कॉलेज में चूत मिली स्वतंत्रता दिवस पर
हॉट सेक्स इन कॉलेज का मौक़ा मुझे ऐसे ही मिल गया जब मैंने स्वतंत्रता दिवस पर दो लड़कियों को खाली क्लास में जाती देखा। वे लेस्बियन सेक्स कर रही थी। वहां फिर क्या हुआ?
प्रिय पाठको, मेरा नाम राज है। मेरा कद करीब 6 फीट है। दिखने में भी मैं आकर्षक लगता हूँ और आपको बता दूँ कि मेरे लंड का साइज़ भी अच्छा ख़ासा है।
स्वागत है आपका आज की इस सच्ची हॉट सेक्स इन कॉलेज कहानी में!
बात यह उस समय की है जब मैं कॉलेज के प्रथम वर्ष का विद्यार्थी था।
मैं शुरू से ही लड़कियों से बात करने में बहुत शर्माता था। मेरा भी मन करता था कि कोई मेरी गर्लफ्रेंड हो! पर मेरे शर्मीले स्वभाव के कारण मैं कभी किसी भी लड़की से खुलकर बात तक नहीं कर पाया।
यह बात है 15 अगस्त यानि स्वतंत्रता दिवस की है। मैं अच्छे से तैयार होकर कॉलेज पहुँचा।
सभी लोग नीचे प्रोग्राम में व्यस्त थे। कॉलेज के मैदान में बहुत भीड़ थी लेकिन ऊपर बनी सभी कक्षाएं बिल्कुल खाली थी।
मुझे नीचे प्रोग्राम में कुछ ज्यादा अच्छा लगा नहीं तो मैं इधर उधर घूमने निकल गया।
कुछ देर बाद मैंने देखा कि हमारे कक्षा की दो गदराई हुई कलियाँ ऊपर बनी कक्षाओं की ओर जा रही थी।
पहली प्रिया उसकी लंबाई करीब 5’6″ के लगभग थी। उसके चूचे ऐसे लगते थे कि कभी भी उसका टॉप फाड़कर बाहर निकल आएंगे! उसकी गांड का तो क्या ही कहना … उसकी गांड एकदम बाहर को निकली हुई थी!
दूसरी का नाम कामिनी था। वह बिल्कुल अपने नाम की ही तरह थी! बिल्कुल मलाई की तरह सफेद त्वचा, खरबूजे समान भारी–भारी चूचियाँ!
वे दोनों अपनी गदराई हुई गांड को मटकाती हुई कहीं जा रही थी। मैं उन दोनों का पीछा करने लगा।
मैंने देखा कि वे दोनों एक कक्षा में घुस गई तो मैंने फैसला किया कि मैं उन्हें जाकर देखूँ।
मैं जब उस कक्षा के दरवाज़े तक पहुँचा तब मैंने देखा कि उन्होंने अंदर से दरवाजे की कुंडी लगा ली है।
लेकिन कोई कितनी भी सावधानी रख ले कुछ न कुछ तो इंसान गलती कर ही बैठता है। वैसे ही गलती उन दोनों ने किया कि उन्होंने दरवाज़ा तो बंद कर लिया पर खिड़की सही से बंद नहीं की।
मैं खिड़की के पास जाकर दोनों की बातें सुनने लगा। प्रिया डरते हुए कामिनी से कही– कोई गड़बड़ी तो नहीं होगी न? कामिनी– तू इतना डरती क्यों है? इसमें डर नहीं, मज़ा है!
इतना कहकर कामिनी ने प्रिया के आमों को दबाना और चूमना शुरू कर दिया। कामिनी ने अपनी टॉप को खोल दिया जिससे उसकी जालीदार सी ब्रा से बाहर झाँकते हुए पहाड़ स्पष्ट दिखाई दे रहे थे।
कामिनी ने प्रिया से कहा– अब तू मेरी ब्रा अपने हाथों से खोल! प्रिया ने बिल्कुल वैसा ही किया और झट से कामिनी के संतरों को आजाद कर दिया। उस समय कामिनी किसी बला की खूबसूरत लग रही थी.
