कोचिंग टीचर को चूत की कमी नहीं
Xxx स्टूडेंट्स हॉट कहानी कोचिंग टीचर की फैन उसकी गर्ल स्टूडेंट्स की है. उससे पढ़ने के बहाने लड़कियां उसके घर आकर उसे सेक्स का मजा देती थी.
मेरे प्यारे दोस्तो, आजकल मैं बड़ी मस्ती की ज़िन्दगी गुज़ार रहा हूँ। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मेरे दिन इतने अच्छे हो जायेंगे कि मैं एक दिन सेक्स करने के लिए लड़कियों को अपॉइंटमेंट देने लगूंगा।
बड़ी बड़ी खूबसूरत, सेक्सी और हॉट लड़कियां सेक्स के लिए मेरे आगे लाइन लगाये खड़ी रहती हैं। अब तो मैं अपने मुकद्दर पर इतराने लगा हूँ।
मैं आपको अपनी Xxx स्टूडेंट्स हॉट कहानी सुना रहा हूँ:
28 साल का मैं मोहित गर्ग हूँ दोस्तो. मैं एक मस्त जवान आदमी एक बड़े कोचिंग कॉलेज में टीचर हूँ जहाँ लड़कियां और लड़के साथ साथ पढ़ते हैं और फिर बड़े बड़े कम्पटीशन वाले एक्ज़ाम्स में बैठते हैं। मैं उन सबकी तैयारी करवाता हूँ.
इस तरह लड़कियां धीरे धीरे मेरे नजदीक आने लगीं। इस कॉलेज में कोई भी लड़की 21 / 22 साल से कम की नहीं हैं।
सब की सब मस्त जवान हैं, खूबसूरत हैं और बोल्ड हैं। होने को तो 28 / 30 साल की भी लड़कियां हैं पर हैं सब की सब हसीन!
मैं भी बड़े मन से सबको पढ़ाता हूँ, सबकी समस्याएं हल करवाता हूँ और सब मुझसे बड़ी खुश भी रहतीं हैं।
धीरे धीरे लड़कियां मेरे घर भी आने लगीं। मैं घर में भी उनको उसी लगन से पढ़ाने लगा जिस लगन से मैं कॉलेज में पढ़ाता था।
धीरे धीरे लड़कियों का आना जाना बढ़ने लगा।
उनमें से एक लड़की थी मिस रेहाना … वह भी मेरे घर आने जाने लगी। वह बड़ी खूबसूरत और सेक्सी थी। उसके बूब्स बड़े बड़े थे और सुडौल भी!
मेरा मन उन्हें दबाने का नहीं बल्कि उनके बीच में लण्ड पेलने का हो रहा था।
जब भी मैं उसे देखता और उसकी चूँचियों के बारे में सोचता तो मेरा लण्ड साला अपने आप ही खड़ा हो जाता था। जब तक वह मेरे घर में रहती तब तक मेरा लण्ड खड़ा ही रहता।
यह सच है कि मैं कुछ लड़कियों के नाम का सड़का भी मारता था। रेहाना का नाम उनमें सबसे ऊपर था।
मेरी हिम्मत ही नहीं हो रही थी कि मैं लड़कियों के बूब्स पकड़ लूँ, दबा दूँ या उनसे खुल कर बातें कर लूं … कुछ डबल मीनिंग की बातें कर लूँ या फिर थोड़ा अश्लील बातें कर लूं! लेकिन यह सच है कि अंदर ही अंदर मेरा लण्ड खड़ा रहता था।
एक दिन रेहाना फिर आ गयी। वह अकेली ही थी।
मेरा मन हुआ कि आज मैं पेल दूँ लण्ड इसकी चूचियों में … लेकिन मैंने सब्र से काम लिया और मैं वो सब बड़े प्यार से बताने लगा जो वह पूछ रही थी।
फिर वह अपने आप ही बोली- सर, आप मुझे बहुत अच्छे लगतें हैं। मैं आपको बहुत याद करती हूँ। मैंने कहा- अच्छी तो तुम भी लगती हो रेहाना!
