सेक्स के अनोखे रंग- 3
हॉट मेड Xxx कहानी में जवान कामवाली की वासना अपने मालिक मालकिन की चुदाई छुप छुप कर देखने से जाग उठती थी. उसके मालिक की नजर भी उसकी जवानी पर थी.
कहानी के दूसरे भाग पति पत्नी की चुदाई देखी हाउसकीपर ने में आपने पढ़ा कि एक कपल अंकुर और रिया मस्ती से अपना विवाहित जीवन बिता रहे थे. उन्होंने एक बेसहारा जवान विधवा मीनू को सहारा दिया और अपने घर में घर लिया. वह विधवा उन दोनों की मौज मस्ती देख कर गर्म हो जाती थी, उसकी चूत गीली हो जाती थी.
एक दिन अंकुर ने मीनू से अपने सर की मालिश करवाई.
अब आगे हॉट मेड Xxx कहानी:
रूम में से मीनू को बराबर के बाथरूम से रिया और अंकुर की आवाज आयीं. वह दबे पाँव उधर बढ़ी और सुनने लगी उनकी बातें.
शायद अंकुर रिया के मम्मे चूस रहा था क्योंकि रिया कह रही थी- आराम से चूसो, काटो मत! रिया ने हंसते हुए अंकुर से पूछा- तुम्हारा पपलू इतना खड़ा क्यों है? अंकुर कुछ नहीं बोला तो रिया बोली- मैं समझ गयी कि मीनू के हाथ लगाने से ही ये खड़ा हो गया है.
पर अंकुर अभी भी कुछ नहीं बोला.
रिया बोली- शरमा क्यों रहे हो, साली ही तो है. उससे इसकी भी मालिश करवा लेते! अब अंकुर बोला- तुम तो ऐसे कह रही हो जैसे वह कर देती. रिया बोली- वह तुम्हें बहुत मानती है, तुम कहते तो वह कर देती.
अब अंकुर बोला- उसके मम्मे तो तुमसे भी बड़े हैं. रिया हंसती हुई बोली- हाँ उसके पति ने ज्यादा मेहनत की है.
अब शायद दोनों चुदाई में लग गए थे क्योंकि फच फच की आवाज आनी शुरू हो गयी थी. रिया कह रही थी- तुम मुझे आज मीनू समझ कर चोद रहे हो न?
अंकुर के धक्के यह सुनकर और बढ़ गए.
मीनू दबे पाँव बाहर आ गयी उसकी सांसें तेज चल रही थीं.
मीनू के मन में बेईमानी आ गयी थी. वह रिया और अंकुर की चुदाई लाइव देखना चाहती थी.
उसने दिन में रिया के कमरे की सफाई करते समय जुगाड़ बना लिया.
रिया के कमरे की एक खिड़की बाहर लॉन की ओर खुलती थी. उसमें कभी केबल का तार आने के लिए सुराख बना था. अब स्मार्ट टीवी आने से केबल के तार की जरूरत नहीं थी तो वह हट गया पर सुराख अभी बाकी था.
रात को अंकुर और रिया ने बाहर लॉन में दारु की महफ़िल जमाई. रिया ने तो मीनू से कहा भी- तुम भी आ जाओ! पर मीनू ने मना कर दिया और धीरे से रिया से कहा- दीदी, कुछ पर्दा तो होना चाहिए आपके और मेरे बीच!
खैर.
रिया और अंकुर बहुत मूड में थे शाम को! रिया ने तो शोर्ट्स और स्पोर्ट्स ब्रा ही पहनी थी और अंकुर ने केवल बरमूडा!
मीनू किचन में ही रही. पर उसने देखा कि बात-बात पर अंकुर रिया को चूम रहा था. रिया भी उसकी गोदी में जा बैठी थी.
अब अंकुर ने उसकी ब्रा उठा कर उसके निप्पल पर व्हिस्की डाल कर उसके मम्मे चूमने शुरू किये. रिया ने शायद उसका लंड पकड़ लिया था.
यह बात रिया ने मीनू को पहले ही कह दी थी कि बिना बुलाये वह कभी भी उसके और अंकुर के बीच में न आये.
डिनर लेकर रिया और अंकुर दोनों जल्दी ही रूम में चले गए और मीनू भी किचन निबटा कर फटाफट बाहर आई. सारी लाईट बाहर की उसने बंद कर दी थीं.
