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दुकान वाली भाभी की चूत और गांड मारी- 2

पंकज 69
दुकान वाली भाभी की चूत और गांड मारी- 2
@पंकज 69
11 min

हॉट भाभी गुजराती सेक्स कहानी में मैंने अपने पड़ोस की एक दूकान वाली भाभी को पटाकर सेक्स के लिए राजी कर लिया. वह मेरे कमरे में आ गयी.

दोस्तो, मैं पंकज आपको अपने मुहल्ले की किराना दुकान वाली सलोनी भाभी की चुदाई की कहानी सुना रहा था. कहानी के पहले भाग दुकान वाली भाभी को पटाने की कोशिश में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं भाभी को चोदने के लिए पटाने की जुगत में लगा था और उससे मजाक कर रहा था.

अब आगे हॉट भाभी गुजराती सेक्स कहानी:

इतने में उसका पति दर्शन आ गया और उसने सब सामान की बोरी बांध कर मुझे दे दी. मैं वहां से वापस चल दिया.

अब मेरे मन में सलोनी भाभी का ख्याल आने लगा कि कैसे उसको चोदने का जुगाड़ किया जाए.

उन्हीं दिनों मेरा वर्क टाइम चेंज हो गया और अब मुझे दोपहर से लेकर लेट नाईट रात के एक बजे तक काम करना पड़ रहा था. इसलिए मैं खाना आदि खाकर ही फ्लैट पर आ जाता और यहीं सो जाता.

वैसे मैं सुबह घर से ब्रेकफास्ट करके फ्लैट पर आता था पर अभी बड़े हुए समय के कारण मैं फ्लैट पर ही अपनी चाय वगैरा बनाने लगा था.

सुबह सलोनी का पति दर्शन दूध दे जाता और महीने का हिसाब घर से ले लेते.

फिर एक दिन दर्शन की जगह सलोनी भाभी दूध देने आयी. मैंने पूछा- आज आप?

उसने कहा कि दर्शन को कोविड पॉजीटिव आया और वे अपने ही घर में क्वारंटीन हो गए हैं. अभी 15-20 दिन तक मैं ही दूध देने आऊंगी.

यह सुन कर मैं खुश हो गया और मैंने अपने मन में सोच लिया कि यह तो इस रंडी को चोदने की व्यवस्था हो गई.

मेरे मन में ख्याली पुलाव बनते ही सलोनी भाभी ने भी भांप लिया था कि मैं क्या सोच रहा हूँ.

वह मुस्कुराती हुई बिल्डिंग के ऊपर वाली फ्लोर पर एक बूढ़ी आंटी के वहां दूध देने चली गई.

दस मिनट बाद वह बिल्डिंग से चली गई.

फिर दूसरे दिन बेल बजी और मैं ख़ाली शॉर्ट्स पहने हुए अपने लंड को खुजाते हुए आया और मैंने दरवाजे को खोला.

मुझे एक शॉर्ट्स में देख वह थोड़ी शर्मा गई.

मैं- अच्छा … दूध देने आई हो आप!

मैंने अपने लंड को सैट करके लौड़े से हाथ हटाया जिससे मेरे शॉर्ट्स पर बड़े लंड का आकार बन गया था और साफ साफ दिखाई देने लगा.

सलोनी भाभी मेरे लंड को देखते मुँह पर हाथ रखकर बोल पड़ी- अरे बाप रे! मैं- क्या हुआ?

सलोनी शर्माती हुई नजरों को लंड पर से हटाती हुई बोली- अरे कुछ नहीं. उसने यह कह कर अपने होंठों को दांतों के बीच दबा लिया.

मैं समझ गया था कि अब यह चुदाई के लिए मान गई.

तभी ऊपर वाली आंटी ने सलोनी को आवाज लगायी और वह दूध देने ऊपर चली गई.

मैंने भी प्लान बनाया और दूध में नींबू डाल कर जल्दी से गर्म कर दिया, जिससे दूध फट गया.

फिर सलोनी भाभी जैसे ही जाने लगी तो मैंने उसको रोक लिया.

मैं उसके बड़े चूचे देखते हुए कहने लगा- आपका दूध तो फट गया? उसने साड़ी पहनी हुई थी और ब्लाउस में आगे की साइड हुक थे.

