प्यासी मामी की गांड मारी चूत से पहले
देसी मामी चुदाई स्टोरी मेरी हसीन मामी की है. मैं मामा के घर गया तो देखा कि मामी मेरे मामा की चुदाई से खुश नहीं है. तो मैंने मामी को चुदाई के लिए कैसे राजी किया?
मित्रो, मेरा नाम रवि राज है. मैं अपनी 12वीं की परीक्षा देकर अपने मामा के गांव चला गया था. मामा के घर 6 लोग रहते हैं. मामा-मामी, नाना-नानी और उनके दो बच्चे हैं.
नाना और नानी मुझसे बहुत प्यार करते हैं.
यह देसी मामी चुदाई स्टोरी मेरी मामी, जिनका नाम रानी है, के साथ सेक्स की है. वे मुझे बहुत पसंद हैं, वे बहुत ही ज्यादा सुंदर हैं. उनकी आंखें मोरनी जैसी हैं, चाल विद्या बालन जैसी है.
उनकी चूचियाँ बहुत बड़ी बड़ी हैं और उनकी गांड देखकर तो किसी का भी लंड उठ जाए.
मेरी मामी सेक्स की बहुत भूखी हैं. इस बार भी जब हम लोग गांव गए थे, तो रात में मैं छुप कर देख रहा था कि मामी मामा को रात में उठा कर मामा से बोलीं- कुछ करो ना! पर मामा ने बोला- नहीं मैं बहुत थक गया हूं, आज नहीं.
यह सुनकर मामी का मूड ऑफ हो गया और वे अपनी टांगों को दबा कर सो गईं.
ऐसा दो दिन तक मैंने लगातार देखा था. तो मैंने समझ लिया था कि मामी की भूख बहुत ज्यादा है और उन्हें संतुष्ट कर पाना मामा के बस के बाहर है.
एक दिन मैं मामी की फोटो देख कर मुठ मार रहा था, तभी मामी उधर आ गईं और मुझे देखने लगीं. मैं आंखें बंद करके मामी का नाम बुदबुदाते हुए लंड हिला रहा था- आह रानी मेरी जान … मेरे लंड को मौका देकर देखो, फाड़ कर न रख दी तो कहना आह आह!
मामी ने यह देख लिया और वे मुझे नजरअंदाज करती हुई वहां से चली गईं. जब वे वापस जा रही थीं, तभी अचानक से मेरी आंख खुल गई और मैं उन्हें देख कर बहुत घबरा गया कि कहीं मामी यह सब मामा को ना बता दें.
उस दिन मैं डर डर कर उन्हें देखता रहा. पर मामी ने शायद यह बात किसी को नहीं बताई थी.
मुझे मामी के सामने आने में बहुत शर्म आ रही थी, फिर भी मामी मुझे बहुत पसंद थीं.
अगले दिन जब मैं नहाने गया तो बाथरूम के अन्दर उनकी ब्रा और पैंटी देख कर मेरी काम वासना पुनः जाग उठी. मैंने मामी की ब्रा पैंटी को पहन लिया और पैंटी में मुट्ठ मार ली. फिर पैंटी को उतार कर उसे सूंघने लगा.
कुछ देर बाद मैं नहा कर बाहर आ गया.
उसके कुछ देर बाद मामी जब अपने कपड़े धोने के लिए स्नानघर में गईं तो मामी ने अपनी पैंटी को उठा कर देखा कि उसमें किसी का वीर्य लगा है. वे तुरंत समझ गईं यह रवि की यानि मेरी हरकत है और मैंने ही उनकी पैंटी में मुठ मारी है. हालांकि उन्होंने अभी भी मुझसे कुछ नहीं कहा था.
दो दिन बाद की बात है, जब मामा, नाना नानी खेत पर गए थे और बच्चे स्कूल गए थे. उस समय घर में सिर्फ मैं और मामी ही थे.
मामी नहाने के लिए बाथरूम में चली गईं लेकिन वे तौलिया ले जाना भूल गई थीं.
कुछ देर बाद मामी ने मुझको आवाज दी और बोलीं- राज, मैं तौलिया लाना भूल गई हूँ, प्लीज तौलिया ले आओगे? उसी वक्त मेरे मन में लड्डू फूटा और मैं तौलिया लेकर बाथरूम के पास आ गया.
मैंने कहा- दरवाजा खोलो मामी जी! मामी बोलीं- हाथ बढ़ा कर ही दे दो.
