मेरे लंड की दीवानी नई नवेली बीवियां
हॉट मैरिड सेक्स का मजा दिया मेरे कॉलेज की लड़कियों ने जो शादी के बाद अपनी चुदाई से संतुष्ट नहीं थी. एक लड़की को मजा आया तो उसने अपनी सहेली और ननद को चुदवाया.
जी हां, यह सच है कि मुझे लण्ड पेलने का बड़ा शौक है। मैं एकदम नई ताज़ी बीवियों को लण्ड पेलता हूँ क्योंकि नई नई बीवियां मेरे लण्ड से बेहद प्यार करतीं हैं और दिल खोल कर मुझसे पेलवाती हैं, हर तरफ से पेलवाती हैं।
उनके अंदर लण्ड पेलने में मुझे ज्यादा मज़ा आता है. और उनको भी बेशरम, बेहया और निडर होकर लण्ड पेलवाने में खूब मज़ा आता है.
उनका कहना है कि जब शादी हो गयी तो फिर अब डर काहे का! हॉट मैरिड सेक्स का मजा लो!
जब एक बार अपने पति से चुद गई तो मुझे चुदने का लाइसेंस मिल गया। फिर कोई भी मुझे चोदे, उससे कोई फरक नहीं पड़ता।
मुझे इसी बात का फायदा उठाने का मौक़ा मिल जाता है।
मैंने पहली बार एक नई ताज़ी बीवी को चोदा. उसके बाद तो लाइन लग गई बीवियों की मुझसे चुदवाने के लिए। यह सब मेरा कमाल नहीं था; मेरे लण्ड का कमाल था।
पूरी कहानी इस प्रकार है:
मेरा नाम अमित है, मैं 28 साल का एक हैंडसम नौजवान हूँ और मुझे सेक्स बहुत पसंद है। मुझे लण्ड पेलने का जबरदस्त शौक है।
मैं एक डिग्री कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हूँ। हमारे कॉलेज में लड़के लड़कियां सब साथ में पढ़ते हैं।
मेरी नज़र लड़कियों पर ज्यादा रहती है। मैं लड़कियों की हेल्प भी खूब करता हूँ, पढ़ाता भी खूब मजे से हूँ और उनसे हंसी मजाक भी कभी कभी कर लेता हूँ।
अपने घर में मैंने लड़कियों का आना जाना बिल्कुल फ्री कर रखा हैं और लड़कियां खूब आतीं भी हैं।
मैंने अपने रिश्तेदारों में 2 नई बीवियां पटा रखा है जिन्हें मैं अक्सर चोदता हूँ।
मैं यहाँ इस शहर में अकेला ही रहता हूँ और कॉलेज की हर लड़की पर नज़र रखता हूँ।
एक दिन मेरी नज़र एक लड़की पर पड़ी। वह बड़ी सजी धजी थी। उसके हाथों में कंगन थे, चूड़ियां थीं, मांग में सिन्दूर था, कानों में झुमके थे, गले में सोने का हार और मंगल सूत्र था, नाक में एक छोटी सी नथ थी।
वह सच में बड़ी सुन्दर और सेक्सी लग रही थी.
मुझे यह समझने में देर नहीं लगी कि उसकी अब शादी हो गयी है और वह किसी की बीवी बन चुकी है। वह किसी की नई नवेली दुल्हन बन चुकी थी और अपनी सुहागरात मना कर आयी थी, यानि चुद कर आयी थी।
नाम उसका था मनजीत कौर। वह एक पंजाबिन लड़की थी।
मेरी नज़र उस पर से हट ही नहीं रही थी।
शादी के बाद तो वह गज़ब की खूबसूरत लग रही थी। मैं उस पर फ़िदा हो गया, मुझे उससे इकतरफा प्यार हो गया।
मैं उसे बुलाकर कुछ कोर्स की बातें करने लगा और उसे एग्जाम के बारे में बताने लगा।
एक दिन वह सवेरे सवेरे मेरे घर आ गयी। वह संडे का दिन था।
मैंने दरवाजा खोला तो सामने मनजीत खड़ी थी। तो मैंने उसे प्यार से बैठाया।
मैं नंगे बदन था तो नंगे बदन ही बैठा रहा।
मैंने पूछा- तुम्हारी शादी हो गयी है क्या? वह बोली- जी हां सर हो गयी है।
मैंने कहा- अब तो तुम और ज्यादा खूबसूरत लग रही हो, बड़ी सेक्सी लग रही हो और हॉट भी! वह मुस्कराकर बोली- थैंक यू सर!
