तू भी बेवफा मैं भी बेवफा- 3
मेरी बीवी तेरी बीवी … यह काम लिया पराई नारी के चक्कर में एक पति ने पड़ोसी को अपनी बीवी के जिस्म का लालच दे दिया. उसे अपने घर बुलाकर अपनी बीवी को अपना जिस्म दिखाकर उकसाने को कहा.
दोस्तो, कहानी के दूसरे भाग पड़ोसन भाभी की जवानी का आकर्षण में आपने पढ़ा था कि रवि की बीवी अपने पड़ोसी गौरव को पसंद करती थी. इधर यावी गौरव की बीवी को अपने नीचे लाने की फिराक में था.
एक दिन रवि ने गौरव को डिनर पर बुलाया. गौरव ने रवि की अनुपस्थिति में कामिनी को डांस के लिए बांहों में ले लिया.
कामिनी तो सकपका गयी जब गौरव ने उसके गाल पर एक पप्पी भी ले ली. उसके दिल की धड़कनें बढ़ गयीं.
तभी आहट हुई रवि के आने की. कामिनी गौरव से अलग हुई और डिनर तैयार करने चली गयी.
अब आगे मेरी बीवी तेरी बीवी:
रवि किचन में आया और बोला- जानू क्या मन है? करें कुछ मस्ती? गौरव तो दीवाना हो रहा है तुम्हारा!
कामिनी की चूत तो पहले ही पानी बहा रही थी. पर उसने अगले दो दिन का प्लान सोचा हुआ था.
तो उसने रवि से कहा- वह सिर्फ बेड की बात थी. असल में कुछ नहीं. मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ. और किसी की नहीं! रवि ने बहुत खुशामद की पर कामिनी ने साफ़ मना कर दिया.
डिनर पर भी गौरव बार बार किसी न किसी बहाने से उसको टच करता रहा. कामिनी बस मुस्कुरा देती.
डिनर के बाद तीनों ने मिलकर कॉफ़ी पी.
गौरव तो बार बार कामिनी की खूबसूरती, उसके ड्रेस सेंस और खाने की तारीफ ही करता रहा.
रवि ने फिर कामिनी से आँखों में इशारा करके पूछा. पर कामिनी ने मना कर दिया.
रात के 11 बज गए थे.
गौरव के फोन पर सारिका का दो बार फोन भी आ चुका था. तो गौरव खड़ा हुआ चलने के लिए.
रवि ने कामिनी से पहले ही पूछ लिया था तो चलते समय गौरव से कहा- कल तुम खाना कहाँ बाहर खाओगे, यहीं खा लेना. कामिनी तुम्हारे लिए कुछ नॉनवेज स्पेशल मंगा लेगी. गौरव ने एक दो बार तो मना किया पर इस शर्त पर हाँ कह दी कि कामिनी सारिका से नहीं कहेगी.
अब आखिरी वार कामिनी ने और किया, रवि की निगाह बचाकर गौरव से पूछा- क्या क्या नहीं कहना सारिका से? कह कर उसने गौरव को आँख मार दी.
गौरव के पैन्ट में तम्बू बन चुका था. उसका मन तो किया कि यहीं दबोच ले कामिनी को … पर रवि की मौजूदगी में उसकी हिम्मत नहीं पड़ी. उसने रवि से गले लग कर विदा ली.
तो कामिनी ने टोक दिया- मेरे गले नहीं लगोगे? गौरव की तो लाटरी निकल गयी, वह झट से मुड़ा.
पर कामिनी ने हँसते हुए हाथ जोड़ दिए- मैं तो मजाक कर रही थी. गौरव की तो KLPD हो गयी. रवि जोर से हंस पड़ा.
अब कामिनी ने बांहें फैला दीं गौरव के लिए और एक दमदार झप्पी दी उसे! गौरव ने जितना हो सकता था, कामिनी के मम्मों को दबाया …
गौरव के जाते ही कामिनी रवि की बाँहों में लटक गयी और बोली- चलो बेड पर … मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा. रवि ने कहा- यार तुमने तो मूड खराब कर दिया. गौरव का और मेरा कितना मन था.
