पराई नारी की चुदाई से बसा एक परिवार- 3
अनसैटिस्फाइड हॉट पुसी फक का मजा किरायेदार को रोज मिलने लगा जब मकान मालिक की बहू उसके पास आकर अपनी चूत की प्यास बुझाने लगी.
कहानी के दूसरे भाग मकान मालिक की बहू की अन्तर्वासना में आपने पढ़ा कि जतिन ने घर किराये पर लिया और माकन मालिक की बहू को पटाकर चोद दिया.
अब आगे अनसैटिस्फाइड हॉट पुसी फक:
सुबह जब वह नहा धोकर चाय लेकर आई जतिन की … तो जतिन सोकर उठा ही था.
आज रागिनी की चाल में फर्क था. पहली बार पलंगतोड़ चुदाई हुई थी शादी के बाद उसकी.
असल में रागिनी ने कुछ दिन बाद जतिन के सामने स्वीकारा की शादी से पहले उसका एक दोस्त था और वे दो चार बार हमबिस्तर हो चुके थे. तो चुदाई तो उसकी हुई है, पर हुई है उसी एक दोस्त से. और जैसा अक्सर प्रेम कहानियों में होता है, मनोज की सरकारी नौकरी के लालच में उसके मामा मामी ने उसकी शादी यहाँ करके अपना पल्ला झाड़ा. अब शादी के बाद जब भी मनोज सेक्स करने की कोशिश करता है तो जल्दी ही उसका वीर्य निकल जाता है. डॉक्टर से टेस्ट कराने पर मालूम पड़ा कि नशे के चक्कर में उसका स्पर्म काउंट बहुत कम है और लिंग भी बहुत कमजोर है. वह मां बनना चाहती है, पर क्या करे.
जतिन ने मुस्कुरा कर कहा- मैं तुम्हें बच्चा दे दूं? रागिनी बोली- अभी नहीं, अभी सोचने दो मुझे! पर आज रागिनी के चेहरे पर खिली हुई मुस्कान थी रोज की खीज और चिड़चिड़ाहट की जगह.
जतिन भी नहा-धोकर ऑफिस चला गया.
दिन में उसके पास हिना की मां का फोन आया. हिना का इन्फेक्टशन पूरा ठीक नहीं हुआ था, उसे बुखार भी हो रहा था. हिना उसे याद कर रही थी.
जतिन ने ऑफिस में अधिकारी से बात करके दो दिन की छुट्टी लीं और दोपहर को ही अपनी ससुराल चला गया.
एक डेढ़ दिन वह हिना के पास रुका. हिना उसे देख कर बहुत खुश हुई. वह बहुत हिम्मत वाली थी.
उसने हँसते हुए एकांत में जतिन से कह दिया- यार, चुदाई का बहुत मन करता है. जतिन हंस पड़ा- मरने को पड़ी है और चुदाई याद कर रही है.
हिना बोली- मर जाऊं तो कोई बात नहीं, पर चुदाई बहुत याद आती है तुम्हारी! जतिन ने कहा- जल्दी से ठीक हो जाओ, फिर अपने साथ ही ले जाउंगा, फिर दिन रात चुदाई करेंगे. हिना बोली- मम्मी तो मुझे अब डिलीवरी के बाद ही जाने देंगी यहाँ से!
जतिन तीसरे दिन वापिस ड्यूटी पर आ गया. वह सीधे ऑफिस ही आया और दोपहर को नहाने घर गया.
बाबा तो दुकान पर था. घर पर रागिनी अकेली थी, अम्मा कहीं पड़ोस में गयी हुई थीं.
जतिन ने जबरदस्ती रागिनी को रूम में खींच लिया. रागिनी भी तड़प रही थी चुदाई के लिए. जतिन ने उसकी नाईटी ऊपर की और पेंटी नीचे करके पेल दिया अपना मूसल उसकी चूत में!
आज रागिनी की चूत एकदम चिकनी और साफ़ थी. रागिनी ने बताया- कल बाजार से रिमूवर लायी थी.
वह भी नीचे से उछल उछल कर उसका पूरा साथ दे रही थी. समय की बंदिश थी इसलिए ज्यादा समय न लगाते हुए जतिन ने अपने लंड का ज्यादा दबाव बनाया तो रागिनी समझ गयी कि इसका होने वाला है. वह छिटक कर अलग हो गयी और नीचे बैठ कर जतिन का लंड मुंह में ले लिया और हाथ से मसलने लगी.
