आंटी के यार ने की गांड चुदाई दमदार- 1
बायसेक्सुअल बॉय गे कहानी में मैं किराये पर रहता था. एक दिन मैंने आंटी का सलवार सूट पहन लिया. तभी आंटी का चोदू यार आ गया, उसने मुझे देख लिया.
नमस्कार दोस्तो, मैं एक बायसेक्सुअल लड़का हूँ और मुझे चुदना बहुत पसंद है. मेरे मन में हमेशा किसी बड़े लंड को लेने की हवस जगी रहती है.
मुझे जो पिछला लंड मिला था, वह बड़ा तो था … पर मोटा उतना नहीं था. मेरी गांड उसे आराम से झेल गई थी.
उस लॉकडाउन में मेरी गांड की ओपनिंग घटना के बाद मेरी उत्तेजना अब लंड को लेकर काफी बढ़ गई थी. मैंने बड़े लंड की तलाश में फेसबुक पर एक अकाउंट भी खोल रखा था. मैं वहां थोड़ा थोड़ा समय बिताता रहता था और अलग अलग लोगों से बात होती रहती थी.
कुछ दिनों बाद मैं शहर छोड़ कर दूसरे शहर शिफ्ट हो गया था और वहां एक अंकल आंटी के घर में रूम ले लिया था.
मेरा रूम बाहर की ओर बना था. मेरे कमरे के बाद एक आंगन था, उसके बाद आंटी अंकल का रूम था.
जॉब के बाद मेरा ज्यादातर समय कमरे में ही बीतता था.
अंकल टूर गाइड थे, तो वे ज्यादातर समय दूसरे शहरों में ही होते थे. कई बार तो उनको घर आने में महीने लग जाते थे. आंटी का लड़का है, वह मेरे आने के महीने भर बाद कोचिंग के लिए दूसरे शहर चला गया था.
आंटी थोड़ी बड़ी उम्र की थीं, यही कोई 40 के आस-पास की रही होंगी. मगर वे दिखने में काफी भरे हुए शरीर की थीं. वे मुझसे दूरी ही बना कर रखती थीं क्योंकि मैंने शुरू में उन्हें पटाने की कोशिश की थी लेकिन मुझे रेस्पोंस नहीं मिला था.
मैं रात में और संडे को ही घर रह पाता था.
आंटी का एक लवर भी था, जिनके साथ आंटी हर रविवार घूमने जाती थीं. उनका लवर काफी जवान और लम्बा था. उसका नाम रमण था.
मैंने उससे कभी बात नहीं की थी. मैंने कई बार चुपके से उन दोनों को चिपके हुए देखा था, पर किसी को बताया नहीं.
इसी रमण के साथ मेरी यह बायसेक्सुअल बॉय गे कहानी बनी थी.
एक शनिवार को मैं काम खत्म कर थोड़ा घूमने निकल गया और देरी से घर आया. आंटी सो चुकी थीं. तो मैंने धीरे से गेट बंद किया और अन्दर आकर सो गया.
सुबह सुबह मुझे अच्छा सपना आया कि एक दमदार बड़े लंड से मेरी गांड बज रही है. मैं नींद में ही मोनिंग कर रहा था.
मेरी आंख खुली तो मैं सोचने लगा कि बहुत दिन हो गए अपनी गांड की ठुकाई नहीं हुई. मैंने सोचा यार यहां लंड मिलना काफी मुश्किल है.
फिर मैंने फेसबुक को खोला और चैट करने लगा. वहां मेरी एक लड़के से बात हुई. उसने अपना लंड दिखाया.
तो मैं तो उस लंड का कायल हो गया, सोचने लगा कि ऐसा लंड मुझे मिल जाए तो बात बन जाए.
उसने मुझसे कहा- मैं उसे क्रॉस ड्रेसिंग कर वीडियो कॉल करूं! पर मेरे पास पहनने को कुछ नहीं था.
मैंने सोचा कि आज आंटी भी तो बाहर जाएंगी, मैं उनके कपड़े पहन लूंगा. तो मैंने उस लड़के से थोड़ा इंतजार करने को कहा.
आंटी रेडी हुईं और 9 बजे निकल गईं. उनके निकलते ही मैं खुश हो गया था.
मैंने देखा कि आंटी हर जगह लॉक करके जाती हैं. मेरे पास पहनने को कुछ नहीं मिल रहा था तो मैं निराश हो गया. मैंने सोचा कि चलो छोड़ो, किसी और दिन उससे बात करूंगा.