कामिनी ने प्रिया से कहा– अब मैं तेरी जेल में कैद दोनों कैदियों को भी आज़ाद करती हूँ! बस इतना सा कहकर कामिनी ने प्रिया को ऊपर से बिल्कुल नंगी कर दिया। ऐसा लग रहा था जैसा कि स्वर्ग से दो अप्सराएं धरती पर उतर आई हों!
कुछ देर में कामिनी प्रिया की चूचियों को दबाने और चूसने लगी। प्रिया मदहोश होकर मादक सिसकारियाँ लेने लगी।
प्रिया ने कहा– कामिनी, मेरी चूत में कुछ गीला–गीला जैसा प्रतीत हो रहा है? कामिनी ने कहा– पहले क्यों नहीं बताया? ये तो अमृत है … इसकी एक भी बूँद बाहर मत निकलने देना! इतना कहकर कामिनी ने प्रिया की स्कर्ट खोल दी।
उसकी पैंटी हल्की सी गीली हो चुकी थी। कामिनी ने प्रिया के चड्डी के ऊपर से ही उसकी चूत के रस को चाटना शुरू कर दिया। फिर उसने अपने दाँतों से खींचकर प्रिया की गीली चड्डी निकाल दी।
प्रिया बस और तेज और तेज … जैसे मादक आवाज़ों के साथ अपने चूत का रस छोड़े जा रही थी। फिर प्रिया ने कामिनी से कहा– मैं भी तुम्हारे अमृत को चखना चाहूंगी!
बस इतना सुनते ही कामिनी बिल्कुल नंगी हो गयी और उसकी बिल्कुल चिकनी रसीली चूत सामने आ गयी। अब दोनों 69 की अवस्था में आ गये और एक–दूसरे के छेद को चाटने लगे।
वे दोनों एकदम वासना की देवियाँ लग रही थी। दोनों का बदन एक दूसरे के रस से गीला हो चुका था।
उन दोनों में से उस रस की भीनी–भीनी खुशबू भी आने लगी।
तभी कामिनी एकदम से खड़ी हुई और अपने बैग के पास गई। उसने अपने बैग से एक बड़ा सा डिल्डो निकाला।
उसे अपने मुंह में लेकर लंड की तरह चूसने लगी। कभी–कभी उसे अपनी गांड और चूत में घुसाकर चाटती।
फिर कामिनी डिल्डो को लेकर प्रिया के पास पहुँची और उससे पूछा– क्या तुमने आज से पहले कभी इसका प्रयोग किया है?
प्रिया बोली– खुलकर बोलो! कामिनी बोली– साली रण्डी, छिनाल! क्या तूने कभी इसे अपनी गांड या बुर में लिया है? प्रिया बोली– नहीं रंडी! मैंने कभी भी डिल्डो को गांड या अपने बुर में नहीं लिया है।
कामिनी बोली– तेरी माँ की चूत! तू अपनी खुजली मिटाती कैसे है? तुम तो चुदवाती भी नहीं मेरी तरह? प्रिया बोली– चल छिनाल! अब चुप हो जा और इसे पेल दे मेरी चूत में!