जतिन इस अचानक पेंतरे के लिए तैयार नहीं था. उसने अपना सारा माल रागिनी के मुंह में ही खाली कर दिया.
उसे बड़ा आश्चर्य हुआ ये देख कर कि रागिनी बिना किसी हील हुज्जत के चाट गयी उसका सारा माल.
तभी नीचे में दरवाजे पर आहट हुई. रागिनी ने मुंह पौंछा, जतिन ने रूम बंद किया और रागिनी ने बाहर का दरवाजा खोला.
बुढ़िया अंदर आई और पूछने लगी- दरोगा बाबू आ गए क्या? बाहर मोटर साइकिल खड़ी है. रागिनी बोली- हाँ आ गए हैं, नहाने गए हैं.
जतिन ने ऑफिस जाते जाते एक पैकेट रागिनी को दिया कि इसमें रात को पहनने के कपड़े हैं.
रात को लौटते में जतिन काफी लेट हो गया, कुछ ऑफिस का काम था. बाबा और अम्मा को खाना खाकर अपने कमरे में लेट गए.
रागिनी ने फोन करके जतिन से पूछा कि वह कितनी देर में आयेगा.
फिर उसके आने के हिसाब से वह नहा ली और जतिन के लाये कपड़े पहने.
ये कपड़े बहुत छोटे थे, नाईट ड्रेस थी, पर सुंदर थी.
रागिनी ने कपड़े बाथरूम में ही छिपा कर रख दिए कि रात को नहाकर पहन कर देखूंगी और अपनी नाईटी पहन ली.
वह जतिन का टिफिन गर्म कर ही रही थी कि जतिन आ गया. उसने मोटर साइकिल खड़ी की तो बाबा ने बाहर आकर पूछा- आज बड़ी देर कर दी.
जतिन ने हंस कर कहा- एक गाड़ी पकड़ी थी, उसे ही निबटा रहा था. बाबा समझ गया कि दरोगा ज़ी ने आज मोटी रिश्वत ली होगी.
जतिन ने फटाफट कपड़े बदलकर लुंगी पहन ली. गर्मी थी तो उसने टीशर्ट नहीं डाली.
नीचे अन्धेरा हो गया था. मतलब बाबा सो गया होगा.
रागिनी ने बिना आवाज किये उसका खाना लगाया और जतिन को बुलाया.
जतिन को बिना टीशर्ट के देख कर वह मुस्कुराई और धीरे से बोली- लगता है आज तो साहब बहुत मूड में हैं.
वह मुस्कुराया और उससे पूछा- ड्रेस कैसी लगी? रागिनी बोली- कौन सी ड्रेस? जतिन मुस्कुराया कर बोला- वही जो तुमने बाथरूम में छिपा कर रखी है.
असल में ड्रेस की पन्नी उससे बाथरूम में ही गिर गयी थी, तो उसे देख जतिन ने ड्रेस देख ली थी. रागिनी शर्मा कर चली गयी.
जतिन खाना खाकर कमरे में ही टहलने लगा. रागिनी नीचे रसोई बंद करके अपने कमरे में आ गयी थी और शायद नहाने जा रही थी.
उसने भी अपने कमरे की लाइट बंद कर दी थी और बाथरूम में आई थी. जतिन ने तौलिया उठाया और बाथरूम का दरवाजा हल्के से खटखटाया.
रागिनी ने दरवाजा खोल तो दिया पर धीरे से बोली- आप नहा लीजिये पहले, मैं बाद में नहा लूंगी. जतिन मुस्कुराते हुए बोला- साथ साथ नहायेंगे, फिर साथ साथ सोना भी तो है.
रागिनी फुसफुसाते हुए बोली- साहब रोज-रोज नहीं. कभी आवाज़ नीचे चली गयी तो मेरी इज्जत चली जायेगी.
जतिन ने उसको अपने से चिपटाते हुए कहा- अगर तुम्हें पसंद नहीं तो नहीं करूंगा. रागिनी उससे और कस के लिपट गयी.
फिर जतिन बोला- अम्मा को तो कुछ सुनाई देता नहीं और बाबा एक दो घूँट के बाद वैसे मस्त हो जाता है. फिर भी हम कोशिश करेंगे कि आवाज़ नहीं हो.
जतिन ने बाहर की सब लाइट बंद कर रखी थीं. बाथरूम में तो वैसे भी छोटा बल्ब था. रागिनी चुपचाप खड़ी थी.