वह बोली- हाय रे! तो मैं तुम्हे अच्छी लगती हूँ सर? तुम मुझको पसंद करते हो? मैंने कहा- हाँ हाँ … बहुत पसंद करता हूँ मैं तुमको। तुम खूबसूरत भी हो और सेक्सी भी हो।
वह बोली- मैं एक बात पूछना चाहती हूँ, सर! बुरा नहीं मानना प्लीज? मैं बहुत दिनों से सोच रही थी पूछने के लिए … पर न तो मेरी हिम्मत हो रही थी और न ही मौक़ा मिल रहा था। आज मौका भी है और मुझ में हिम्मत भी थोड़ी आ गई है।
मैंने कहा- हां हां बिल्कुल पूछो .. खुल कर पूछो। ये कॉलेज नहीं, मेरा घर है, मैं अकेला हूँ, तुम भी अकेली हो। कहो तो मैं दरवाजा बंद दूँ ताकि कोई और आ न सके। मैं उठा और बंद भी कर दिया दरवाजा।
वह बोली- सर, देखिये मैं एक मज़हबी लड़की हूँ। मैंने अपने कुनबे के कई लण्ड देखे हैं. वो सब के सब कटे लण्ड हैं लेकिन आज तक मैंने कोई बिना कटा लण्ड नहीं देखा। मैं देखना चाहती हूँ कि जो लण्ड कटा नहीं होता है वो कैसा होता है?
उसकी बात ने मेरे लण्ड में जबरदस्त आग लगा दी। मैंने कहा- बात तो तुम्हारी सही है रेहाना!
“तो फिर दिखा दो न मुझे अपना लण्ड? तुम्हारा लण्ड तो कटा होगा नहीं सर? मैं देखना चाहती हूँ कि समूचा लण्ड कैसा दिखता है?” उसका ऐसा कहना था कि मेरा लण्ड साला चड्डी खोलकर बाहर निकलने के लिए तैयार हो गया।
मैं अपने आपको रोक नहीं सका, मैं उठा और रेहाना को गले लगा लिया। मैंने कहा- अब तुम खुद ही खोल कर देख लो न कैसा होता है!
इतने में रेहाना बड़ी बेशर्मी से फटाफट मेरे कपड़े खोलने लगी। मैंने भी उसका ब्रा वगैरह खोल डाला और उसकी बड़ी बड़ी मस्तानी चूचियाँ पकड़ कर मसलने लगा।
तब तक उसने मेरा लण्ड खोल कर बाहर निकाल लिया। लण्ड तो खड़ा ही था। वह लण्ड देख कर बोली- हाय अब्बू … इतना बड़ा लण्ड? इतना हैंडसम लण्ड! इतना मोटा और सख़्त लण्ड! मैं बेकार ही चूतिया बनी घूम रही थी इतने दिनों से? मुझे तो बहुत पहले पकड़ना चाहिए था आपका लण्ड सर!
“एक बात बताऊँ सर?” मैंने कहा- हां हां बताओ न प्लीज? वह बोली- इतना बढ़िया लण्ड तो मेरे कुनबे में भी नहीं है। पर मुझे एक बात समझ में नहीं आ रही है। ऐसा ही कुछ मेरे कुनबे वालों का लण्ड भी दिखता है तो फिर फर्क क्या है?
मैंने कहा- तुम सड़का मारना जानती हो न? वह बोली- हां जानती तो हूँ. पर उसमें मुझे ज्यादा मज़ा नहीं आता कटे लण्ड का सड़का मारने में! मैंने अपने लण्ड की तरफ इशारा करते हुए कहा- तो फिर इसका सड़का मार कर देखो ज़रा!