एक टेबल उस खिड़की के पास पहले ही सरका ली थी. अब उसके ऊपर चढ़ कर उसने अपनी आँखें उस छेद में लगाईं तो अंदर का नज़ारा बिल्कुल सामने था.
अंदर रिया बाथरूम में थी और अंकुर बेड पर बैठा था. उसके पैरों पर कमर तक एक चादर पड़ी थी. वह टी वी पर कोई मूवी सेट कर रहा था.
तभी रिया बाथरूम से आयी … बिल्कुल नंगी. उसने आते ही अंकुर से कहा- अब टी वी बंद करो. अंकुर ने रिमोट एक ओर रख दिया.
रिया ने बेड पर आयी और हंसते हुए चादर खींच दी. नीचे अंकुर भी नंगा बैठा था. उसका लंड पूरा तना हुआ था.
रिया आहिस्ता से बेड पर चढ़ी और अंकुर का लंड मुंह में ले लिया. अब रिया की खुली टांगें और उसमें से झांकती उसकी रेशमी चूत मीनू के सामने थी.
रिया शायद कोई क्रीम लगा कर आई थी क्योंकि उसका पूरा जिस्म शीशे की तरह चमक रहा था. वह बड़ी फुर्सत से अंकुर का लंड चूस रही थी. वह बार बार लंड को मुंह से बाहर निकालती, थोड़ा थूक लगाती, हाथ से मसलती और फिर मुंह में ले लेती.
अंकुर भी उसके बालों में उंगलियाँ फिरा रहा था. उसने अपना एक पैर पीछे किया और अपने पैर के अंगूठे को रिया की चूत के पास मलने लगा और शायद उसने एक दो बार उसकी चूत में घुसा भी दिया.
अब रिया मचलती हुई ऊपर की ओर सरकी और अंकुर की छाती पर अपने मम्मे सेट कर उसके ऊपर लेट गयी और उसके होंठों से होंठ मिला दिए.
उसकी चूत अंकुर के लंड से मिलन कर रही थी. रिया थोड़ी तो मचली और उसने अंकुर के लंड को चूत में घुसने से रोका.
पर जल्दी ही अंकुर ने उसे जकड़ लिया और नीचे से अपना लंड पूरा पेल दिया रिया की चूत में और दम लगाकर और अंदर धकेलने लगा.
अंकुर अब लेटे लेटे धक्के लगा रहा था. रिया कसमसाती हुई अब अंकुर के ऊपर बैठ गयी और लंड को पूरा अंदर ले लिया और लगी उछलने.
अब वह पूरी मस्ती में अंकुर के ऊपर उछल कर चुदाई में लगी थी. अंकुर उसके मम्मे मसलता हुआ नीचे से धक्के लगा रहा था.
चूँकि उनकी ये रूटीन चुदाई थी तो रिया ने जल्दी ही अंकुर को निचोड़ लिया. दोनों का स्खलन एक साथ हो गया था.
रिया अंकुर के ऊपर से उतरी. उसकी चूत से अंकुर का वीर्य निकल कर बह रहा था.
रिया सीधी बाथरूम में गयी. पीछे पीछे अंकुर भी पहुँच गया.
अब मीनू ने भी वहां से हटना उचित समझा. उसका जिस्म भी अब अकड़ रहा था और चूत तो उसकी गीली हो ही चुकी थी.
देखते देखते कब मीनू की उंगली अपने दाने को मसलने लगी थी, मीनू को पता ही नहीं चला. मीनू आहिस्ता से दबे पाँव अपने कमरे में चली गयी. आज वह बहुत बेचैन थी.
जाकर वह सबसे पहले तो नहाई. बेड पर लेटी तो उसकी आँखों में रिया और अंकुर की सेक्स लीला चल रही थी. उसके दिल में कहीं न कहीं अंकुर के चुम्बन का मीठा एहसास था.
अगले दिन सुबह जब वह किचन में अपना काम कर रही थी तो इन लोगों का बेडरूम खुला.
रिया नहाकर साफ़ साड़ी पहन कर आई. मीनू ने आश्चर्यचकित होकर उसे देखा.
