मौज मस्ती में दो से बेहतर चार- 2
मस्त मस्त सेक्स का मजा लिया दो जोड़ों ने केरल की एक शानदार रिसोर्ट में. दोनों जोड़े होटल में ही मिले थे. कहीं ना कहीं चारों के मन में एक दूसरे के साथी के प्रति सेक्स की भावना जग रही थी.
कहानी के पहले भाग दो जवान जोड़ों की कामुक मस्ती में आपने पढ़ा कि केरल घूमने आये दो जोड़े अनायास आपस में मिल गए. चारों की दोस्ती हो गयी और चारों ने साथ साथ घूमने और मस्ती करने की सोची. एक रिसोर्ट में दो रूम लेकर दोनों जोड़े ठहर गए.
अब आगे मस्त मस्त सेक्स का मजा:
एक घंटे के बाद चारों अपनी अपनी कोटेज से निकले.
लड़कों ने तो शॉर्ट्स और टी शर्ट डाली थीं और लड़कियों ने फ्रॉक डाली थीं.
बाहर आते ही दोनों जोड़े आपस में चिपकते हुए रिसोर्ट की सीढ़ियाँ उतर कर नीचे पहुंचे जहां बॉनफायर का इंतजाम था.
वहां सॉफ्ट ड्रिंक्स और हार्ड ड्रिंक्स दोनों थीं. हार्ड ड्रिंक्स अगेंस्ट पेमेंट थीं.
संजीव और हर्ष ने हार्ड ड्रिंक्स लीं पर सारिका और तनु ने बियर ली. वो बात अलग है कि दोनों ने ही अपने अपने पति के गिलास से एक दो घूँट मार लिए.
जोड़े मस्त होकर डांस कर रहे थे.
इन चारों ने भी अपने गिलास/केन टेबल पर रखे और चिपक कर डांस करने लगे.
माहौल उत्तेजक हो रहा था. सभी जोड़े ही थे.
कुछ अजीब वाकिया था कि इस समय वहां कोई बच्चों वाला परिवार नहीं था.
इस एरिया में सिगरेट पीने की अनुमति थी तो जो भी चाहता वो डांस से हटकर ड्रिंक्स के साथ सिगरेट पी रहा था. इन चारों को डांस में मस्ती चढ़ रही थी.
सारिका और तनु को डांस बढ़िया आता भी था तो वे अपने अपने जोड़े में थिरक रही थीं.
तनु को प्यास लगी तो वह डांस से हट कर टेबल पर पहुँच गयी और अपनी बियर की केन पकड़ ली.
हर्ष ने सारिका की और हाथ बढ़ाया तो संजीव ने सारिका को छोड़ दिया और वह भी टेबल पर वापिस आ गया.
तब हर्ष और सारिका अपनी ही रौ में डांस करते रहे.
उधर संजीव और तनु अपने ड्रिंक्स के साथ सिगरेट पीने में मशगूल थे.
डांस फ्लोर पर लाईट न के बराबर थी, जो भी रोशनी थी वो बॉनफायर या टेबल्स के ऊपर लगे छोटे बल्बों की थीं.
डांस करते करते हर्ष ने सारिका को अपनी और थोड़ा सा भींचा तो सारिका पहले तो असहज हुई फिर वह हर्ष के नजदीक आ गयी.
हर्ष का एक हाथ उसकी कमर पर था. सारिका की फ्रॉक बेकलेस थी तो हर्ष का हाथ उसकी चिकनी कमर पर फिसल रहा था.
सारिका ने फुसफुसाते हुए हर्ष से कहा- ज्यादा बदमाशी नहीं. संजीव सब देख रहा है. हर्ष बोला- ज़रा निगाह उठाकर देखो, संजीव और तनु कैसे अपनी अपनी चोंच लड़ा रहे हैं.
सारिका ने देखा कि संजीव के हाथों में तनु का हाथ था और दोनों हंस हंस कर बात कर रहे थे.
हर्ष ने फिर झटका मारा तो सारिका चिपक गयी हर्ष से! दोनों की गर्म साँसें एक दूसरे के चेहरे से टकरा रही थीं.
सारिका के मम्मे भिड़े हुए थे हर्ष की बलिष्ठ छाती से. वह हर्ष के लंड के उभार को भी महसूस कर रही थी.
इससे पहले कि आग और भड़कती, सारिका ने हर्ष का हाथ छोड़ा और मुस्कुराती हुई अपनी टेबल पर आई. पीछे पीछे हर्ष भी आ गया.
संजीव और तनु वहां नहीं थे.