उसने पहले तो एक हाथ से पेल्हड़ थामे और फिर दूसरे हाथ से लण्ड मुट्ठी में लिया और दनादन ऊपर नीचे करने लगी। वह अपने आप ही बोल पड़ी- अरे हां, फर्क तो साफ़ नज़र आ रहा है। इसमें मुट्ठी ऊपर जाती है तो लण्ड की स्किन थोड़ा चढ़ जाती है और लण्ड का टोपा छू लेती है और जब मुठ्ठी नीचे आती है तो टोपा एकदम खुल जाता है और फूल कर चमकने लगता है। बार बार ऐसा करने में मुझे ज्यादा मज़ा आ रहा है। इसे देखने में भी ज्यादा अच्छा लग रहा है। लण्ड पर मुट्ठी भी जम कर लग जाती है और लण्ड का सुपारा इसमें कुछ ज्यादा चिकना लग रहा है। कटे लण्ड का सुपारा कुछ खुरदुरा हो जाता है क्योंकि वह हमेशा खुला होने के कारण किसी न किसी से टकराता रहता है। मैं तो आज से साबुत लण्ड की दीवानी हो गयी हूँ।
तब तक वह भी बिलकुल नंगी हो चुकी थी।
उसका नंगा बदन देख कर मैं और ज्यादा उत्तेजित हो गया। मैंने कहा- रेहाना, मैं तेरी चूचियाँ चोदूंगा। वह बोली- हां हां सर, बिल्कुल चोदो. ये चूचियाँ बुर चोदी हैं ही चुदने के लिए।
फिर मैंने उसे स्टूल पर दिवार के सहारे बैठाया और पेल दिया लण्ड दोनों चूचियों के बीच में।
मैं जो कभी सोचा करता था, आज वह हकीकत में कर रहा था।
मैंने पूछा- तेरे बूब्स इतने बड़े बड़े कैसे हो गए? वह बोली- कुछ तो कुदरती हैं और कुछ हमारे कुनबे के लोगों ने दबा मसल कर बड़े कर दिये। मैंने कहा- तो क्या घर के ही लोग पकड़ लेते हैं तेरे बूब्स? वह बोली- हां, हमारे समाज में घर में ही सब हो जाता है। वो भोसड़ी वाले सब लण्ड भी पेल देते हैं मेरी चूत में!
उसने भी बूब्स को दोनों तरफ से दबा कर बीच में एक सुरंग सी बना रखी थी जिसमें लण्ड आता जाता था। लण्ड जब ऊपर जाता तो वह जुबान निकाल कर सुपारा चाट लेती। ऐसा बार बार होता रहा और मैं एन्जॉय करता रहा।
बाद में उसने लण्ड निकाला और मुट्ठी में लेकर सटासट सड़का मारने लगी। कुछ देर में ही लण्ड ने छोड़ दी पिचकारी उसके मुंह में … वह पी गयी सारा वीर्य!
फिर हम दोनों बाथरूम गए और वहां से साफ सफाई करके लौटे।
लण्ड जब ठंडा हुआ तो उसको कटा लण्ड और बिना कटा लण्ड का फर्क पूरी तरह समझ में आ गया। वह मुझसे चिपक कर बोली- सर अगली बार मैं चुदवा कर ही वापस जाऊंगी।
अगले दिन संडे था। मै बिस्तर पर लेटा ही था। इतने में किसी ने डोर बेल बजा दी।
मैं एक नेकर पहने हुआ था और नंगे बदन था।
बिस्तर से उठ कर मैंने दरवाजा खोला तो सामने मेघा खड़ी थी। मैंने उसे बैठाया और दरवाजा बंद कर दिया।
उसका पहनावा बिलकुल मॉर्निंग वाक वाला लग रहा था।
मैंने कहा- क्या मॉर्निंग वाक के लिए जा रही हो तुम? या फिर करके आ रही हो? वह बोली- हां सर, घर से तो मॉर्निंग वाक के लिए ही निकली हूँ पर आपके पास आ गयी।
मैंने कहा- कोई खास बात है क्या? वह हंस कर बोली- जी हाँ बहुत ख़ास बात है सर! मैं रात भर सो नहीं सकी।
मैंने कहा- ऐसा क्या हो गया मेघा कि तुम रात भर सो नहीं सकी? साफ साफ़ बताओ न मुझे? वह बेधड़क बोली- रेहाना ने कल मुझे सब कुछ बता दिया सर! और जबसे मैंने उसके मुंह से आपके लण्ड की तारीफ सुनी है तबसे मेरे तन बदन में आग लगी हुई है। मैं रात भर यह सोचती रही कि मैं सर के इतने नजदीक हूँ फिर भी मुझे उसके लण्ड के बारे में कुछ नहीं पता चला और इस बुर चोदी रेहाना को सब कुछ मालूम हो गया. सर आज तो मैं आपका लण्ड पीने आयी हूँ।
मैं मन ही मन बड़ा खुश हुआ और बोला- पर इतने सवेरे सवेरे? वह बोली- इसके दो कारण हैं सर … एक तो यह की किसी को पता ही नहीं चल पायेगा कि मैं मार्निंग वाक पे हूँ या कहीं और! दूसरा यह कि सवेरे का लण्ड बड़ा सख्त होता है।
उसकी बात ने मेरे अंदर जोश भर दिया। मैं उठा और उसे अपने बदन से चिपका लिया। उसने सीधे मेरे लण्ड पे हमला बोल दिया; लण्ड ऊपर से दबा कर कहा- वॉवो लगता तो जबरदस्त है आपका लण्ड सर!
