया और मैं थोड़ी देर के लिए वहीं लेट गयी. मैं अभी भी नंगी थी.
तभी चेतन मेरे पास आया और बोला- अंकिता, आज जो कुछ भी हुआ उसके लिए सॉरी! मैंने कहा- कोई बात नहीं, भूल जाओ सब! उसने मुझे किस किया.
शायद मेरी चुदाई देखकर चेतन का मूड भी बन गया था. चेतन ने मुस्कुरा कर इशारा किया. मैंने हां में सर हिला दिया.
वह समझ गया कि मेरी सहमति है. फिर हम दोनों ने मोंटी को देखा, तो वह बोला- मैं चुदाई देख चुका हूँ प्लीज़ मुझे बाहर जाने का मत बोलो. अब मुझसे कैसी शर्म?
हम दोनों मुस्कुरा दिए.
दोस्तो, आगे क्या हुआ वह अगली सेक्स कहानी में बताउंगी कि मैंने कैसे मोंटी के लंड की प्यास भी बुझाई.
आपको मेरी X गर्ल फक स्टोरी कैसी लगी. मुझे जरूर बताएं. [email protected]