सारिका ने हर्ष की ओर देखा तो हर्ष ने डांस फ्लोर की ओर इशारा किया. संजीव और तनु कुछ ज्यादा ही चिपके हुए डांस कर रहे थे, तनु का सर संजीव के कंधे पर टिका था.
सारिका मुस्कुराई.
तभी संजीव की निगाहें उससे मिलीं तो सारिका ने इशारा किया कि भूख लगी है. संजीव और तनु डांस फ्लोर से उतर आये.
साइड में डिनर लगा था. चारों ने अपनी अपनी प्लेट ली और डिनर लेने लगे.
डिनर के बाद कॉफ़ी पीते पीते रात के दस बज गए थे.
लड़कियां कुछ ज्यादा ही चुदासी हो रही थीं. तनु हर्ष की कमर पर पिट्ठू बनकर लटक गयी और अपनी टांगें उसकी कमर पर लपेटकर आगे कर दीं. हर्ष ने उसे सम्भाला और चारों अपनी कोटेज की ओर चल दिए.
कोटेज में पहुंचकर हर्ष ने तनु को सीधा बेड पर जा पटका.
वह तनु से कपड़े चेंज करने की कहकर वाशरूम फ्रेश होने चला आया. कपड़े उतारकर केवल तौलिया लपेटकर वह वापिस बेड पर आया तो देखा कि तनु तो चादर सर तक करके सो रही है.
उसे झुंझलाहट हुई और बोला- यहाँ सोने आये हैं क्या? तनु ने चादर से सर निकाला और आंखें मटकाकर बोली- तो फिर क्या करने आये हैं? हर्ष हँसते हुए बोला- अभी बताता हूँ कि क्या करने आये हैं. पहले कपड़े तो बदल!
तनु ने फिर भोलेपन से पूछा- कपड़े बदलने हैं? कहीं चलना है क्या?
अब हर्ष ने उसकी चादर खींच दी. तनु ने बहुत बचाने की कोशिश की पर हर्ष शीट खींच ही ले गया.
नीचे तनु बिलकुल नंगी पड़ी थी. उसने पहले ही अपने को कपड़ों से आजाद कर लिया था.
हर्ष चादर छोड़ अपना तौलिया हवा में उड़ा कर बेड में जा कूदा और तनु से चिपट गया. दोनों के होंठ भिड़ गए.
थोड़ी देर की चूमा चाटी के बाद तनु बोली- चलो ऐसे ही बाहर चलते हैं, एक ट्रिप वहां मारेंगे खुले आसमान के नीचे पहाड़ियों में! आईडिया हर्ष को भी पसंद आया.
पर ऐसे ही जाना खतरे से खाली नहीं था … कोई देख ले तो? हालाँकि देख ले तो देख ले. दोनों थे भी इसी सोच के!
हर्ष बोला- और अगर दूसरी तरफ संजीव और सारिका हुए तो? तनु बोली- वे नहीं होंगे. सारिका तो चुदाई के लिए तड़प रही थी. तुमने उसे गर्म कर दिया था, मैं सब देख रही थी. कोई बात नहीं यहाँ आये ही गर्म होने और गर्मी निकालने के लिए हैं.
हर्ष ने अपने को और तनु को चादर में लपेटा, बाहर की लाइट बंद की और बियर की दो केन लीं. तनु ने सिगरेट जला ली थी.
अब दोनों लिपटे लिपटाए, धीरे से कोटेज का डोर खोल बाहर आये, बाहर बहुत सुहावना मौसम था. दूर तक कोई नहीं. कहीं झींगुर की आवाज कहीं कोई और आवाज … पर आदम जात का कोई नमो निशाँ नहीं!
दूसरे बरामदे में घुप अन्धेरा था. हर्ष ने चादर थोड़ी ढीली की और दोनों नंगे ही पहाड़ी की और की मुंडेर पर बाहें टिकाये सिगरेट का धुआं उड़ाते रहे.
तनु नीचे बैठ गयी, उसने हर्ष का लंड मुह में ले लिया. उसकी लपर लपर की आवाज बाहर आ रही थी.
हर्ष भी कुनमुनाने लगा.
अब हर्ष से भी रहा न गया तो वह तनु को उस पूल चेयर पर लिटा कर उसके ऊपर आ गया.
हाँ, पता नहीं क्यों, उसने चादर अपने ऊपर डाल ली.