उसी वक्त मैं बाथरूम में जाने लगा. जल्दी जल्दी में मैं आंटी के बाथरूम में चला गया. मैंने देखा कि आंटी ने जो सलवार सूट पहना था, वह वहीं खूंटी पर टंगा है. हालांकि उनका सलवार सूट हल्का सा भीगा था. पर फ़ोटो में क्या समझ में आता.
मैंने फटाफट उसे बाहर निकाला और थोड़ी आयरन करके सुखा दिया और अपने कमरे में जाकर पहन लिया. आंटी का सलवार सूट मुझे फिट आ रहा था और मुझ पर उनके कपड़े सेक्सी भी लग रहे थे.
अब मैंने उनके कुर्ते को उतार दिया और पहले आंटी की ब्रा पहनी. उसमें अपनी दो बनियानों को गोल गेंद सी बना कर फंसा लीं जिससे बूब्स का उभार आ जाए. फिर कुर्ती वापस से पहन ली.
नीचे से सलवार पहनी ही थी. पहले मैंने सोचा कि सलवार उतार कर पैंटी भी पहन लूँ, फिर रहने दिया.
अब मैंने खुद को आईने में देखा, तो आंटी के कपड़े मेरे ऊपर मस्त लग रहे थे. मैंने फटाफट फेसबुक खोली और वीडियो चैटिंग ऑन कर दी.
अपने मुखड़े के अलावा मैंने पूरी बॉडी उसे दिखाई. मैंने उससे हाय बोला.
उसने पूछा- सच सच बताओ, लड़की हो या लड़का? मैंने सच बताया।
वह बोला- सच में तेरा फिगर लड़कियों से भी कमाल का है! मैंने कहा- बस यही तो बात है.
थोड़ी देर बाद मैंने फेसबुक बंद की और खुद के फोटोज ले लिए जिसमें फेस काट दिया और फेसबुक पर डाल दिए. सबको वे फ़ोटो बहुत पसंद आए.
मैंने आज पूरे दिन उन्हीं कपड़ों में रहने का सोचा. उन कपड़ों में से आंटी की खुशबू आ रही थी. मुझे मिक्स फीलिंग आ रही थी. मुझे आंटी को चोदने का मन भी हो रहा था और खुद चुदने का भी.
मैं सो गया. फिर जब उठा तो एक लड़का डर कर हड़बड़ाता हुआ रूम के अन्दर घुस आया. मैंने देखा वह आंटी का ब्वॉयफ्रेंड था.
मैंने जल्दी से खुद को ढका … पर उसने मुझे देख लिया था. उसने देख कर कहा- साले फटाफट चेंज कर ले … अंकल आ गए हैं और उन्हें ये बताना कि मैं तेरा दोस्त हूँ!
मैंने बिना देरी किए चेंज किया और आंटी के सलवार सूट को छिपा दिया. मेरी धड़कन बढ़ी हुई थी.
मैं बाहर आया तो मैंने देखा कि अंकल बेडरूम में चले गए थे. अंकल के एक दोस्त उनके साथ आए थे.
आंटी के लवर ने बताया कि अंकल शायद बीमार हैं. यह सुनकर मैं अंकल के पास चला गया और थोड़ी देर उनके पास रह कर खुद के रूम में आ गया.
अब मैं रमण से आंखें नहीं मिला पा रहा था, क्योंकि उसने मुझे सलवार सूट में देख लिया था।
उसने मुझसे पूछा- क्यों रे, तुझे औरत बनने का शौक होता है? मैंने कोई जवाब नहीं दिया. उसने भी कुछ नहीं बोला.
मैंने कहा- प्लीज़ भैया, आप आंटी को मत बताना प्लीज! उसने कहा- नहीं, तूने मेरी आइटम के कपड़े पहने हैं. उसे तो बताना ही होगा!
मैंने सॉरी सॉरी किया, तो वह मेरे पास आ गया. उसने मुझसे कहा- चल नहीं बताऊंगा!
मैंने भईया को थैंक्स बोला और वह वहीं बैठ गया. मैं भी उसके पास बैठ गया. मुझे पता नहीं क्या हुआ, मैंने उसके पैंट पर हाथ रखा.
उसने बोला- क्यों बे छक्के, तुझे मुझसे चुदना है क्या? मैंने कहा- मैं गे नहीं हूँ, बस बायसेक्सुअल हूँ.
उसने कहा- तुम जो भी हो, पर मेरे को तुझ में जरा सा भी इंटरेस्ट नहीं है. मैं उदास हो गया.