कामिनी बोली- मैं गौरव की क्या हूँ? तुम्हारी हूँ, अब जितना चाहे जैसे चाहो मुझे चोदो. मैं तो कब से तैयार बैठी हूँ!
तभी कामिनी रवि को बेड पर खींच ले गयी और दोनों ने अपने अपने कपड़े उतार फेंके और बेड में घुस गए.
कामिनी ने रवि का लंड मुंह में ले लिया और लपर लपर चूसने लगी. रवि को लगा कि आज तो ये निचोड़ ही देगी उसे.
उसने कामिनी को अलग किया और उसकी पानी बहाती चूत में जीभ घुसा दी! ऊपर से वह कामिनी के मांसल मम्मे दबाने लगा.
कामिनी बोली- आज तो गौरव तैयार होकर आया था. तुमने कुछ कह दिया था क्या उससे? रवि ऊपर अ गया और कामिनी के होंठ से होंठ भिड़ा कर बोला- आज तुम गजब ढा रही थीं.
गौरव तो मुझसे खुशामद सी कर रहा था. कामिनी बोली- तो सौदा कर लेते. वह तुम्हें अपनी बीवी की दिला देता.
सुन कर रवि का तो लंड और कड़क हो गया. उसने पूरा मूसल घुसेड़ दिया कामिनी की चूत में और लगा पेलमपेल करने. कामनी भी उसका भरपूर साथ दे रही थी.
रवि ने चुदाई के दौरान पूछा- क्या कल कर लोगी या कल भी ऐसे ही बैरंग लौटा दोगी उसे? कामिनी बोली- मैं तुम्हारी हूँ, जैसा कहोगे कर लूंगी. अब बोलो नहीं बस चोदो मुझे!
अगले दिन सुबह रवि ऑफिस चला गया. उसके जाने के बाद कामिनी जमकर दो-तीन घंटे और सोयी ताकि रात को फ्रेश रह सके.
दोपहर बाद गौरव का व्ट्सऐप मेसेज था हाय का. कामिनी ने हाय का जवाब दे दिया. तो उधर से गौरव का फोन ही आ गया, बोला- रात को तुम क़यामत ढा रही थीं. और डिनर तो बहुत लाजवाब था.
कामिनी ने सारिका के बारे में पूछा तो गौरव बोला- वह तो सुबह ही चली गयी, कल शाम तक आएगी.
तब कामिनी ने उससे पूछा- डिनर में क्या खाओगे? गौरव बोला- तुम्हें! कामिनी ने हंस कर कहा- वह तो नहीं हो पायेगा … चख तो कल लिया ही था, आज भी चख लेना! सारिका को मालूम पड़ गया तो वह तुम्हें और मुझे जान से मार देगी. गौरव बोला- वह कौन सा दूध से धुली है. और सारिका को मैं तो बताने से रहा. कामिनी बोली- शाम को समय से आ जाना और पीना कम!
रवि तो शाम को 7 बजे बाज़ार से नॉन वेज लेता हुआ आया था. कामिनी ने डिनर तैयार कर लिया था और ड्रिंक्स के साथ के लिए पनीर रोल्स बना लिए थे.
आज रवि के जिद करने पर उसने स्कर्ट और टॉप पहना. रवि भी शॉर्ट्स और टीशर्ट में तैयार हो गया. उसने शायद गौरव को भी यही पहन कर आने को कहा था क्योंकि गौरव 8 बजे आ गया. वह भी शॉर्ट्स और टी शर्ट में था.
उसने कामिनी को देख कर सीटी बजाई और रवि से पूछा- ये कौन है. क्या आज रात के लिए कोई जुगाड़ है? कामिनी ने हंसते हुए एक धप्पल दिया गौरव को!
रवि बोला- जुगाड़ की क्या जरूरत … मेरी बीवी तेरी बीवी!