मेरे कहने पर उससे लगा कि ब्लाउज फटा है और मम्मे दिख रहे हैं.

वह पल्लू साइड में करके अपने ब्लाउज को चेक करने लगी. अपने हाथ से अपने मम्मों को इधर-उधर करके देखने लगी.

फिर मैंने हंसते हुए कहा- अन्दर दूध गर्म करने रखा था, वह फट गया है.

इस बात पर सलोनी भी हंस दी. उसे पता ही नहीं था कि ब्लाउज के दो हुक निकल गए हैं और इस सबमें उसके मम्मे बाहर आकर और साफ दिखाई देने लगे हैं.

सलोनी भाभी- ऐसे कैसे, मैंने तो चेक करके ताज़ा पैक ही दिया था! मैं- ऐसा है तो आप अन्दर किचन में आकर चेक कर लो.

सलोनी भाभी ने जल्दी जल्दी में अपना पल्लू वगैरह कुछ ठीक नहीं किया और वैसे ही अन्दर आ गई.

मैं उसके मम्मों को ऐसे घूरने लगा कि अभी ही पकड़ कर मसल दूँ.

सलोनी भाभी किचन में गई और उसने गैस स्टोव पर रखा हुआ फटा दूध देखा- अरे यह कैसे हुआ? कोई बात नहीं, मैं आपको दूसरा दे जाती हूँ. मैं- आप ही गर्म कर लेना उसे, नहीं तो कहेंगी कि मैंने जानबूझ कर दूध में कुछ किया.

सलोनी भाभी मुस्कुराती हुई बोली- अच्छा कहां है दूसरा पतीला? मैं- नीचे के ड्रॉअर में है.

सलोनी नीचे पतीला लेने झुकी और मेरे सामने उसके मम्मे पूरे दिखने लगे. मेरी हवस की लार टपकती देख कर सलोनी भी मुझे खुल कर मम्मे दिखाने लगी.

फिर वह पतीले में दूध भर कर स्टोव की साइड मुड़ी और दूध का पतीला गर्म करने लगी. मैं उसके पीछे खड़ा हो गया.

वह कुछ नहीं बोली और मैं अपने खड़े लंड के साथ और करीब को हो गया और मैंने अपने कड़क लंड को उसकी गांड पर टच करवा दिया.

सलोनी भाभी अभी भी कुछ नहीं बोली, इससे मेरी हिम्मत और बढ़ गई. मैंने लंड सीधा उसकी उठी हुई बड़ी गांड के बीच की फांक में सैट कर दिया और उसकी गांड पर अपने आपको टच करके खड़ा हो गया.

सलोनी भाभी थोड़ी हिचकिचायी पर उसने कुछ नहीं किया. वह बस लंड के मजे लेने लगी.

अब मैंने उसकी कमर पर हाथ रख कर उसे अपनी ओर खींचा और लंड को जोर जोर से रगड़ने लगा.

वह मेरे हाथ पकड़ती हुई बोलने लगी- यह क्या कर रहे हो पंकज! मैं- बस गर्म कर रहा हूँ.

सलोनी भाभी- दूध तो स्टोव पर गर्म हो रहा है न! मैं- अब इतना भी मत बन, मैं तेरी चूत गर्म करने की बात कर रहा हूँ.

सलोनी भाभी- यह सब ग़लत है यार, कोई देख लेगा … और मेरे पति को पता चलेगा तो … ये सब मेरे लिए अच्छा नहीं है. वैसे भी अभी कुछ ठीक होकर ही चुका है. मैं- कुछ नहीं होगा भाभी … फ्लैट लॉक है अन्दर से, कोई नहीं आएगा … और तेरा पति कोविड के चलते घर में ही क्वारंटीन है. वह नहीं आने वाला ढूँढने … और जब किसी को कुछ पता ही नहीं चलेगा तो उसको कौन बताएगा?

यह कहते कहते मैंने दोनों हाथों से उसके दोनों बड़े बड़े बबलों को मसल दिया. अहह क्या मस्त और सॉफ्ट मम्मे थे.

मेरे हाथों से दूध मसलवाते ही भाभी की मादक सिसकारियां निकलने लगीं. वह अपनी गांड को खुद ही मेरे लंड पर दबाती हुई रगड़ने लगी और सिसकारियां लेती हुई बोली- अभी नहीं पंकज. अभी बहुत काम है. मैं बाद में आती हूँ.