अब दोनों की धकापेल शुरू हो गयी. हर्ष के धक्कों के साथ तनु की आहें भी निकालनी शुरू हो गयी और उनके साथ सुरताल मिलाते हुए तीन फीट की दीवार के दूसरी और से संजीव और सारिका की वासनामयी आहें शुरू हो गयीं. मतलब वे भी बाहर चुदाई में लगे थे, मस्त मस्त सेक्स का मजा ले रही थी.
तभी सारिका की आवाज आई- शोर कम करो, कभी पूरे रिसोर्ट के लोग आकर यहीं लाइव टेलीकास्ट देखने लगे!
चारों हंस पड़े.
मामला गर्म था, पर जल्दी थी.
धक्कों की स्पीड बढ़ी और बढ़ते बढ़ते आहें और आवाजें भी बढ़ी और फिर एक झटके से सब शांत होता गया.
अब दोनों पार्टी फिर चादर में लिपटीं और फिर बीच की बाउंड्री पर हँसते हुए खड़े हुए.
सारिका ने तनु को छेड़ते हुए कहा- तू तो सुबह की बात भूली नहीं. संजीव तो बिना कपड़ों के ही बाहर आया था, वह तो मैं चादर ले आई, वर्ना … हर्ष बोला- वरना क्या होता … सेकंड राउंड का मूड जल्दी बन जाता.
तभी हर्ष ने एक केन उनको दे दी.
लड़कियां चादर के नीचे उन्हें परेशान कर रही थीं तो जल्दी ही दोनों अपनी अपनी कोटेज में चले गए.
फिर तो दोनों कोटेज में चुदाई का जो घमासान मचा और देर रात तक मचता रहा.
तनु तो बार बार हर्ष को ये कह कर छेड़ती रही- तुम आज मुझे सारिका समझ कर चोद रहे हो. हर्ष बोला कुछ नहीं पर सारिका की कमर की चिकनाहट और सांसों की गर्मी का ख्याल आते ही उसके धक्के बढ़ जाते.
तनु को भी संजीव का हाथ में हाथ लेकर सहलाने का ख्याल उसकी चूत में फुरफुरी लाता था.
ऐसे ही उधर सारिका की चूत आज बला बनी हुई थी. संजीव को पूरा निचोड़ दिया था सारिका ने … पर आज उसकी हवस शांत नहीं नहो हो रही थी.
आखिर में संजीव ने उसको ऊपर बैठाया और जब सारिका उसका लंड अंदर ले जोर जोर से उछली तब कुछ जाकर उसकी खुजली मिटी.
सुबह दोनों कोटेज के दरवाजे 9 बजे खुले. वह भी तब जब रिसेप्शन से फोन आया- आपका टैक्सी वाला पूछ रहा है कितनी देर में चलेंगे.
हर्ष तो सुबह उठते समय एक राउंड के मूड में था. पर तनु बोली- भूख लगी है, चलो ब्रेकफास्ट करने चलते हैं.
ब्रेकफास्ट लेकर और नहाकर चारों लगभग 11 बजे मुनार की पहाड़ियों में घूमने चले गए.
दिन भर चाय बागानों. चायपत्ती बनाने वाली फैक्ट्री और हसीन वादियों में घूमते घामते शाम को रिसोर्ट पहुंचे.
अब चारों कुछ ज्यादा ही खुल गए थे आपस में! सारिका हर्ष से और तनु संजीव से चिपटा चिपटी भी कर रही थीं.
आते ही चाय पीकर चारों स्विमिंग पूल में चले गए.
आज संजीव ने गार्ड को 500 का नोट दिया और बोला- आज सीटी मत बजाना. हमें जब बाहर आना होगा तब आ जायेंगे.
आज तो चारों पूल के बंद होने के समय ही पहुंचे थे पर गार्ड चुपचाप वहां से चला गया. उसकी कौन सी बीवी चुद रही थी पूल में अँधेरे में … जिनकी चुद रही थी, वे जाने.
पूल में चारों की अठखेलियाँ कुछ हद से ज्यादा ही हो रही थीं.
हर्ष तो बार बार तनु की ब्रा में हाथ डाल उसके मम्मे मसल रहा था. संजीव सारिका एक और खड़े उनके तमाशे देख रहे थे.
सारिका के हाथ में संजीव का लंड था और संजीव भी उसकी चूत में उंगली किये हुए था.
तनु उन्हें देख के चिल्लाई- पकड़े क्यों खड़ी है, अंदर ले ले. सारिका बोली- चल एक शर्त लगाते हैं … हम दोनों में से कौन अपने वाले की शॉर्ट्स उतारकर ज्यादा ऊपर उछालती है.
उसके इतना कहते ही पानी में घमासान मच गया और फिर तनु ने हर्ष का लोवर हवा में उछाल ही दिया.