गौरव ने कामिनी को हग कर लिया और कहा- तुम आज 15 साल छोटी लग रही हो. कामिनी बोली- फिर तो मैं एडल्ट नहीं हुई तुम्हारे हिसाब से. तो फिर छूना नहीं मुझे!
तीनों हंस पड़े.
महफ़िल जम गयी, जाम सज गए. आज कामिनी इन लोगों के साथ ही बैठी. कामिनी ने खुद ही पेग बना दिए दोनों के लिए!
किचन से कामिनी नमकीन काजू और पनीर रोल्स ले आई थी. कामिनी अपनी कोल्ड ड्रिंक लेकर अलग सोफे पर बैठने लगी तो गौरव ने उसका हाथ पकड़ लिया और रवि से कहा- भाई अगर तुझे ऐतराज न हो तो इस हुस्न की मलिका को मैं अपने पास बिठा लूं? रवि ने हंस कर कहा- मुझे कोई ऐतराज नहीं. अगर इसे कोई ऐतराज नहीं तो ये चाहे तेरी गोद में बैठ जाए.
गौरव ने अपनी गोदी में बैठने को कामिनी को इशारा किया. कामिनी ने लम्बी सी जीभ निकाल कर उसे चिढ़ाया और गौरव से सटकर बैठ गयी.
नॉन वेज जोक्स के साथ हंसी मजाक का दौर चलता रहा.
अब गौरव और रवि बारी बारी से जबरदस्ती कामिनी को अपने गिलास से व्हिस्की के सिप लगवाने लगे.
गौरव बोला- यार, कल रात तो बहुत घनघोर बेइज्जती हुई. रवि ने पूछा- क्या हुआ? गौरव बोला- यहाँ तो इन्होंने घास नहीं डाली, घर पहुंचा तो घरवाली ने दुत्कार दिया. वह अपनी बहन से चिपट कर सो गयी. मेरा तो खड़ा का खड़ा ही रह गया, बड़ी मुश्किल से आज का लालच देकर उसे सुलाया.
कहकर गौरव ने कामिनी की और अर्थभरी नजरों से देखा. कामिनी ने अपनी आँखें मटकाकर कहा- क्यों … साली को पटा लेते. तुम तो माहिर हो पटाने में! गौरव बोला- तुम तो पटी नहीं यहाँ, वहां बीवी के सामने साली कैसे पट जाती?
तीनों हंस दिये.
आज कोई जल्दी तो थी नहीं. ड्रिंक्स के बाद डांस फ्लोर पर कामिनी बारी बारी से रवि और गौरव के साथ थिरकने लगी.
रवि के किसी क्लाइंट का फोन आ गया था तो वह बाहर लॉबी में चला गया, दस पंद्रह मिनट के लिए. जाते जाते वह कमरे की लाईट बहुत धीमी कर गया.
इस दौरान गौरव ने कामिनी को गर्म कर ही लिया. अब दोनों के होंठ मिल गए थे. कामिनी सब सुधबुध भूलकर गौरव से चिपट कर थिरक रही थी.
गौरव ने उसकी स्कर्ट को पीछे से उठाकर उसके हिप्स पर हाथ फिराया तो कामिनी को होश आया. वह गौरव से अलग हुई. तभी रवि भी आ गया.
कामिनी बोली- मैं डिनर लगाती हूँ.
कामिनी खाना बहुत अच्छा बनाती थी. साथ में नॉन वेज भी था; बढ़िया पार्टी हुई.
डिनर के बाद रवि ने गौरव से कहा- चल बेड पर ही बैठते हैं, टी वी देखते हैं. उनके घर में टी वी सिर्फ बेड रूम में था.
कामिनी बोली- तुम लोग टी वी देखो, मैं किचन संभाल कर कॉफ़ी लाती हूँ. गौरव उसकी मटकती गांड देखता रहा.