कामिनी क्लासरूम के बीच में दरी पर लेट गई और उसने उस डिल्डो को अपनी चूत में डाल लिया। वो डिल्डो करीब 10 इंच का था, उसके दोनों तरफ सुपारा बना हुआ था. इसलिए अभी भी उसका बहुत सा हिस्सा बाहर था।
ये देखकर कामिनी ने प्रिया को कहा– तू मुझ पर बैठकर, बचे हुए डिल्डो अपने बुर में डाल ले! प्रिया ने कहा– ऐसा थोड़ी होता है! कामिनी– रण्डी, अब ज्यादा नाटक मत कर वरना इसे तेरी गांड में डाल दूंगी।
यह सुनकर प्रिया तैयार हो गई। वह आहिस्ता–आहिस्ता उस डिल्डो पर अपनी चूत टिकाकर बैठने लगी।
जाहिर सी बात है कि प्रिया ने कभी भी ना तो कोई लंड लिया था और ना ही कोई डिल्डो आदि।
इसलिए उसकी चूत में जलन होने लगी और उसके मुंह से एक जोर की चीख निकली।
यह देखकर मैं बहुत घबरा गया।
कामिनी ने तुरंत ही उसके मुंह पर हाथ रखकर उसकी चीख को रोका।
कुछ देर में प्रिया शांत हुई तब उसने कहा– क्या ये सब इतना भयानक होता है? कामिनी– नहीं बस पहली बार ही थोड़ा दर्द होता है।
तभी अचानक से मेरे हाथ से पूरी खिड़की खुल गई। तब उन दोनों को पता चल गया कि उन्हें कोई छुपकर देख रहा है।
वे दोनों डर के कारण काँपने लगी और मेरा भी लगभग यही हाल था।
कामिनी इन मामलों में थोड़ी ज्यादा समझदार थी। इसलिए उसने जल्दी से अपनी ब्रा और पैंटी पहनी और खिड़की के पास आकर बाहर देखने लगी।
उसने मुझे बाहर देख लिया और मुझे अंदर आने का इशारा किया। पहले तो मैं थोड़ा घबराया पर पता नहीं क्या सोचकर मैं उस कक्षा में चला गया।
मुझे देखते ही प्रिया की आँखों में आँसू आ गये और वह डर के कारण रोने लगी।
कामिनी ने उसे शांत किया और उसकी ब्रा से उसके आँसू साफ किए।
तब कामिनी ने मुझसे हाथ जोड़ते हुए कहा– प्लीज़ राज, यह बात बाहर किसी को भी मत बताना. बदले में तुम चाहो तो तुम भी हमें ज्वाइन कर सकते हो! मैंने कहा– मैं तो वैसे भी यह बात किसी को नहीं बताता. और मैं नहीं चाहता कि तुम दोनों में से कोई भी मेरे साथ किसी भी डर के कारण मेरे साथ कुछ करो।
कामिनी– राज, तुम बहुत अच्छे इंसान हो, नहीं तो ऐसा हर कोई नहीं कहता। मैं खुद चाहती हूँ कि तुम मेरे साथ वो सब करो!
मैं– तुम खुलकर कहो, क्या वो सब? कामिनी– राज मैं खुद चाहती हूँ कि तुम मुझे अपनी रांड बना लो! मुझे कुतिया बनाकर चोदो, मेरी गांड फाड़ दो!
कामिनी ने प्रिया से पूछा– प्रिया, तुम क्या चाहती हो? प्रिया– वैसे तो मैं भी अपनी बुर, गांड मरवाना चाहती हूँ पर मेरा यह पहली बार है! इसलिए पहले तुम दोनों करो फिर मैं मरवाऊँगी।
मैंने कहा– तो ठीक है। वैसे मैं तुम दोनों को एक बात बता दूँ कि यह मेरा भी पहली बार है। कामिनी– राज, तुम चिंता मत करो! मैंने बहुत चूत और गांड मरवाई है। मैं तुम्हें सब सिखा दूंगी।
इतना कहकर कामिनी मेरे पास आकर खड़ी हो गई। उसने मेरी शर्ट को जल्दी से खोला।
फिर उसने मेरी बनियान भी निकाल दी और उसने मुझे चूमना शुरू कर दिया। सबसे पहले उसने मेरे सीने पर चूमना चालू किया। फिर मेरे निप्पल्स को हल्के–हल्के चूसने लगी।
मुझे हॉट सेक्स इन कॉलेज में बहुत मज़ा आ रहा था।
वह थोड़ी ऊपर बढ़ी और उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए।
पता नहीं मुझे क्या हुआ पर मैंने उसे कसकर पकड़ लिया और उसके मुंह में मैंने अपनी जीभ डाल दी।
हम दोनों ही एक दूसरे के थूक का आदान प्रदान करने लगे। दोनों एक दूसरे के मुंह में थूकते और एक दूसरे के थूक को पीते।
इसमें हमें अत्यंत आनंद आ रहा था!