मैंने कहा- एक सवाल पूछूं? सुहागरात अच्छी हुई न तुम्हारी? वह बोली- जी बहुत अच्छी हुई मगर …
मैंने कहा- हां बोलो … मगर क्या? वह बोली- छोड़िये सर, ये सब तो होता ही रहता है।
तब मैंने भी ज्यादा जोर नहीं दिया लेकिन समझ तो गया कि कहीं न कहीं कुछ तो है।
मैंने यह जरूर पूछा- तुम्हारे आने का कोई खास कारण है क्या मनजीत? वह बोली- मैं काफी समय तक छुट्टी पर थी इसलिए पढ़ाई में पिछड़ गयी हूँ, वही पूरा करना चाहती हूँ। मैंने कहा- तुम चिंता न करो, मैं सब समझा दूंगा तुम्हें! ऐसा बोल कर मैंने उसका हाथ पकड़ लिया।
वह कुछ बोली नहीं बल्कि मुझसे और लिपट गयी। तो मैंने भी उसके गले में बाहें डाल दीं।
उसने कहा- आप बहुत अच्छे हैं सर!
मैंने और हिम्मत की, उसकी चुम्मी ले ली। उसने कोई ऐतराज़ नहीं किया।
मैंने आहिस्ते से उसके मम्मे दबा दिया और कहा- तुम बहुत हॉट हो मनजीत? उसने मेरी नंगी छाती पर हाथ फिराया और कहा- सर आप भी बहुत सेक्सी लग रहे हो. आप बहुत हॉट लगते हो मुझे!
फिर तो मुझे जोश आ गया। मेरा लण्ड साला नेकर के अंदर ही खड़ा हो गया।
मैंने उसे गोद में उठा लिया और बेड पर लाकर लिटा दिया।
उसने मेरे लण्ड की तरफ देखा और मुस्कराने लगी।
मैंने उसकी दोनों चूचियाँ दबायीं और चूमा। वह मस्त होने लगी।
मैंने उसका टॉप खोल दिया तो वह ऊपर से एकदम नंगी हो गई। उसकी बड़ी बड़ी मस्त चूचियाँ मुझे पागल कर रही थीं।
मैं बड़े प्यार से उन्हें मसलने और निप्पल चूसने लगा।
वह कुछ बोली नहीं बल्कि मेरा लण्ड टटोलने लगी और नेकर के ऊपर से ही दबा दिया लण्ड! मैं उसका संकेत समझ गया। वह चुदासी थी; उसे लण्ड चाहिए था। वह मुझसे चुदना चाहती थी।
मैंने खब प्यार से उसकी चूचियाँ दबायीं और पूरे नंगे बदन पर हाथ फिराया। उसकी चूचियाँ वाकई बड़ी रसदार थी, मुझे मज़ा आने लगा।
उसने भी मेरी नेकर नीचे खींच दी. तो मैं पूरा नंगा हो गया उसके सामने!
उसने मेरा फड़फड़ाता हुआ लण्ड पकड़ लिया और बोली- इसी को तो मैं बहुत दिनों से ढूंढ रही थी। आज पकड़ में आया है भोसड़ी का तेरा लण्ड मुझे तेरे लण्ड की बहुत जरूरत है मेरे राजा अमित! ऐसा बोल कर वह मस्ती से चूमती हुई मेरा लंड हिलाने लगी।
फिर मैंने उसकी जींस की बटन खोल दी, जिप खोल कर उसकी चूत तक पहुँच गया, उसकी मस्तानी चूत पर हाथ फेरने लगा। मैंने उसकी जींस उतार कर फेंक दी।
उसकी नंगी छोटी छोटी झाटों वाली चूत बहन चोद बड़ी सेक्सी लग रही थी।
मैं उसकी मोटी मोटी जाँघों पर भी हाथ फिराने लगा … उसके पूरे नंगे बदन से खेलने लगा मैं!
