होटल में चुदकर बुझाई चूत की प्यास- 1
सेक्स में ओर्गास्म ना मिले तो क्या फायदा चूत फड़वाने का … मेरा बॉयफ्रेंड मुझे होटल ले गया। हम नंगे होकर चुदाई करने लगे और उसका जल्दी निकल गया। वह मुझे नंगी सोती हुई छोड़ गया।
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Audio Playerमेरे प्यारे मित्रो, कैसे हो आप सब, आशा करती हूं आप सब अच्छे होंगे। मेरा नाम साधना है। मैं दिल्ली शहर की रहने वाली लड़की हूं। मेरी उम्र 23 साल है, मेरा फिगर 36–34–38 है।
मैं हाज़िर हूं अपनी कहानी का अगला भाग आप लोगों तक पहुंचाने के लिए। जिसने मेरी पिछली कहानी प्यासी चूत में मोटे लंड की कामना नहीं पढ़ी, वे पढ़ लें, तभी यह कहानी समझ आएगी।
अब देर ना करते हुए आगे की कहानी पर आते हैं.
यार से पब्लिक टॉयलेट में चुद कर मुझे ओर्गास्म नहीं मिला था तो मैं रात को चूत में उंगली कर मैं नंगी ही अपने रूम में सो गई।
अगली सुबह मेरी आंख तब खुली जब भाभी ने आ कर मेरे रूम का दरवाजा खटखटाया। मैंने आंख खोली तो भाभी बाहर से बोली- साधना उठना नहीं है क्या, 8 बज गए, ऑफिस नहीं जाना?
मैं टाइम सुन जल्दी से उठी. फोन देखा तो बॉयफ्रेंड के 10 मिस्ड कॉल आए थे।
मैं जल्दी से उठी, नहाने गई। नहाने के बाद मैं बाहर आकर कपड़े पहनने लगी। तैयार होकर मैं नीचे आ गई।
मॉम बोली- आ जा नाश्ता कर ले। मैं बोली- नहीं मॉम, मैं बहुत लेट हो चुकी हूं।
मैंने अपना टिफिन लिया और निकल गई। ऑफिस के लिए मैंने जल्दी से टैक्सी की और ऑफिस पहुंच गई।
मैं ऑफिस पहुंच कर अपने काम में लग गई, बॉस का दिया प्रोजेक्ट पूरा करने में लग गई। पता ही नहीं चला कब लंच का समय हो गया।
मैंने टाइम देखा, फिर मैंने अपना खाना खाया और बाहर आ गई सिगरेट पीने। वहीं मुझे बॉयफ्रेंड मिल गया।
वह बोला- कहां थी यार, सुबह इतने कॉल्स किए मैंने तुम्हें! तो मैं बोली- अरे यार नींद ही नहीं खुली।
हम दोनों ने सिगरेट पी।
फिर बॉयफ्रेंड बोला- चल ना, कल वाली जगह चलते हैं। मैं बोली- नहीं, मुझे नहीं जाना।
वह दबाव देने लगा लगा लेकिन मैं नहीं गई। फिर लंच ओवर हो गया। मैं उसे बाय बोल अपने ऑफिस में आ गई और अपना काम करने लगी।
मैंने अपना पूरा प्रोजेक्ट शाम तक पूरा कर लिया और बॉस को जाकर दे दिया। फिर अपना बैग लेकर मैं निकल गई।
इतने में बॉयफ्रेंड की कॉल आ गई और थोड़ी ही देर में वह मुझे लेने आ गया। मैं कार में बैठी और हम घर के लिए निकल पड़े।
रास्ते में वह बोला- बेबी कल तो हॉलिडे है, क्यों न हम होटल चलें? मैं बोली- अरे नहीं यार!
फिर वह जोर देने लगा तो मैं मान गई। करीब आधे घंटे बाद हम होटल पहुंचे।
हमने जाकर रूम लिया। रूम में आ कर बीएफ ने दारू मंगवा ली।
थोड़ी ही देर बाद डोर बेल बजी। बीएफ ने जाकर दरवाजा खोला और वेटर दारू और कुछ खाने का सामान ले कर रूम में आ गया। हम दोनों बैठकर दारू पीने लगे।
पीते-पीते हमें नशा होने लगा। हमने कब पूरी बॉटल खत्म कर दी पता ही नहीं चला और हम दोनों नशे में एकदम मस्त हो गए।
बॉयफ्रेंड ने मुझे अपने करीब खींचा और मेरे होंठों को चूसने लगा। मैं भी उसके गले से लगकर उसका साथ देने लगी।
रोहण ने मुझे चूमते-चूमते मेरा टॉप और ब्रा उतार फेंकी और मेरे चूचे दबाने लगा। मैंने भी रोहण की जिप खोली और लन्ड बाहर निकाल कर हिलाने लगी।
रोहण ने मुझे पकड़ कर बेड पर लेटा दिया और मेरे ऊपर आ कर मेरे चूचों को मुंह में भर लिया और उन्हें चूसने लगा।
मैं उसका सिर चूचों में दबाने लगी। मेरे मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं- आह्ह … सीसीसी … इस्स्सस … ओह्ह रोहण बेबी और चूसो … और चूसो … आह्ह।
वह मेरी गर्दन पर दांतों से काटने लगा। मैं भी पागल सी होने लगी। वह जोर जोर से काटने लगा तो मेरी दर्द में चीख निकल गई- आउच … बेबी आराम से करो … काटो मत प्लीज!