जतिन ने उसे प्यार से लिपटाते हुए उसकी नाईटी और अपनी लुंगी उतार दी.
अब दोनों बिना कपड़ों के थे.
रागिनी लिपट गयी जतिन से!
जतिन ने उसे शावर के नीचे खड़ा किया और शावर चला दिया. दोनों सुलगते जिस्मों की आग पानी की धार पड़ते ही और भड़क गयी. दोनों एक दूसरे में समाने को चिपटते गए. दोनों एक दूसरे को ताबड़ तोड़ चूम रहे थे.
जतिन ने रागिनी को हल्के से अलग किया और उसके मम्मे चूसने लगा. रागिनी का हाथ नीचे सरका तो जतिन का तनतनाता लंड उसकी पकड़ में आ गया.
तब रागिनी अपनी पकड़ मजबूत करती हुई नीचे बैठ गयी और लगी लंड को लपर लपर चूसने! जतिन उसके बालों में उंगली फिरा रहा था. उसकी चुदास भड़क रही थी.
उसने रागिनी को खड़ी किया. रागिनी उसकी ओर पीठ करके दीवार पर हाथ टिका कर खड़ी हो गयी.
जतिन ने उसके पीछे से चिपटते हुए उसका सर घुमाया और लगा चूमने. एक हाथ आगे करके जतिन ने उसकी चूत में उंगली घुसा दीं.
अब रागिनी कसमसाने लगी और पलट गयी. वह जतिन का लंड अंदर लेना चाहती थी.
जतिन ने खड़े खड़े अपना लंड उसकी चूत में घुसेड़ने की कोशिश की. पर बार वह बाहर फिसल जाता.
रागिनी कसमसा कर बोली- बाहर चलो.
दोनों तौलिये से अपने बदन को सुखा कर बाहर आ गए और रागिनी के कमरे में ही आ गए. रागिनी के कमरे में बेड नहीं था, नीचे मोटा गद्दा पड़ा था.
यह सेक्स के लिए और अच्छा था. बेड पर तो थोड़ी बहुत आवाज़ भी होती थी.
जतिन ने रागिनी कर नीचे लिटाया और उसकी टांगें चौड़ा कर उसकी मखमली चूत में जीभ घुसा दी.
वाकयी बहुत नर्म और मखमली त्वचा थी रागिनी की. शायद रागिनी ने वैक्सिंग भी घर पर ही करने की कोशिश की होगी, तभी उसकी टांगें और बाहें चिकनी हो रही थीं.
जतिन की जीभ ने रागिनी की चूत में आग लगा दी. रागिनी ने अपने हाथों से अपनी फांकों को जितना हो सकता था, चौड़ाया. जतिन भी अपनी जीभ को चूत की गहराई तक ले गया था. साथ ही उसकी ऊँगली भी चूत में घुसी हुई थी.
थोड़ा बहुत थूक का सहारा लेकर जतिन ने एक उंगली रागिनी की गांड की दरार में करनी चाही तो रागिनी कसमसा कर सिहर गयी और बोली- पीछे नहीं करना, बहुत दर्द होता है.
जतिन ने उससे पूछा- कभी किया था पीछे मनोज ने? तो रागिनी बोली- उस नामर्द से आगे तो होता नहीं, पीछे क्या करेगा. वह तो मेरे प्रेमी ने शादी के पहले एक बार करने की कोशिश की थी तो मैं बेहोश सी हो गयी थी.
जतिन अब सीधा हुआ और रागिनी के ऊपर आकर उसके मम्मे चूसते हुए उसके होंठों से अपने होंठ भिड़ा दिए.
रागिनी ने भी उसकी कमर पर बाँहों का घेरा बनाते हुए अपने नाख़ून उसकी पीठ पर गड़ा दिए. जतिन का लंड रागिनी की चूत के ऊपर मचल रहा था.
अपने घुटनों से जतिन ने रागिनी की टांगें चौड़ायीं तो लंड अपने आप ही रागिनी की गुफा में दरक गया. जतिन ने कस के पेल लगाई तो रागिनी की आह निकल गयी.
तो जतिन ने उसका मुंह हाथ से बंद किया. रागिनी बोली- धीरे धीरे शुरू करो.
अब जतिन ने पेल लगानी शुरू कर दी. रागिनी ने अपनी टांगें चौड़ा कर ऊपर कर ली थीं और जतिन ने अपने हाथ नीचे गद्दे पर रख कर अपनी चुदाई की स्पीड बढ़ा दी थी.