इसी बीच मैंने उसके खरबूजे को मसलना आरंभ कर दिया।
फिर मैंने उसके मुंह से जीभ निकालकर उसके चूचों पर ठेक दी।
मुझे लग रहा था कि मैंने तो अपना जीवन यूँ बेकार ही बिता दिया था, असली आनंद तो आज ही मिला है!
कुछ देर तक उसके बोबो का मर्दन करके, उन्हें निचोड़कर और उन्हें चूसने के बाद मैंने अपनी पैंट निकाल दी। मेरा लंड एकदम तनकर खड़ा हुआ था जैसे की कोई लोहे का रॉड हो।
उसे देखते ही कामिनी की चूत पानी छोड़ने लगी और उसके मुंह से लार टपकने लगी। वह जल्दी से नीचे बैठ गयी। उसने मेरी चड्डी निकाल दी और मुझसे बोली कि मुझे वाइल्ड सेक्स करना है।
मैंने हाँ में गरदन हिला दी और उसके बालों को पकड़कर मैंने उसके मुंह में अपना लंड डाल दिया।
मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि मैं जन्नत में पहुँच गया हूँ! बस फर्क इतना था कि लोग मरने के बाद जन्नत जाते हैं और मैं जिंदा जन्नत के मज़े ले रहा था।
मैंने उसके गालों पर 3-4 थप्पड़ भी लगाए जिससे हम दोनों को ही बहुत मज़ा आ रहा था।
क़रीब 10 मिनट के बाद मैं झड़ गया उसने सारा माल अपने मुंह में इकट्ठा कर लिया।
फिर उसने मुझे अपना मुंह खोलकर दिखाया और सारा माल निगल गई। कामिनी ने कहा– यह तो सच में बहुत अच्छा है!
कुछ देर में मैंने भी उसकी चूत का अमृतपान कर लिया।
उसने कहा– अब रुका नहीं जाता! बस अब तुम मुझे कसकर चोदो मेरे राजा! कामिनी ने मेरा लंड चूसकर एकदम खड़ा कर दिया था।
मैंने उसे एक मेज़ पर झुकाकर घोड़ी बना दिया। वह बहुत ही चुदासी लग रही थी।
मैंने उसकी चूत पर लंड सेट किया और उसकी चूत में धीरे से लंड घुसाया।
लंड का सुपारा उसकी चूत में चला गया और उसके मुंह से एक मादक लेकिन थोड़ी दर्द भरी सिसकारी निकल पड़ी।
मैंने एक और झटका मारा और आधे से ज्यादा लंड अंदर चला गया।
अब मैंने तेज–तेज झटके लगाना शुरू कर दिया और वह भी गांड हिला–हिलाकर लंड ले रही थी।
करीब 15 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मैं झड़ गया। वह भी 2 बार इस समय तक झड़ चुकी थी।
अब कामिनी तो बहुत थक चुकी थी। पर प्रिया इस चुदाई को देखकर बहुत गर्म हो चुकी थी।
कुछ 15 मिनट आराम करने के बाद प्रिया मेरे पास आई और मेरे मुंह में अपनी जीभ डालकर अपनी जीभ से मेरे जीभ के साथ लड़ाई करने लगी।
उसके मुंह से एक अजीब सी बदबू आ रही थी जो मदहोश कर देने वाली थी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
मैं नीचे उसके बोबे मसलने लगा। उसके बोबे हालाँकि कामिनी की तरह उतने बड़े तो नहीं थे। लेकिन उसके बोबे बिल्कुल नुकीले और मुलायम थे।
फिर जब लंड चूसने का समय आया तो उसने लंड चूसने से मना कर दिया।
लेकिन कामिनी ने मेरा लंड उसके मुंह में जबरदस्ती डाल दिया।
थोड़ी देर तक वह न–न करती रही। फिर उसके दिमाग पर भी लौड़े का जादू चल गया। वह लंड को पूरे अपने हलक तक लेने लगी।
जब मैं झड़ा तो उसने एक बूँद भी बरबाद नहीं जाने दी और पूरा पी गई। कुछ देर बाद मैंने भी उसकी बुर को चूसकर उसका जूस पिया जो बहुत ही अच्छा था।
मैंने उससे पूछा– रंडी की बच्ची चुदाई भी करवाएगी क्या? उसने कहा– चोद लेना, लेकिन मेरा पहली बार है, आराम से करना।
मैंने कहा– इस बात की तो तू चिंता ही मत कर!