तब मैं पूरा वासना में डूब गया और वह मेरे नंगे बदन से लिपट गयी। वह मेरा लण्ड पकड़ कर अपने पूरे बदन पर घुमाने लगी, बोली- सर मुझे तेरा लण्ड बहुत पसंद है। मेरे मन मुताबिक है तेरा लण्ड। मैं चाहती थी ऐसा मोटा और लम्बा लण्ड … बिल्कुल वैसा ही है तेरा लण्ड! मुझे तो तेरे लण्ड से प्यार हो गया है!
मैंने कहा- प्यार हो गया है तो अब क्या करोगी? वह बोली- इसे अपनी चूत में पेलूँगी और क्या! इसे अपने मुंह में डालूंगी इससे अपनी चूचियाँ चुदवाऊंगी। इसे अपनी गांड में ठोकूंगी। अब मैं शादीशुदा हूँ अब मुझे किसी भोसड़ी वाले का डर नहीं।
मैंने कहा- पर तेरा हसबैंड तो है? वह बोली- हसबैंड की माँ का भोसड़ा … उसकी बहन की बुर … वह मादरचोद ठीक से तो चोद नहीं पाता. वो क्या करेगा? चोदता है तो देर तक ठहर नहीं पाता. मैं उसके सहारे रहूंगी तो मेरी जवानी बर्बाद हो जाएगी और मैं ऐसा कतई नहीं होने दूँगी।
ऐसा बोल कर वह लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी और मैं भी उसकी चूत का मज़ा लेने लगा।
उसकी चूत वाकई बड़ी टाइट थी और गद्देदार थी। बड़ी स्वादिष्ट भी थी उसकी चूत।
बस फिर मुझसे ज्यादा रुका नहीं गया, मैं चढ़ गया उसके ऊपर और पेल दिया अपना लण्ड उसकी चूत में! मैं चोदने लगा उसकी मस्तानी चूत।
बहुत दिनों के बाद मुझे एक नई ताज़ी चूत चोदने का मज़ा मिलने लगा।
मैं बार बार लण्ड निकाल निकाल कर अंदर घुसेड़ने लगा। वह भी अपनी कमर हिला हिला कर बड़ी मस्ती और प्यार से चुदवाने लगी।
मनजीत कौर को मैं पहली बार चोद रहा था और मुझे अहसास हुआ कि शादीशुदा नई नवेली बीवी ज्यादा अच्छी तरह से चुदवाती है, निडर होकर चुदवाती हैं और गन्दी गन्दी बातें करती हुई चुदवाती है।
मैं भी बहुत उत्तेजित था, बहुत उत्साहित था एक नयी नवेली बीवी चोदने के लिए! मेरी भी इच्छा पूरी हो रही थी।
तब तक वह बोली- सर, मैं आज सही माने में अपनी सुहागरात मना रही हूँ। मुझे आज वो मज़ा आ रहा है जो मुझे अपनी सुहागरात में बिल्कुल नहीं मिला।
मैं यह सुनकर और जोश में आ गया। मैंने चोदने की स्पीड बढ़ा दी।
मैं धकाधक चोदे चला जा रहा था। मैं बड़े मूड में था।
लण्ड उसकी चूत में चारों तरफ से चिपक कर घुस रहा था। वह भी खूब मज़ा ले रही थी।
मैं पागलों की चोदने में जुटा था। आखिरकार उसकी चूत बोल गयी और उसने पानी छोड़ दिया। ढीली हो गयी मनजीत की चूत … निकल गयी सारी चूत की गर्मी।
फिर उसने अपना मुंह खोल कर मेरी मुठ मारी और लण्ड ने सारा वीर्य उसके मुंह में ही उगल दिया जिसे वह बड़े प्यार से चाट गयी।