मैंने कहा- ठीक है. वह काफी देर वहीं बैठे रहे.
उसने कहा- सुन, वे कपड़े वापस पहन कर दिखाना! मैंने उनकी तरफ वापस देखा और कहा-क्या?
उसने कहा- चल जल्दी कर! मैंने फटाफट कपड़े पहन लिए.
रमण ने कहा- आंटी ने आज मेरा लंड लेने का बहुत तगड़ा मूड बना रखा था पर अंकल ने आज सब प्लान चौपट कर दिया! मैंने पूछा- आप आंटी को हर संडे पेलते हो?
उसने कहा- तू जल्दी कर, कपड़े पहन! मैंने फटाफट कपड़े पहन लिए और उसे अपने दूध दिखाए.
तो उसने कहा- चल इधर आ!
मैं जाकर रमण की गोद में बैठ गया. उसने मुझे कमर से पकड़ा और नीचे उतार कर कहा- चल बाहर निकाल!
मैं खुश हो गया और मैंने बिना देरी किए पहले उसकी पैंट खोली, फिर अंडरवियर देखा.
उसका लंड एकदम काला मोटा और लम्बा था. मैं लंड देख कर हैरान था. मैंने कहा- क्या मस्त किस्मत है आंटी की!
उसने मेरी गर्दन पकड़ी और नीचे झुका दिया. मैंने उनके लंड को जीभ से चाटा और चूम लिया.
उसने कहा- हाथ में पकड़! मैंने लंड हाथ में पकड़ा.
वह मेरे हाथ में आ ही नहीं आ रहा था.
मैंने लंड पर और चुम्बन किए और लंड का टोपा धीरे से मुँह में भर लिया. उसे मजे आ गए.
मैंने आगे बढ़ते हुए और पास जाकर मुँह में लिया. पर वह मेरे मुँह से काफी मोटा था; मेरा पूरा मुँह भर गया था.
मैंने लपक लपक कर चूसना शुरू कर दिया. उसने मेरे सर पर हाथ धर दिया और जोर से दबा दिया.
उसका लंड पूरा मेरी गर्दन पर टकराने लगा. उसने कहा- सही से चूस ना रण्डी!
मैंने उसे रोकना चाहा, पर वह नहीं रुका. मुझे बहुत दर्द हुआ और सांस लेने में तकलीफ होने लगी.
तब मैंने रिवर्स प्रेशर दिया और लंड को बाहर निकाल कर कहा- मारने का इरादा है क्या? ऐसे लंड थोड़े जाएगा! उसने कहा- तो तू कैसे लेगा?
मैंने उसे उठाया और खुद बेड पर सीधा लेट गया. अपने सर को नीचे लटका दिया और उसकी टांगें खींच कर उसको अपने पास ले लिया.
मैं बोला- अब घुसाओ! उसने कहा- रण्डी, तू तो पूरी ट्रेंड लगती है!
मैंने अपने मुँह को लंड के थोड़ा पास लिया तो उसने अपनी पूरी पैंट उतार दी और मेरे मुँह पर लंड दे मारा.
उसका लंड काफी ज्यादा भारी था.
मैं आंटी के मजे की कल्पना कर ही रहा था कि उसने पूरा लंड मेरे गले में उतार दिया. उसका लंड अन्दर जा ही नहीं रहा था. मैंने निगलने की कोशिश की तब जाकर पूरा लंड उतर पाया.
उसने थोड़ा थोड़ा झुकना शुरू किया और उसका लंड मेरी गर्दन में ऊपर नीचे होने लगा. मैं लगातार उसे निगलने की कोशिश कर रहा था. वह घप घप मेरे पेट में लंड उतारने की कोशिश करने लगा.
मेरी सांस रुक चुकी थी, पर मुझे मज़ा बहुत आ रहा था. जब सांस बिल्कुल भी नहीं आई तो मैंने उसे दूर धकेला और उठकर सांस लेने लगा. वह हंसने लगा.
मैंने थोड़ी सांस और ली और वापस लेट गया. अब वह मेरे ऊपर पूरा लेट गया और 69 का पोज बना दिया.
उसने कहा- मैं तेरा नहीं चूसने वाला! मैंने कहा- कोई बात नहीं.
उसने अपना लंड पेला, तो पूरा लंड अब मेरे गले तक जा रहा था. उसने मुझे ऊपर को सरकाया और मेरे सर के नीचे पिलो रख दिया. फिर थोड़ा ऊपर आकर मेरे मुँह को चोदने लगा.