बेशर्मी की हद हो चुकी थी.
अब शायद बारी थी लड़कियों के कपड़े हवा में लहराने की!
लड़कियों ने इसे भांप लिया और रपट लीं पूल के बाहर!
रात को डिनर पर सभी इकट्ठे हुए.
लड़कियों ने शॉर्ट टॉप और हाफ पैन्ट पहने थीं और लड़कों ने टीशर्ट और हाफ पैन्ट.
आज थकान ज्यादा थी तो डांस नहीं किया, बस डिनर लिया और लौट लिए कोटेज में.
यह तय हुआ कि चारों एक ही कोटेज में इकट्ठे होकर कॉफ़ी पियेंगे.
चारों सारिका की कोटेज में इकट्ठे हुए. बेड की हालत बता रही थी कि सारिका और संजीव ने शाम को सेक्स किया है.
सारिका ने फटाफट बेड ठीक किया, फिर चारों ने चौकड़ी जमाई.
कॉफ़ी का आर्डर नीचे कर दिया था.
नॉन वेज जोक्स का दौर चल पड़ा. कॉफ़ी भी आ गयी थी.
तनु ने कहा- चलो कार्ड्स खेलते हैं.
420 खेलने का तय हुआ और यह तय हुआ कि जिसकी चोरी पकड़ी जाएगी उसे अपना एक कपड़ा उतारना होगा, चोरी पकड़ने वाले की मर्जी से!
हालाँकि लड़कियों ने बहुत हल्ला मचाया कि हम नहीं खेलेंगे. तुम लोग हमें नंगी कर दोगे. पर यह तय हुआ कि ब्रा/पैन्टी नहीं उतरेंगी. वह तो अच्छा था कि लड़कियां आज ब्रा पहन कर आयीं थीं. हाँ … पैन्टी न लड़कियों ने पहनी थीं न लड़कों ने!
हो हल्ले में बेईमानी का दौर चला. सबसे पहले संजीव पकड़ा गया. उसे तनु ने पकड़ा था.
तनु बोली- उतार नेकर अपनी. संजीव घिघियाया- मैंने नीचे कुछ नहीं पहना है. हँसते हुए उसने अपनी टीशर्ट उतार दी.
तनु उत्साहित होकर ज्यादा ही बेईमानी कर रही थी. उसे पकड़ा सारिका ने.
सारिका ने उसे हाफ पैन्ट उतारने को कहा. तनु बोली- बहन एक औरत होकर औरत की इज्जत का कुछ तो ख्याल रख!
पर संजीव नहीं माना, बोला- उतार अपनी चड्डी. तनु ने उसे जीभ निकाल कर दिखाई और हिचकते हुए अपनी टीशर्ट उतार दी.
उसके टीशर्ट उतारते ही माहौल गर्मा गया था.
जल्दी ही सारिका भी पकड़ी गयी तो उसकी भी टीशर्ट उतर गयी. उसकी तो ब्रा छोटी सी थी; मम्मे बाहर निकले पड़ रहे थे.
सारिका ने कमरे की लाइट बहुत धीमी कर दी. हर्ष बोला- ये क्या कर दिया, दिखाई भी नहीं दे रहे. तनु ने उसे चिकोटी काटी- क्या दिखाई नहीं दे रहे? सारिका के मम्मे या अपने पत्ते?
अब केवल हर्ष पूरे कपड़ों में था. तनु ने सारिका को आँखों ही आँखों में इशारा किया और दोनों टूट पड़ीं हर्ष पर और उसका लोअर उतार दिया.
हालाँकि इस खींचातानी में सारिका के मम्मे भी बाहर आ गए. और बीच बचाव करने में संजीव ने भी तनु के मम्मे सहला लिए.
खैर हंसी मजाक के बीच सभी ने अपने अपने कपड़े ठीक किये.
रात के 11 बज गए थे.
तनु बोली- चलो अपने कमरे में … सोना नहीं है क्या? सारिका ने उसे छेड़ा- खुल कर क्यों नहीं कहती कि चोदना नहीं है क्या! तनु बोली- एक काम कर … तू आज मेरे वाले को भी रख ले अपने पास. मुझे तो नींद आ रही है. मैं चली सोने!
हर्ष ने उसे गोदी में उठाया और बाहर निकल लिया.
अब तक की मस्त मस्त सेक्स का मजा पर अपनी राय कमेंट्स और मेल में बताएं. [email protected]
मस्त मस्त सेक्स का मजा का अगला भाग: मौज मस्ती में दो से बेहतर चार- 3