तो रिया ने कहा कि वह हर इतवार सुबह मंदिर जाती है; अंकुर भी जाता है पर आज उसे हल्का सा बुखार है, तो वह सो रहा है. अगर उठे तो उसे कॉफ़ी दे देना! मैं एक डेढ़ घण्टे में आऊंगी. कहकर रिया गाड़ी निकालकर चली गयी.
मीनू को अंकुर के कमरे से आहट हुई तो उसने बाहर से ही आवाज देकर पूछा- क्या मैं अंदर आ जाऊं? तब अंकुर के बुलाने पर वह अंदर गयी तो कमरे का हाल रात की कारस्तानियों का गवाह था.
अंकुर ऐसे ही चादर ओढ़े लेटा था.
मीनू ने उसको विश किया और पूछा तबियत कैसी है. अंकुर अलसाते हुए बोला- कुछ ठण्ड लग गयी है, सर भारी है. मीनू मुस्कुराती हुई बोली- कुछ पहन कर सोया कीजिये, ठण्ड नहीं लगेगी.
दोनों मुस्कुरा दिए.
मीनू बोली- कॉफ़ी ले आऊं या पहले सर दबा दूं? अंकुर ने इशारे से कहा- सर दबा दो.
मीनू बेड के सिरहाने बैठ कर अंकुर का सर मालिश करने लगी.
अंकुर की आँख मुंदने लगीं. उसको बहुत आराम मिल रहा था.
अंकुर को पता नहीं क्या सूझा, उसने मीनू का हाथ पकड़कर अपनी छाती पर रख दिया. मीनू समझ गयी. वह जानती थी मर्दजात की फितरत.
उसने अंकुर की छाती को सहलाना शुरू कर दिया और निप्प्लों पर अपनी उंगलियों के नाख़ून से घेरा बनाती हुई बोली- अब आप उठिए, फ्रेश हो लीजिये, मैं कॉफ़ी बनाती हूँ.
अंकुर ने अचानक ही उसे अपनी ओर खींचा और उसके होंठों से अपने होंठ लगा दिए और लगा उसे चूमने.
पहले पहल तो मीनू ने उसका साथ दिया … फिर अलग होने की नाकाम कोशिश की. मीनू बोली- सर ये गलत है. आप लोगों ने मुझे सहारा दिया. मैं दीदी के साथ धोखा नहीं कर सकती.
अंकुर ने उसे अब बेड पर पूरा खींच लिया और बोला- यह कोई धोखा नहीं है. ये तो जिस्म की डिमांड है. हम तुम्हारी मदद कर रहे हैं तो तुम भी तो हमारा घर संभाल रही हो. और मैं तुम्हारी भरपूर मदद करूंगा, तुम्हारे घर वालों से तुम्हारा पूरा हक़ दिलाऊंगा. उसके बाद तुम्हें पैसों की कोई कमी नहीं रहेगी. इस सबके बदले मैं अगर तुमसे प्यार चाहता हूँ तो क्या गलत है?
मीनू बोली- आपके अहसानों के बदले ये तो कुछ भी नहीं है. पर दीदी …? अंकुर बोला- तुम यह मान लो कि तुम्हारी दीदी की इसमें सहमति है, बस आँखों का पर्दा है. यह समझ लो कि वह मुझे जानबूझकर छोड़ कर गयी है.
मीनू कुछ और बोलती … अंकुर ने उसे चूमते हुए कहा- हम दोनों के बीच सब कुछ खुला है. कोई चोरी नहीं है. सब भूल जाओ और मेरे में समा जाओ.
अब मीनू नि:शब्द थी. उसने भी अंकुर को जकड़ लिया.
अंकुर तो बिना कपड़ों के ही था. उसने मीनू के कपड़े भी उतार दिए और दोनों एक दूसरे से लिपट गए.
अंकुर तो उसके मांसल गोरे गोरे मम्मों का दीवाना था ही … तो वह उन्हीं पर पिल पड़ा.
मीनू का जिस्म कुछ भरा हुआ था और यह अहसास अंकुर को हो गया था कि सेक्स के मामले में मीनू ज्यादा मजा देने वाली होगी रिया के मुकाबले.
तब मीनू का एक हाथ नीचे हुआ तो उसके हाथ में अंकुर का मूसल आ गया. उसने मजबूती से उसे पकड़ लिया और लगी मसलने.