दूसरे दिन उसका फोन आ गया। उसने कहा- अमित सर, मेरी ननद है सिमरन कौर! उसकी शादी अभी एक हफ्ते पहले ही हुई है और वह अपनी सुहागरात मना कर आयी है. उसने अपनी सुहागरात का पूरा किस्सा मुझे सुनाया. और तभी मैंने तुम्हारे लण्ड की उससे तारीफ कर दी। फिर क्या … वह मेरे पीछे पड़ गयी और बोली कि मुझे भी वह लण्ड दिलवाओ भाभी जी। मैं इसी तरह के लण्ड की तलाश में हूँ. मैं उसे तुम्हारे पास भेज रही हूँ आज शाम को 8 बजे। इसे रात भर चोदना और खूब मज़ा लेना। सिमरन मुझसे ज्यादा खूबसूरत है, लण्ड चूसने में और पेलवाने में बड़ी मस्त है।
फिर क्या … मैं उसका इंतज़ार करने लगा।
वह जब मेरे सामने आयी तो मैं उसे देख कर बहुत ज्यादा खुश हो गया। सिमरन वाकई मनजीत से ज्यादा खूबसूरत थी और बड़े बड़े मम्मों वाली थी।
मैंने पहले उसे प्रेम से चाय नाश्ता करवाया और फिर बातें करने लगा।
वह बातें करने में वह बड़ी बोल्ड थी। उसने कहा- सर, मुझे मनजीत भाभी ने सब बता दिया है। मैं तो जल्दी से जल्दी आपके लण्ड के दर्शन करना चाहती हूँ। बाकी बातें मैं लण्ड से कर लूंगी।
उसने अपनी बाहें मेरे गले में डाल दीं और मेरी चुम्मी ले ली, बोली- देखो सर, मेरी शादी हो गयी है अब मुझे किसी का डर नहीं है। मेरी चूत एक बार अपने पति से चुद चुकी है। अब तो मुझे किसी से भी चुदने का लाइसेंस मिल गया है। अब कोई मेरी एक झांट भी उखाड़ नहीं सकता.
उसकी बातें बड़ी मस्त होने लगीं।
मैंने उसे चिपका लिया और बिस्तर पर पटक दिया, उसके कपड़े खोल डाले और अपने भी।
अब हम एक दूसरे के आगे नंगे हो गए।
मैंने उसे नंगी देखा तो मेरा लण्ड साला तन कर आसमान ताकने लगा। उसने मेरा लण्ड पकड़ा और ताबड़तोड़ कई चुम्मियाँ ले लीं और बोली- मनजीत भाभी सही कह रहीं थीं। क्या गज़ब का लौड़ा है तेरा अमित सर! क्या मस्त टोपा है इस भोसड़ी वाले लण्ड का! मैं तो ऐसे ही लौड़े की दीवानी हूँ। ऐसा ही लौड़ा मेरे रॉबर्ट सर का था लेकिन अब वह लंदन चला गया।
मैंने सबसे पहले उसकी बड़ी बड़ी सेक्सी चूचियाँ ही चोदी और बड़ी देर तक चोदी। उसने भी अपने हाथ से दोनों तरफ से चूचियाँ दबा रखीं थीं जिससे बीच में एक बड़ी सुरंग बन गयी थी।
मैंने उसी में लण्ड पेलना शुरू किया। लण्ड जब ऊपर जाता तो वह लण्ड का टोपा चाट लेती।
मैं बड़ी देर तक उसके बूब्स चोदता रहा। इतना चोदा कि मेरा लण्ड बहन चोद खलास हो गया। सारा वीर्य उसकी चूँचियों पर जा गिरा। उसने जितना हो सका उतना चाटा।
उसके बाद हम दोनों ने नंगे नंगे ही डिनर किया और खूब बातें भी कीं।
आधे घंटे में लौड़ा फिर साला कुलबुलाने लगा।
उसने लण्ड थोड़ा हिलाया तो फिर तन कर खड़ा हो गया।
इस बार मैंने सीधे उसकी चूत में ही लंड पेल दिया। लण्ड जब पूरा घुसा तो वह बोली- हाय रे मज़ा आ गया। आज मुझे असली लौड़ा मिला है। मनजीत ने सही कहा था। मुझे तेरा लण्ड पसंद है यार …. मुझे चोद … खूब चोद … अपनी बीवी समझ कर चोद। मैं दीवानी हो गयी हूँ तेरे लण्ड की। मैं तेरे लण्ड की गुलाम हूँ। फाड़ डाल मेरी बुर। चीथड़े उड़ा दे मेरी हरामजादी चूत के!