कामिनी ने उसे ताड़ते देख लिया तो हँसते हुए कहा- बस ज्यादा मत देखो, नीयत खराब हो जाती है.
गौरव और रवि बेड पर अधलेटे होकर कोई इंग्लिश मूवी देखने लगे.
दस पंद्रह मिनट बाद कामिनी तीन मग में कॉफ़ी लेकर आई और उनके बीच में ही बैठ गयी. वह बोली- क्या बोरिंग मूवी देख रहे हो. मूवी देखनी थी तो थियेटर में जाते.
इस पर गौरव बोला- यार ये सही कह रही है, बेड पर तो बेड वाला काम ही करना चाहिए. कहकर उसने रवि की ओर देखा.
रवि भी उसकी हाँ में हाँ मिलाते हुए बोला- अब बेड वाली आ गयी है तो बेड वाला काम शुरू करते हैं. कहकर उसने कामिनी को दबोच लिया और ताबड़तोड़ चूमने लगा.
कामिनी ने बड़ी मुश्किल से अपने को छुड़ाया, उसकी ड्रेस पर कॉफ़ी गिर भी गयी.
तब कामिनी बोली- तुम लोगों की नीयत साफ़ नहीं. चलो जाओ यहाँ से ड्राइंग रूम में. अपनी अपनी कॉफ़ी लेते जाओ. मैं चली कपड़े बदलकर सोने!
गौरव बोला- नहीं यार, गलती मेरी है, मैं ही ज्यादा मजाक कर रहा था. चलो कॉफ़ी पीते हैं, फिर मैं घर चला जाऊंगा और तुम लोग मजे करना. उसने कामिनी को सॉरी बोला. तो कामिनी हंस कर बोली- यार, मैंने बुरा नहीं माना, बस अब कपड़े बदलने होंगे. तुम लोग कॉफ़ी पिओ, मैं चेंज करके आती हूँ.
कामिनी बाथरूम में घुसी तो वहां उसकी शोर्ट ड्रेस ही टंगी थी. उसने रवि को आवाज़ देकर कहा- मेरी अलमारी से नाइटी दे दो. रवि बोला- मैं कहाँ ढूँढूँगा. जो है, उसे ही पहन आओ! गौरव से क्या शर्म!
कामिनी फ्रेश होकर अपने को महकाकर अपनी शोर्ट नाइटी पहन कर ही आ गयी. पर आते आते उसने रूम की लाईट बहुत धीमी करके केवल नाईट लैंप जलने दिया.
वह बोली- मेरी नाइटी सामने ही तो रखी थी वार्डरोब में! गौरव बोला- कोई बात नहीं, इसमें तुम और ज्यादा सेक्सी लग रही हो! कामिनी बोली- इसीलिए लाईट धीमी की है.
कॉफ़ी ख़त्म हो चुकी थी. कामिनी बेचैन थी. उसकी चूत दो दो लंड मांग रही थी पर हिम्मत नहीं पड़ रही थी.
गौरव का लंड तो तम्बू बना हुआ था. उसे मालूम था कि अगर वह जाने के लिए उठ गया और रवि ने नहीं रोका तो घर जाकर मुठ ही मारना पड़ेगा.
रवि सोच रहा था कि अगर आज कामिनी गौरव से चुद जाए तो शायद उसे सारिका की चूत मिल जायेगी. पर रवि की इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह कामिनी पे दवाब डाल सके.
तीनों चुप थे.
अब गौरव ही बोला- चलता हूँ यार! रवि बोला- क्या करेगा घर जाकर? थोड़ी देर और रुक. कल तो सन्डे है.
कामिनी चुप थी. वह सीधी होकर आँख बंद करके लेट गयी.
मेरे प्यारे पाठको, यह मेरी बीवी तेरी बीवी कहानी आगे आगे आपको और मजा देगी. अभी तक की कहानी कैसी लगी? [email protected]
मेरी बीवी तेरी बीवी कहानी का अगला भाग: तू भी बेवफा मैं भी बेवफा- 4