अंकुर ने उसे 69 होने के लिये कहा तो मीनू बोली- मेरे नीचे के बाल साफ़ नहीं है अभी! अंकुर बोला- चिकनी तो रोज ही चाटता हूँ, आज बालों वाली ही सही!
मीनू मुस्कुराती हुई ऊपर ही ऊपर घूम गयी और अब अंकुर की जीभ उसकी चूत में थी.
अब मीनू ने उसका लंड मुंह में ले लिया था और उसकी चूसने की कला बेजोड़ थी. अंकुर को जल्दी ही लगने लगा कि अगर उसने मीनू को ऊपर से नहीं हटाया तो वह उसे मुंह में ही खलास कर देगी.
तभी अंकुर ने मीनू को नीचे लिटाया और अपना लंड पेल दिया उसकी चूत में!
थोड़ा वक़्त भी कम था और रिया के आने का डर भी था तो अंकुर की पेलमपेल एकदम स्पीड पकड़ गयी.
उसके हाथ अब भी मीनू के मम्मे ही रगड़ रहे थे. वह बार बार मीनू के होंठ चूम रहा था.
जल्दी ही एक झटके में उसने सारा माल मीनू की चूत में खाली कर दिया.
मीनू चौंकी और बोली- ये आपने क्या कर दिया. मैंने तो कोई प्रोटेक्शन भी नहीं ली. अंकुर बोला- कोई बात नहीं मैं तुम्हें दवाई ला दूंगा दोपहर को, ले लेना.
मीनू अपने कमरे में जाकर दोबारा ठीक से तैयार होकर आई क्योंकि अंकुर ने उसकी लिपस्टिक और बाल पूरे अस्त व्यस्त कर दिए थे.
वह किचन में नाश्ता तैयार कर ही रही थी कि गाड़ी का हॉर्न बजा. रिया आ गयी थी.
गेट खोलने से पहले मीनू एक बार अंकुर के कमरे में हो आई. अंकुर कपने पहन कर दोबारा सो गया था.
कॉफ़ी का कप उठा कर मीनू ने किचन में रखा और गेट खोला.
रिया अंदर आई और बोली- बड़ी भूख लगी है, फटाफट नाश्ता लगा दे.
उसने अंकुर के लिए पूछा और कमरे में चली गयी.
थोड़ी देर में अंकुर और रिया डाइनिंग टेबल पर आ गए.
नाश्ता लग चुका था. नहाकर अंकुर ‘कुछ काम है’ कहकर बाज़ार गया और दवाई लाकर चुपके से मीनू को दे दी.
अब हॉट मेड Xxx जिन्दगी ऐसे ही चलने लगी.
रिया और अंकुर की सेक्स लीला अब स्पीड पकड़ने लगी थी क्योंकि मीनू के रहने से घर की कोई जिम्मेदारी अब रिया के ऊपर नहीं थी.
मीनू चोरी छिपे उनकी प्रेम लीला देखती. उसे अंकुर का साथ अभी तक दोबारा नहीं मिला था.
एक दिन अंकुर ने ऑफिस से आकर बताया कि उसने मीनू का जो केस फॅमिली कोर्ट में डाला है, तो उसकी तारीख है; मीनू को जयपुर जाना होगा.
मीनू अकेली जाने से डर रही थी. हालाँकि अंकुर ने नामी वकील खड़ा किया था.
तारीख पर रिया और मीनू गाड़ी से जयपुर गए. फॅमिली कोर्ट ने मीनू के ससुराल वालों को एक महीने का वक़्त दिया कि वे मामला आपसी सहमती से सुलझा लें.
मीनू का केस बहुत मजबूत था. मीनू के पति के नाम काफी संपत्ति थी जिसकी मालिक अब मीनू थी. तो उसके ससुराल वाले सुलह के मूड में आ गए.
यह तय हुआ कि अगली तारीख से एक दिन पहले अंकुर मीनू के साथ जयपुर आयेगा, तभी बैठ कर बात होंगी और सहमति बनी तो अगले दिन कोर्ट में कागज जमा हो जायेंगे.
शनिवार को रिया की किटी थी. एक दिन पहले रिया ने मीनू को बता दिया.
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हॉट मेड Xxx कहानी का अगला भाग: सेक्स के अनोखे रंग- 4