दस मिनट तक लगातार चूचे चूसने के बाद रोहण मेरी बॉडी को चाटता हुआ नीचे जाने लगा। मैं उसके बालों को सहलाने लगी।
रोहण ने मेरी जींस का बटन खोला तो मैंने अपनी गांड ऊपर उठा दी।
रोहण ने झट से मेरी जींस नीचे खींच दी और उतार फेंकी। अब मैं सिर्फ पैंटी में उसके सामने थी। रोहण मेरी जांघों को चाटने लगा।
मैं टांगें फैला कर उसके सिर को दबाने लगी। जांघों को चाटता हुआ रोहण मेरी पैंटी के करीब आया तो मैं खुश हो गई- आह्ह रोहण बेबी … प्लीज आज चाट लो इसे!
रोहण ने मेरी आंखों में देखा और अपनी नाक मेरी पैंटी पर फिराई. तो मैं सिहर उठी- आआह्ह फक रोहण! मैं उसका सिर पकड़ कर दबाने लगी।
उसने मेरी पैंटी अपने मुंह से खींच घुटनों तक उतार दी। मैंने टांगों को फैला दिया।
रोहण ने तभी मेरी चूत में दो उंगलियां घुसेड़ दीं। मेरी आह्ह निकल गई।
मुझे गुस्सा भी आया क्योंकि मुझे लगा शायद आज वह मेरी चूत जरूर चाटेगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। वह मेरी चूत में उंगली डाल अंदर-बाहर करने लगा।
थोड़ी देर बाद रोहण पूरा नंगा हो गया और बेड पर लेट गया। मैं उठी और रोहण की बॉडी को चाटने लगी। उसके सीने से लेकर उसके पेट तक धीरे-धीरे मैं नीचे आई और उसका अंडरवियर उतार कर उसके लन्ड को पकड़ कर उस पर जीभ फिराने लगी।
रोहण मेरे बालों को सहलाने लगा। मैं उसके लन्ड को अच्छे से चूस रही थी।
फिर उसकी बॉल्स को चूसने लगी। वह पागल होने लगा।
मैंने लन्ड मुंह में भर लिया और तेज़-तेज़ पूरा अंदर तक ले कर चूसने लगी। रोहण भी मेरा सिर पकड़ कर धक्के देने लगा।
मैं नशे में मस्त उसके लन्ड को चूसती रही।
रोहण जोश में आकर बोला- आह्ह्ह … आअह्ह … आह्ह साधना … जान मुझे तुम्हारी मम्मी चोदनी है एक बार … उफ्फफ क्या चूतड़ हैं उनके! मैं रोहण की बात सुन और तेज़ी से लन्ड को चूसने लगी।
दस मिनट तक लगातार लन्ड चूसने के बाद रोहण ने मेरे मुंह से लन्ड निकाल दिया और मुझे बिस्तर पर लेटा दिया।
तभी अचानक मेरे दिमाग में उस बाथरूम के भिखारी का लन्ड घूमने लगा।
मैं रोहण से बोली- क्या हम रोल प्ले कर सकते हैं? तो वह बोला- हां, जरूर बेबी … क्यों नहीं, बताओ न, कौन सा करना है। मैं बोली- स्ट्रेंजर! तुम एक गरीब भिखारी और मैं एक अच्छे घर की लड़की।
यह सुनकर रोहण थोड़ी देर मुझे देखता रहा। फिर वह मान गया।
रोहण ने मेरी दोनों टांगें फैलाईं और मेरी चूत पर अपना लन्ड रख कर घिसने लगा।
मैंने आंखे बंद कीं और उस आदमी के लन्ड को याद करने लगी- उम्म … सीसीसी … आह्ह … प्लीज मुझे चोदो!
रोहण ने मेरी टांगें अपने कंधों पर रखीं और एक जोरदार धक्का मारते हुए अपना लन्ड मेरी चूत में घुसा दिया।
मैं आंखें बंद किए सिसकार रही थी- मुझे चोदो … जोर जोर से चोदो … प्लीज … बहुत मोटा लन्ड है तुम्हारा!