ये कह कर भाभी ने मेरे हाथों से खुद को छुड़ाया और दरवाजे की तरफ चली गई.

फिर उसने अपना पल्लू वगैरह ठीक किया और मुझसे प्यार से देख कर बाहर चली गई. मैं अब उसके आने का इंतजार करने लगा.

लंच करने मुझे घर जाना था. जब मैं घर जा रहा था, उसी वक्त रास्ते में मैंने दुकान की तरफ देखा. उसकी दुकान आजकल बंद थी.

मैं थोड़ा उदास हो गया कि सुबह ही साली रांड को पटक कर चोद देना था. मन मसोस कर मैं आगे बढ़ गया.

कुछ देर बाद खाना खाकर फ्लैट पर आया और काम में लग गया.

शाम को बेल बजी और मैंने दरवाज़ा खोला तो सलोनी भाभी पल्लू से अपना मुँह ढके खड़ी थी. मैंने तुरंत उसको अन्दर खींच लिया और बाहर सर निकाल कर इधर-उधर देखा कि कोई देख तो नहीं रहा है.

फिर दरवाज़ा बंद करके सीधा सलोनी भाभी को अपनी बांहों में जकड़ लिया और उसके होंठों को किस करने लगा.

वह मुझसे छूट कर कहने लगी- इतनी जल्दी भी क्या है, मैं अभी 3 घंटे तक यहीं हूँ. थोड़ा आराम से. मैंने उसको ऊपर से नीचे तक ताड़ा, साली रांड … साड़ी में क्या माल लग रही थी.

फिर उसके नज़दीक जाकर उसके मुलायम रसीले होंठों को चूसते हुए किस करने लगा. साड़ी का पल्लू हटा कर उसकी कमर पर हाथ रख कर धीरे धीरे उसको रूम की तरफ धकेलते हुए ले जाने लगा.

साथ में धीरे धीरे उसके कपड़े भी उतारने लगा और उसके बड़े बड़े मम्मों को दोनों हाथों में भर भर के मसलने लगा. वह भी अभी मस्ती से मेरा साथ देने लगी.

रूम में जाते ही देर ना करते हुए मैंने अपनी टी-शर्ट को निकाल दिया और केवल शॉर्ट्स में आ गया. फिर उसकी साड़ी ब्लाउज पेटीकोट आदि निकाल कर उसे ब्रा और पैंटी में ला दिया.

साली क्या मस्त माल थी … एकदम दूध सी गोरी चिकनी भाभी … उसका 36-30-38 का फिगर और उठी हुई मटकती लचीली बड़ी गांड मेरे सामने थी.

बस लग रहा था कि उसे किस करता रहूँ और चूमते हुए उसके दोनों दूध हाथों से दबाता रहूँ. उसके गोरे और मुलायम से बड़े बड़े दूध मुझे मदमस्त करने लगे.

मैं सोचने लगा कि बस भी आगे बढ़ कर इसे अपने दोनों हाथों से उसे दबोच लूँ और उसके एक दूध को ब्रा के ऊपर से ही अपने मुँह में भर कर चूसना चालू कर दूँ. सलोनी भाभी भी खुद चुदासी थी और चुदने में भरपूर साथ देने वाली थी.

मैं काफी खुश हो गया था कि आज तो लॉटरी ही लग गई है.

सलोनी भाभी- क्या इतना सोच रहे हो? मैं- बस … आज तेरी चुदाई कैसे कैसे करूं … वही सोच रहा था!

सलोनी भाभी कसमसाती हुई बोली- जैसे तुमको चोदना हो चोद दो बस … तुम्हारे जवान लंड के लिए कब से तड़प रही हूँ. आज तुम बस जैसे चोदना चाहते हो, चोद दो … और मेरी सुलगती चूत को ठंडी कर दो.

मैंने देर ना करते हुए उसको उल्टा कर दिया और दरवाजे पर हाथ रखवा कर खड़ा कर दिया. उसकी बड़ी गांड को सहलाते हुए दोनों जांघों के बीच में लंड सैट करके उसकी चूत पर रगड़ने लगा.