मैंने उसे जी भर के चूमा फिर उसके कपड़े उतारने लगा। उसकी चूचियाँ खुली तो मैं मस्त हो गया। मैं दबाने, चूमने और चूसने लगा उसकी चूचियाँ।
उसने मेरी नेकर का नाड़ा खोला। नेकर नीचे गिरी और उसने लण्ड पकड़ कर कहा- रेहाना भोसड़ी वाली ठीक ही कह रही थी।
उसके मुंह से गालियां मुझे और उत्तेजित करने लगीं।
वह सोफा पर बैठी थी और मैं उसके सामने एकदम नंगा खड़ा था। उसने एक हाथ से मेरे पेल्हड़ थामे और दूसरे हाथ से लण्ड पकड़ लिया।
वह लण्ड चूम कर, लण्ड का सुपारा चाट कर, लण्ड बड़ी मजबूती से मुट्ठी में लेकर ऊपर नीचे करने लगी, आगे पीछे करने लगी. मेघा बड़े प्यार से मारने लगी लण्ड का सड़का!
धीरे धीरे उसकी रफ्तार बढ़ने लगी। वह कुछ बोलती भी जा रही थी- वॉवो कितना मजेदार है लण्ड … कितना मोटा और कितना खूबसूरत है लण्ड यार। ऐसा लण्ड तो कॉलेज में किसी का नहीं है।
फिर वह लण्ड से ही कहने लगी- मैं तो मस्त हो गयी तुझे पाकर लण्ड राजा! अब तू जल्दी से निकाल दे अपना मक्खन … मैं तेरा मक्खन खाकर ही जाऊंगी। तू बड़ा सयाना है भोसड़ी का! तूने अपना मक्खन रेहाना को खिला दिया अब मुझे भी खिला अपना मक्खन! मैं तो तेरी गुलाम हो गई हूँ लण्ड बाबा। तू कितना प्यारा है यार … आज तू मुझे अपना रस पिला दे कल मैं तुझे अपनी बुर दूँगी। उसकी बातों में बड़ी कशिश थी।
उसने रफ़्तार तेज कर दी। मैं भी सिसियाने लगा।
मैंने कहा- यार मेघा अब मैं झड़ जाऊंगा, निकल जाऊंगा मैं! वह बोली- मेरे मुँह में निकल जाओ … पूरा माल उड़ेल दो मेरे मुँह में! मैं सब पी जाऊंगी। मैं तो लण्ड पीने ही आई हूँ यार!
मैं फिर सच में झड़ गया उसके मुंह में और उसने बड़े प्रेम से सारा वीर्य गटक लिया। चलते समय बोली- मैं जल्दी ही चुदवाने आऊंगी सर! आपका लण्ड बड़ा शानदार है. फिर लण्ड पर प्यार से थप्पड़ मार कर चली गयी।
कॉलेज की लड़कियां अब मुझसे कुछ ज्यादा ही खुल कर और हंस हंस कर बातें करने लगीं।
मुझे लगा कि क्या रेहाना और मेघा ने सब इन लड़कियों को मेरे लण्ड के बारे में बता दिया है? क्या कुछ और भी लड़कियां मेरा लण्ड पीने आयेंगी?
मैं इसी ख्याल में खोया हुआ था।
कुछ लड़कियां मुझे बहुत ही सेक्सी लगतीं थीं। मेरा मन था कि मैं उनको अपना लण्ड पकड़ा दूँ या फिर उन्हें अपने घर बुलाऊं और लौड़ा उनके हाथ में रख दूँ क्योंकि हर जवान लड़की को लण्ड चाहिए सिर्फ लण्ड! यह तो मैं जानता ही था कि कोई भी लड़की बिना लण्ड के रह नहीं सकती.