यह कह कर उन्होंने दरवाजे को जरा सा खोल दिया. मैंने अन्दर हाथ डाला तो तौलिया देते समय मेरा हाथ उनके एक गुब्बारे पर लग गया.
तो मैंने तौलिया पकड़ाई और उनके दूध को दबा दिया. लेकिन मामी ने अब भी कुछ नहीं कहा.
उसी वक्त मुझे समझ आ गया कि मामी की तरफ से हरी झंडी है. नहाने के बाद मामी कपड़े पहन का बाहर आईं और सीधे किचन में चली गईं.
तब मैं भी मामी के पीछे चला गया और उनके पीछे से जाकर मैंने उनको अपनी बांहों में जकड़ लिया. एकदम से हुई इस हरकत से मामी जी डर गईं.
जब उन्होंने मुझे देखा तो वे बोलीं- छोड़ रवि! यह क्या कर रहा है … तुझे शर्म नहीं आती अपनी मामी को ऐसे पकड़ रहा है … ऐसा कोई करता है? मैंने मामी से कहा- मैं मामी आपसे बहुत प्यार करता हूं, सिर्फ एक बार करने के लिए अपनी दे दीजिए!
मामी बोलीं- क्या दे दीजिए? मैंने कहा- वही जो मामा नहीं लेते हैं! मामी- नहीं यह सब गलत है रवि!
मैंने कहा- कुछ गलत नहीं है मामी, मैंने देखा है कि आप तिल-तिल कर अपनी आहें भरती हैं. इस तरह से खुद को तरसाना कहां तक सही है. प्लीज मामी सिर्फ एक बार मौका दीजिए, आपको अच्छा लगेगा, प्लीज.
मेरे मनाने पर मामी मान गईं.
मैंने मामी के गुब्बारे दबाना चालू कर दिए और मामी अपने दूध मिंजवाती हुई मदहोश होने लगीं.
वे कामुक सिसकारियां लेने लगी थीं- आह आह रवि … यह तुमने क्या कर दिया … आह मेरा बदन जल रहा है आह जल्दी से मेरी फुद्दी फाड़ दे!
मैंने कहा- थोड़ा तो रुक जाओ मामी जी … अपने मस्त मस्त गुब्बारे तो दबा लेने दो. मामी बोलीं- वह सब बाद में कर लेना … अभी जल्दी से कर ले … कोई आ जाएगा तो मैं फिर से प्यासी रह जाऊंगी!
यह सुनकर मैंने मामी को किस करना चालू कर दिया. मामी भी मजे ले रही थीं और वे भी मुझे चूम रही थीं.
मैं कुछ ऐसे चुंबन ले रहा था कि मामी को सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था.
तभी मैंने मामी की साड़ी ऊपर उठाई और उनकी पैंटी को नीचे कर दिया.
वे अन्दर से नंगी हो गई थीं. तो मैंने मामी को कुतिया के जैसे झुकाया और किचन की पट्टी पर रखी तेल का शीशी उठा कर तेल मामी की गांड में डाल दिया. वे अपनी गांड हिलाने लगी थीं.
अब मैंने अपनी पैंट नीचे की और अपना औजार बाहर निकाल कर एकदम से मामी की गांड में डाल दिया.
मामी चिल्ला उठीं और वे रोने लगीं- आह राज … धीरे धीरे कर मैं भागी थोड़ी जा रही हूं. मैं मामी की गांड मारने लगा और उनकी चूचियां मसलता रहा.
उसके बाद मैंने मामी की चूत में लंड पेला, तो वे खुश हो गईं और बोलीं- अब सही जगह पेला है.
मैंने उन्हें काफी देर तक चोदा, फिर मेरा माल निकल गया और मैं उनसे अलग हो गया.
मामी ने अपने कपड़े सही कर लिए और मैंने भी अपनी पैंट पहन ली. अब मैं उधर से चला गया.
कुछ देर बाद नाना नानी आ गए, पर मामा नहीं आए थे. वे देर से वापस आए और मामी से बोले- मुझे अचानक जरूरी काम से शहर जाना है, मैं दो दिन बाद आऊंगा.
मैंने समझ लिया कि अब रात में मामी की मजे से बजाने को मिलेगी. दोस्तो, अभी के लिए इतना ही. अगली बार आपको मामी के साथ किस तरह से रात रंगीन हुई, उसका पूर्ण वृतांत लिखूँगा.
तो दोस्तो, आपको मेरी यह देसी मामी चुदाई स्टोरी कैसी लगी … प्लीज कमेंट्स करके जरूर बताएं. [email protected]