अपने दोनों हाथों को भाभी की कमर को सहलाते हुए ऊपर को लाया और उसके बड़े बड़े मम्मों को जोर जोर से मसलने लगा. वह अहह अह्ह अहह करके और अपनी आंखें बंद करके मदभरी सिसकारियां लेने लगी. साथ ही भाभी अपनी मखमली गांड को बाहर निकाल कर लौड़े पर रगड़ने और तड़फने लगी.

पीछे से मैं भाभी की गर्दन और कंधे पर किस करने लगा. अपनी लंबी जीभ निकाल कर उसकी गर्दन को चाटने लगा. मेरे मुँह से निकल रही लार से उसकी गर्दन को मैं चिकना कर रहा था.

साथ ही हल्के हल्के धक्के लगाते हुए उसकी पूरी गांड से चिपक कर लंड रगड़ने लगा था. क्या मस्त उसकी सॉफ्ट गुब्बारे जैसी गांड थी.

मैं एक हाथ से बायाँ दूध मसल रहा था और दूसरे हाथ से उसकी लचीली गांड को दबाना चालू कर दिया था.

हम दोनों दिमाग से तो चुदासे थे ही … शरीर से भी गर्म हो चुके थे.

फिर मैंने पीछे से उसकी ब्रा का हुक खोला और उसकी ब्रा निकाल दी. अब उसको अपनी ओर पलटा कर सामने कर लिया. वह दरवाजे पर पीठ के बल टिक गई थी.

उसके गोरे गोरे बबलों को मैं और जोर जोर से मसलने लगा जिससे उत्तेजित होकर वो कामुक सिसकारियां और जोर से निकालने लगी. वह अपनी चूत को और जोर से मेरे लंड पर रगड़ने लगी.

मैं अपने मुँह को जितना बड़ा हो सकता था, खोल कर उसके एक नर्म मम्मे को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा. इसी तरह से मैं बारी बारी से उसके दोनों मम्मों को अपने मुँह में भरने लगा और चूसने लगा.

दूध चूसते समय मैं अपने हाथ से मुँह में लिए हुए मम्मे को उसकी जड़ से पकड़ कर दबाने लगा, जिससे उसका दूध मेरे मुँह में और ज्यादा समाने लगे और दूसरे हाथ से उसके दूसरे दूध को मसलने का मजा लेने लगा.

इधर वह और छटपटाने लगी और जोर जोर से अह्ह अह्ह अह्ह की आवाज करने लगी. मैं मम्मे से भरे हुए मुँह को अपनी जीभ से चाटने लगा और उसकी चूची के निप्पल को जीभ से रगड़ कर मथने सा लगा. साथ ही मैं अपनी जीभ को बाहर निकाल कर चूचियों के आजू बाजू गोल गोल भी फिराने लगा.

साला ऐसा लग रहा था कि काश मैं और बड़ा मुँह खोल पाता, जिससे पूरा मम्मा अपने मुँह में समा लेता.

इधर सलोनी भाभी ने अपने एक हाथ से मेरे सिर को पकड़ कर अपने एक मम्मे पर दबाना शुरू कर दिया था. साथ ही भाभी ने अपने दूसरे हाथ से मेरे लंड को पकड़ लिया और सहलाने लगी.

सलोनी भाभी- कितना तगड़ा लंड है … इसे कितनी चूतों का पानी पिला कर बड़ा किया है? मैं- बहुत सारी चूतों का पानी पिया है इस लंड ने … और बहुत सारे छेदों की आग भी बुझाई है. पर तेरी जैसी सेक्सी माल अब तक नहीं मिली!

सलोनी भाभी- अह्ह अह्ह … आज तो इस लंड के पूरे मजे लेकर चुदूँगी और इस लंड की रंडी बन जाऊंगी. मैं- हां साली छिनाल, आज तेरी चूत का भोसड़ा और गांड का गोदाम बना कर ही यह लंड शांत होगा.

दोस्तो, हॉट भाभी गुजराती सेक्स कहानी कैसी लग रही है, प्लीज मेल जरूर करें. आगे भाभी की चुदाई की रसधार आपको और भी मजा देगी. [email protected]

हॉट भाभी गुजराती सेक्स कहानी का अगला भाग: दुकान वाली भाभी की चूत और गांड मारी- 3

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