अगले संडे को सवेरे करीब 10 बजे किसी ने दरवाजा खटखटाया। मैंने दरवाजा खोला तो मेरे सामने आयशा खड़ी थी, मेरे कॉलेज की एक बेहद खूबसूरत एक और लड़की।
मैंने अपने मुकद्दर को सराहा और उसे बड़े प्यार से अंदर बैठा लिया। दरवाजा अंदर से बंद कर लिया तो हम दोनों सेफ हो गए।
वह बोली- सर आप बहुत अच्छे हैं, आप सबकी हेल्प करते हैं तो मेरी भी कीजिये न सर? मैंने कहा- हां हां बोलो क्या चाहिए तुम्हें? वह बोली- अच्छे मार्क्स चाहिए सर! मैंने कहा- मैं तुम्हें सबसे ज्यादा मार्क्स दूंगा, आयशा तुम चिंता न करो और बोलो और क्या चाहिए?
वह बोली- और भी एक चीज चाहिए सर. मैंने कहा- हां बोलो खुल कर बोलो?
वह बोली- आप बुरा तो नहीं मानोगे सर ? मैं खुल कर बताऊँ ? मैंने कहा- हां खुल कर बताओ। मैं बुरा बिलकुल नहीं मानूंगा। झिझकने की जरुरत नहीं है। साफ़ साफ़ कहो। अगर मेरे पास होगा तो जरूर दूंगा।
वह बोली- तो फिर अपना लण्ड मुझे दे दो सर … मैं आपके लण्ड की प्यासी हूँ। मैं आपका लण्ड खाऊँगी। मैंने कहा- अच्छा तो यह बात है … क्या इससे तेरी प्यास बुझ जाएगी?
वह बोली- हां बिल्कुल बुझ जाएगी सर … तभी तो मांग रही हूँ। दरअसल मैंने मेघा के मुंह से सब सुन लिया है सर! वह आपके लण्ड के बारे में निशा और रूपा को बता रही थी। मैं चुपचाप सुन रही थी। जबसे आपके लण्ड की तारीफ सुनी है तब से मैं पागल बनी घूम रही हूँ। बेचैन हो गयी हूँ मैं! अब तो बिना आपका लण्ड लिये मुझे चैन नहीं मिलेगा। आज तो मैं लण्ड खाकर ही जाऊंगी।
उसकी बातों में जबरदस्त कशिश थी।
मैंने कहा- अच्छा ठीक है. बोलो क्या पियोगी चाय या काफ़ी? वह बोली- और कुछ नहीं सर, मैं तो बस लण्ड पियूँगी। ऐसा कह कर उसने मेरी जांघ में अपना हाथ रख दिया।
मेरे बदन में करंट लग गया। मैंने उसे अपनी तरफ खींच लिया और चिपका लिया अपने बदन से!
मैंने कहा- मैं भी तुम्हें चाहता हूँ आयशा। तुम बहुत खूबसूरत हो। तुम्हारी आवाज़ में बड़ा खिंचाव है। मैं तुमसे प्यार करता हूँ।
बस उसने मेरा लण्ड पैंट के ऊपर से ही कई बार चूमा। मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया और उसकी चूचियाँ दबाकर मज़ा लेने लगा। धीरे धीरे उसके कपड़े भी उतारने लगा।
उधर उसका बदन खुलता गया और इधर मेरा लण्ड बढ़ता गया। वह भी मेरी पैंट बड़े प्यार से खोलने लगी।
वह जब पूरी तरह नंगी हुई तो मैं उसे एकटक देखता ही रहा। मैंने कहा- अरे आयशा, तुम तो बिना कपड़ों के बहुत ज्यादा सुन्दर लग रही हो। बहुत सेक्सी हो … बहुत हॉट हो तुम! तुम्हें देखते ही किसी का भी लौड़ा अपने आप खड़ा हो जायेगा।
तब तक वह भी मुझे नंगा कर चुकी थी. उसने मेरा लण्ड पकड़ा उसे थोड़ा मस्ती से हिलाया और फिर बोली- ओ माय गॉड … क्या मस्त लौड़ा है सर आपका! मेघा बुरचोदी बिल्कुल सही कह रही थी। आपका लण्ड तो थामस सर के लण्ड से भी बड़ा है सर और मोटा भी ज्यादा है।
मैंने पूछा- तो क्या तुम थामस का लण्ड लेती हो? वह बोली- हां लेती हूँ पर मुझे उसका लण्ड पसंद नहीं. मुझे तो मोटा लण्ड चाहिए, बस तेरे लण्ड जैसा मोटा लण्ड! मुझे सबसे ज्यादा मज़ा लण्ड पीने में ही आता है।
फिर क्या … एक हाथ से पेल्हड़ थाम कर उसने मेरा लण्ड पूरा का पूरा अपने मुंह में भर लिया और अंदर ही अंदर लण्ड के टोपा के चारों तरफ जुबान फिराने लगी। मेरे मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं।
मैं बिल्कुल नंगा बेड पर लेटा था। वह मेरी जांघ पर सिर रख कर मेरा लण्ड चूस रही थी।
इधर मैं उसकी चूत सहला रहा था, उसके मस्त मस्त चूतड़ों पर हाथ फिरा रहा था। उसकी गांड, उसकी मोटी मोटी जांघें, उसकी छोटी छोटी झांटों का मज़ा ले रहा था। उधर वह लण्ड बार बार मुंह से बाहर निकालती और फिर अंदर घुसा लेती।
मुझे मालूम हो गया कि यह लड़की लण्ड पीने में बड़ी अनुभवी है। कई लण्ड पिये बैठी है आयशा!