रोहण मेरी बातें सुन मेरे ऊपर लेट तेज़-तेज़ मुझे चोदने लगा- आह्ह आआह साधना … कितनी मस्त चूत है तुम्हारी आआह्ह … साधना जी, कैसा लग रहा है इस गरीब के लन्ड से चुदवाने में! मैं- उफ्फ बहुत मजा आ रहा है यार … चोदो … मुंह फाड़ दो मेरी चूत का। ले लो मेरी जवानी का मजा!
रोहण मेरी चूत में तेज़ी से धक्के देता गया।
फिर रोहण रुक गया। मैंने उसे देखा।
वह बोला- चलो पोजीशन बदलनी है। मैं बोली- ठीक है रोहण, घोड़ी बना कर लो मेरी।
इतना कह कर मैं बेड पर घोड़ी बन गई। गांड उठा कर रोहण ने मेरी कमर पकड़ी और अपना लन्ड मेरी चूत पर घिसने लगा।
तभी अचानक रोहण ने मेरी गांड पर थूका और लन्ड को गांड पर घिसने लगा। मैंने अपनी गांड अच्छे से उठाई और बोली- लगता है तुम्हें मेरी गांड पसंद आ गई? तो वह बोला- जी मैडम, बहुत!
मैं बोली- उफ्फ … तो सोचो मत, डाल दो!
रोहण ने मेरी कमर कस कर पकड़ी और एक जोरदार धक्का मारा। मगर उसका लन्ड फिसल गया।
रोहण ने दोबारा ट्राई किया लेकिन फिर उसका लन्ड फिसल गया।
मैं बोली- रुको। मैंने पीछे हाथ करके उसका लन्ड पकड़ा और गांड के छेद पर सेट कर दिया।
फिर मैंने कहा- अब दो जोर से एक धक्का! रोहण ने वैसे ही किया।
उसने एक जोरदार धक्का मारा और उसका लन्ड मेरी गांड में समा गया।
मैं आहें भरने लगी- आह्ह आईई … आराम से ऊऊईई … आहहुच … बहुत मोटा लंड है तुम्हारा! रोहण ने मेरे चूतड़ों को कस कर पकड़ लिया और जोर से धक्के देते हुए मुझे चोदने लगा।
मेरी सिसकारियां निकलने लगीं- आह्ह … आह्ह ऊहह … ऊऊऊ उम्मम आह्ह।
अब रोहण पूरे जोश में मेरी गांड मार रहा था। मैं भी गांड को आगे पीछे धकेल रही थी।
उसके धक्के तेज होने लगे। अब जोर जोर से हम दोनों की चुदाई की आवाजें वहां गूंज रही थीं- आह्ह आहह … आह्ह ओह्ह!
वह अब झड़ने के करीब था। मुझे पता चल गया कि उसका निकलने वाला है। लेकिन मेरा ओर्गास्म अभी दूर था, मैं बोली- नहीं रोहण, अभी मत झड़ना … और चोदो मुझे प्लीज … और चोदो!
लेकिन रोहण का माल निकल गया और वह दो मिनट में ही ढेर हो गया।
वह आकर मेरे साइड में लेट गया, बोला- मजा आ गया बेबी! मैं बोली- हां, तुम्हें तो आ गया मजा … लेकिन मेरा क्या?
रोहण ने मुझे खुद से लिपटा कर लेटा लिया। वह बोला- अब सो जाओ, बहुत टाइम हो चुका है। कुछ ही देर में रोहण को नींद आ गई।
मुझे नींद नहीं आ रही थी। तो मैं फोन चलाकर अन्तर्वासना की कहानियां पढ़ने लगी। मैं गर्म थी, और सेक्स कहानी पढ़ते हुए मेरा हाथ फिर से चूत पर चला गया।
मैं सेक्स स्टोरी पढ़ते हुए चूत में उंगली करने लगी। मेरे मुंह से फिर सिसकरियां निकलने लगीं- आह्ह … स्स्स … इस्स … ओह्ह … कोई तो मेरी चूत की प्यास बुझा दो। मैं तेजी से उंगली करती रही और सिसकारती रही।
तभी मेरा ओर्गास्म हुआ और मेरी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया। फिर मैं भी सो गई।
अगली सुबह मेरी आंख खुली तो 8.30 बज गए थे।
मैंने देखा तो रोहण बेड पर नहीं था। तो मैंने सोचा कि शावर लेने गया होगा। फिर कोई आवाज नहीं सुनी तो मैं देखने गई।
वह वहां भी नहीं था। मैंने उसको कॉल किया तो उसने कॉल नहीं उठाया। तो मैंने सोचा बाहर चला गया होगा।
मैं नहाने चली गई।
जब मैं वापस आई और दोबारा से कॉल किया। उसने तब भी नहीं उठाया।
आगे क्या हुआ वह अगले भाग में! ओर्गास्म कहानी पर अपने कमेंट जरूर देना। मेरा ईमेल है- [email protected]
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