अचानक रागिनी ने जतिन को नीचे पलटा और खुद ऊपर चढ़ गयी और अपने हाथ से उसका लंड अपनी चूत में कर लिया और उछल उछल कर चुदाई करने लगी. रागिनी के बाल उसके चेहरे पर पूरे फ़ैल गए थे.
जतिन ने उसके मम्मे कस कस के मसल मसल कर लाल कर दिए थे. रागिनी पर चुदास हावी थी. वह आज अपनी जवानी पूरी लुटा देना चाहती थी जतिन के लंड पर!
जतिन ने वापिस उसे नीचे करके आखिरी राउंड की और बढ़ते हुए चुदाई की चरम सीमा पर पहुंच गया. उसके हाथ अब रागिनी के मम्मों को मसल रहे थे.
वह धीरे धीरे नीचे झुकता चला गया और अंततः उसने अपने होंठ रागिनी के होंठों से भिड़ा दिए और एक झटके से सारा माल रागिनी की चूत में खाली कर दिया. रागिनी निर्विकार भाव से पड़ी रही. अनसैटिस्फाइड हॉट पुसी फक के बाद उसके चेहरे पर आज संतुष्टि थी.
जतिन ने कहा- मैंने तुम्हारे अंदर खाली कर दिया! तो रागिनी बोली- कोई बात नहीं, आज सेफ हूँ.
रागिनी ने ख़ुशी से जतिन को चूम लिया और बाथरूम में चली गयी. जतिन भी अपना तौलिया और लुंगी लेकर अपने कमरे में आ गया.
जतिन ने जाते जाते रागिनी से कह दिया था कि वह उसके पास ही आ जाए और वहीं सोया करे.
रागिनी पहले तो नहीं आई, पर जब जतिन उसके कमरे में गया तो उसे अपने साथ ले आया. दोनों बिना कपड़ों के ही चिपट कर सो गए.
सुबह 4 बजे करीब जतिन बाथरूम गया तो आकर उसने रागिनी की टांगें खोल कर उसकी चूत में जीभ दे दी.
रागिनी की आँख खुल गयीं. वह मुस्कुराई और बोली- सोने तो दो! पर अब उसकी भी चुदास भड़क गयी थी … उसने टांग फैला दीं.
जतिन ने लंड पर थोड़ा थूक लगाया और पेल दिया अपनी माशूका की चूत में.
अब तो उनका ये रोज का शगल हो गया. अब बिना चुदाई किये दोनों को ही नींद नहीं आती थीं.
वक्त निकले जा रहा था इसे ही. उनकी चुदाई या तो रागिनी की माहवारी के दिनों में बंद रहती या शुक्रवार और शनिवार को, जब मनोज यहाँ होता.
बाकी के दिनों में तो दोनों अपनी जिस्म की आग बुझाते ही रहते.
कई बार रागिनी गुमसुम हो जाती कि जतिन तो बाद में अपनी बीवी के पास चला जाएगा, फिर उसकी प्यास कैसे बुझेगी.
जतिन ने उसे राय दी कि वह गर्भवती हो जाए. बच्चा हो जाने पर उसका मन बहल जाएगा. पर अब सवाल यह था कि बच्चा हो कैसे.
जतिन ने रागिनी को सलाह दी कि वह प्यार से मनोज को नशा छोड़ने को कहे और कहे कि अगर वह नशा छोड़ देगा तो वह उसे हर रात चोदने देगी. रागिनी बोली- लेकिन वह बहुत गंदा रहता है. जतिन ने रागिनी को समझाया कि वह चाहे तो वह उसे सुधार सकती है. फिर जब कुछ अच्छा होना शुरू हो जाएगा तो फिर वे दोनों रेगुलर सेक्स भी करने लगेंगे. फिर उनके सेक्स की आड़ में भले ही रागिनी जतिन से गर्भवती हो जाए, पर मनोज खुद और घर वाले यही समझेंगे कि रागिनी मनोज से गर्भवती हुई है.
बात रागिनी के समझ में आई. बाकी जतिन ने पूरी मदद का वायदा किया.
अनसैटिस्फाइड हॉट पुसी फक कहानी अगले भाग में चलेगी. आप इस भाग पर अपने विचार मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं. [email protected]
अनसैटिस्फाइड हॉट पुसी फक कहानी का अगला भाग: पराई नारी की चुदाई से बसा एक परिवार- 4