मैंने उसकी जांघें पकड़ रखी थीं और उसका लंड मेरे मुँह को आंटी की चुत की तरह चोद रहा था.
तभी उसने लंड अचानक से बाहर निकाल लिया और सारा माल पुचक पुचक्क करके मेरे मुँह पर खाली हो गया.
उसका माल काफी ज्यादा था जिससे मेरा पूरा चेहरा भर गया था और आधा माल तकिए तक गिर गया था.
उसने कहा- मजा आ गया यार, तू एकदम मस्त लंड चूसता है.
मुझसे उसने यह भी कहा- आंटी को पहली बार इसी ड्रेस में पेला था. तब उसने बहुत नाटक किए थे, पर बाद में वह मेरे लंड की दीवानी हो गई थी. मैंने कहा- मैं लड़का होकर भी तुम्हारे लंड का दीवाना हो चुका हूँ, वह तो औरत है … सच में क्या मस्त लंड है तुम्हारा! तुम्हारा लंड आंटी की वजह से मुझे मिला है.
उसने कहा- फिर भी आंटी अब लेती नहीं है. मैंने कहा- क्यों?
वह कुछ बोलता, इतने में किसी ने दरवाजा बजाया. मैंने डरकर फटाफट चेंज किया और उसने भी पैंट पहनी.
मैंने आंटी के कपड़े छुपाए और उसने दरवाजा खोला.
आंटी आई थीं. उन्होंने रमण से कहा- जल्दी निकल जाओ! वह फटाक से बाहर निकल लिया.
आंटी ने मेरी तरफ देखा. मैं डरा हुआ था. आंटी की आंखों में काफी गुस्सा था, मैं समझ सकता था कि क्या हुआ होगा?
आंटी के जाने के बाद फिर मैंने वह ड्रेस चुपके से वापस बाथरूम में रख दी और वापस आकर बैठ गया.
मैं खुश होकर अपने मुख चोदन को याद करने लगा. मुझे वह लंड सारे दिन चाहिए था और मैं भूल नहीं पा रहा था. मुझे भरोसा नहीं था कि इतना मस्त लंड मुझे आंटी की वजह से मिला.
ऐसे सोचते हुए संडे निकल गया और उसकी याद में पूरा हफ्ता भी चला गया.
मैं आंटी के पास जाता और उनसे थोड़ी बातें कर लेता था. आखिर हम दोनों ने एक लंड लिया है.
मैंने आंटी को बताना चाहा, पर वह क्या सोचेंगी … इसलिए नहीं बताया.
ऐसे में वापस संडे आया पर अंकल घर ही थे. वे ठीक भी हो गए थे. सुबह से शाम हो गई, पर आंटी की मुराद आज पूरी नहीं हुई … ऐसा देख कर मुझे बड़ा दुख हुआ.
शाम को रमण बाहर गाड़ी लेकर आया. उसके हाथ में सामान था. आंटी बाहर आईं और थोड़ी बातचीत के बाद वह गुस्से में वापस अन्दर चली गईं.
रमण भी काफी गुस्सा में दिख रहा था. वह चला गया.
करीब एक घंटे बाद मैं अपना मन बहलाने गार्डन में आ गया था तो रमण बाहर ही मिल गया था.
मैं जैसे ही उसके पास पहुंचा, उसने कहा- चल पीछे बैठ! मैंने कहा- कहां जाना है?
उसने मेरा हाथ पकड़ा, मुझे बाइक पर बिठा लिया और आगे बढ़ गया. बाइक को उसने सीधा अपने फ्लैट पर जाकर रोका. हम दोनों उसके फ्लैट में पहुंचे.
उसने मुझसे कहा- मैं बाहर जा रहा हूँ. मुझे उसने एक थैली दी और कहा- तेरे पास 15 मिनट हैं, तैयार हो जा.
इतना कह कर वह निकल गया.
दोस्तो, चूत की तलाश में गांड मरवाने का ऑफर मिल गया था. जीवन में यही होता है. कुछ की सोचो और कुछ मिलता है.
अब इस गे सेक्स कहानी के अगले भाग में मैं आपको रमण के लौड़े से गांड चुदाई लिखूँगा। बायसेक्सुअल बॉय गे कहानी पर आप अपने कमेंट्स व मेल जरूर भेजें। [email protected]
बायसेक्सुअल बॉय गे कहानी का अगला भाग: आंटी के यार ने की गांड चुदाई दमदार- 2