मैंने वैसा ही किया। मैं तो धज्जियाँ उड़ाता रहा बड़ी देर तक उसकी चूत की … सारी गर्मी निकाल दी उसकी चूत की।
उसे पीछे से भी घोड़ी बनाकर चोदा, पूरा लौड़ा पेल पेल कर चोदा और फिर लण्ड पर बैठा कर भी चोदा। हर तरफ से चोदा।
उसने कहा- आज मुझे पता चल रहा है कि लण्ड क्या होता है और चुदाई किसे कहते हैं.
फिर मैंने उसे रात भर नंगी नंगी ही रखा और तीन बार चोदा।
अगले संडे को मेरे कॉलेज की एक और शादीशुदा लड़की मेरे घर आ गयी. उसका नाम था शमशा।
मैंने कहा- अरे शमशा तुम? वह बोली- हां सर, मैं भी एक काम से आपके पास आयी हूँ। मुझे मनजीत ने आप के बारे में बहुत बताया है। मेरी शादी अभी एक महीने ही पहले हुई है। मैं ससुराल से अभी 3 दिन पहले ही आयी हूँ। सर मैं वही करने वाई हूँ जो मनजीत आपके साथ कर के गयी है।
मैंने उसे गले लगा लिया क्योंकि वह भी बड़ी सुन्दर थी और मस्त माल थी। उसका गदराया बदन मुझे भा गया।
मैंने पूछा- ड्रिंक्स लेती हो? वह बोली- हां सर ले लेती हूँ. हम दोनों ने थोड़ी शराब पी.
और फिर मैंने उसके कपड़े उतारे।
शमशा जब नंगी हुई तो मेरी आँखें खुली की खुली रह गयी। उसकी चूचियाँ भी बड़ी थीं और बड़ी सेक्सी थीं।
उसने भी बड़ी बेशर्मी से मुझे नंगा कर दिया और मेरा लौड़ा पकड़ कर हिलाने लगी। वह बोली- बाप रे बाप, क्या मस्त लौड़ा है सर आपका! मैं ऐसे ही लण्ड के लिए तरस रही थी।
मैंने मजाक में पूछा- तेरे हसबैंड का लण्ड? वह बोली- उस भोसड़ी वाले का झांट भर का लण्ड तेरे लण्ड के आगे बौना लगता है। मैं न उसकी परवाह करती हूँ और न उसके मादरचोद लण्ड की। मुझे तो तेरा लण्ड बड़ा प्यारा लग रहा है। मैं तेरे लण्ड की भक्त हो गयी हूँ। आज से पूजा करूंगी मैं तेरे लण्ड की!
उसने मेरे लण्ड की कई फोटो ले लीं और अपने मोबाईल में सेव कर लिया।
उसके बाद वह टूट पड़ी मेरे लण्ड पर और इतना चूसा इतना चूसा बिना रुके कि मैं उसके मुंह में ही झड़ गया।
फिर एक घंटे के बाद मैंने उसे जिस तरह से चोदा, आगे से चोदा, पीछे से चोदा, कुर्सी पे बैठा के चोदा, टेबल पर लिटा के चोदा, खड़े खड़े चोदा और लण्ड पे बैठा के चोदा. उस तरह से मैंने अभी तक किसी को नहीं चोदा था।
वह बंगाली लड़की थी चुदवाने में एकदम मस्त, लण्ड चूसने में उससे ज्यादा मस्त। मुझे उसे चोदने में सबसे ज्यादा मज़ा आया।
इस तरह मैं एक के बाद एक नई नवेली बीवियां चोदता रहा और आज भी हॉट मैरिड सेक्स का मजा लेकर चोद रहा हूँ। कहानी पर अपने विचार मुझे बताएं. [email protected]
लेखिका की पिछली कहानी थी: बस में चुभा मेरी गांड में लण्ड