मैं बोला- यार आयशा, मैं तेरे मुंह में ही झड़ जाऊंगा। लण्ड मुंह से बाहर निकाल लो। वह इशारे से बोली- झड़ जाओ मेरे मुंह में … मैं तो लण्ड पीने ही आयी हूँ। मैं लण्ड बाहर नहीं निकालूंगी।
उसने तो अपनी रफ़्तार और बढ़ा दी। अब वह लण्ड को बड़ी तेजी से अंदर बाहर करने लगी।
मुझे एहसास हुआ कि वह अपने होठों से ही मेरे लण्ड का सड़का मार रही है। मैं मस्ती में चूर था। मुझे इतना मज़ा पहले कभी नहीं आया।
मैं और ज्यादा सिसकारियां मारने लगा तो उसे अपने मुँह से सड़का मारने में और मज़ा आने लगा।
आखिरकार मैं झड़ ही गया उसके मुंह में और वह बड़ी मस्ती से पी गई लण्ड का सारा रस! मेरे मुँह से अपने आप ही निकला- यार आयशा, तुम वाकई लाजबाब हो. तुम्हारा कोई मुकाबला नहीं! तुम बड़ी हसीन हो, मस्त हो और मेरे लिए तो तुम एक परी हो।
मैंने उसे गच गचा कर अपनी बाँहों में भर लिया उसका नंगा बदन अपने नंगे बदन से चिपका लिया और खूब प्यार किया।
इसी तरह एक दिन श्रुति आ गयी और खूब मजे से लण्ड पी कर गई।
उसके दूसरे दिन अरुणिमा आ गयी। वह एक बंगाली लड़की थी। उसने तो बहुत ज्यादा ही मस्ती से मेरे लण्ड से प्यार किया, उसे खूब अश्लील और गन्दी गन्दी बातें सुनाईं और फिर सड़का मार कर लण्ड पिया।
एक दिन तो रेहाना एक लड़की को लेकर आ गयी, बोली- सर ये मेरी खाला जान की बेटी रफ़ा है, लण्ड पीने में इसका कोई जबाब नहीं! आज ये मेरे सामने आपका लण्ड पियेगी सर!
फिर हुआ भी ऐसा ही … उसने बड़ी मस्ती से मेरा लण्ड पिया।
उसके बाद इन सब लड़कियों ने मेरे आपस आ आकर मस्ती से चुदवाया, एक बार नहीं कई बार चुदवाया। मैंने भी उन Xxx स्टूडेंट्स को चोदने में कोई कसर उठा नहीं रखी।
खूब हचक हचक के चोदा और खूब एन्जॉय किया। उसके बाद तो लड़कियों की लाइन लग गई।
लण्ड पीने की और चुदाने डिमांड इतनी ज्यादा बढ़ गयी की अब मैं लड़कियों को अपॉइंटमेंट देता हूँ। लड़कियां अपनी अपनी बारी से आती हैं और मस्ती से चुदवाती हैं मेरा लण्ड पी कर जाती हैं।
मेरे जेहन से निकली यह ख्याली Xxx स्टूडेंट्स हॉट कहानी आपको कैसी लगी? [email protected]
लेखिका की पिछली कहानी थी: मेरी मौसी ने मुझे चालू बनायामेरी मौसी ने मुझे चालू बनाया