उसने पहले हिलाकर और फिर अपने मुंह के जादू से मेरा लंड एकदम खड़ा कर दिया।
मैंने उसे रोकते हुए कहा– जान, रुक जा वरना मुंह में ही निकल जाएगा तो चुदेगी किससे? यह सुनते ही उसने अपने मुंह से लंड बाहर निकाल दिया।
कामिनी ने उससे कहा– देख पहली बार है तो थोड़ा दर्द होगा सहन कर लेना! प्रिया ने उत्सुकता से पूछा– सभी के साथ होता है? यह सुनकर कामिनी ने अपनी गरदन हाँ में हिला दी।
कामिनी ने अपनी और प्रिया की जाँघिया उसके मुंह में ठूंस दी। मैंने प्रिया को मेज़ के सहारे घोड़ी बना दिया।
उसकी छोटी सी चूत पर मैंने अपना लंड सेट किया और एक धक्का लगाया। धक्के से आधा लंड उसकी बुर में समा गया। उसके मुंह में कपड़े होने के बाद भी उसकी मुंह से एक तेज चीख निकल गई।
कामिनी– तुम जारी रखो … पहली बार ऐसा ही होता है।
मैंने एक धक्का और लगाया। इस बार पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में समा गया।
लेकिन प्रिया बेहोश हो गई। जल्दी से हम दोनों ने उसे दरी पर लेटाया। हम दोनों ही बहुत डर गये थे।
मैंने कामिनी से पूछा– क्या तुम्हारे पास पानी का बोतल है? कामिनी– नहीं!
तब मैंने कहा– ऐसी अवस्था में तो हम पानी के लिए बाहर भी नहीं जा सकते, तो फिर क्या करें?
कामिनी ने कुछ सोचकर कहा– एक तरकीब है! मैंने कहा– बताओ!
उसने कहा– तुम मेरे मुंह में पेशाब करो और मैं उसे धीरे-धीरे प्रिया के मुंह पर छिड़क दूंगी। मैंने कहा– ठीक है!
फिर मैंने कामिनी के मुंह में पेशाब किया और मैं रुक गया।
कामिनी ने मुंह में भरे पेशाब को थोड़ा सा प्रिया के मुंह पर छिड़का।
प्रिया तुरंत ही जाग गई और बाकी बचे पेशाब को कामिनी पी गई। कामिनी– थोड़ा और है क्या?
फिर मैंने कामिनी को बहुत सारा अपना मूत पिलाया।
कामिनी ने प्रिया को कहा– अब तुम्हारी सील टूट गई है! अब तुम्हें दर्द नहीं होगा। पहले तो प्रिया ने मना किया लेकिन फिर मान गई।
मैंने प्रिया की चूत को देखा तो वह छिल चुकी थी। तब मैंने धीरे-धीरे उसकी चूत मारना शुरू किया।
अब प्रिया को भी मजा आने लगा था। वह बार–बार कह रही थी– चोदो राजा … मुझे, अपनी कुतिया बना लो! मेरी गांड मारो!
वह अब गांड उठा–उठाकर चूत मरवा रही थी।
इसके बाद हम तीनों ने कई बार ये सब किया।
तो दोस्तो, यह थी मेरी पहली चुदाई की हॉट सेक्स इन कॉलेज कहानी। अपना कीमती सुझाव आप जरूर दें। धन्यवाद! [email protected]