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मेरा कौमार्य मेरे पति की अमानत- 1

प्रीति मिसल
मेरा कौमार्य मेरे पति की अमानत- 1
@प्रीति मिसल
14 min

वर्जिन गर्ल कॉलेज लव स्टोरी में मैं नर्सिंग कर रही थी. ट्रेनिंग के दौरान एक डॉक्टर से मुझे मुहब्बत हो गयी. हमारा प्यार परवान चढ़ा पर उसने मेरे साथ कभी सेक्स करने की कोशिश नहीं की.

फ्रेंड्स, मैं प्रीति एक बार फिर से अपनी सेक्स कहानी में आपका स्वागत करती हूँ.

मेरी सभी पिछली सेक्स कहानियों को आपने ढेर सारा प्यार दिया. मुझे ढेर सारी मेल मिलीं, इसके लिए मैं आपकी अति आभारी हूँ. उसके लिए आप सबका बहुत धन्यवाद.

मेरी पिछली कहानी सहेली के पापा ने मेरी मम्मी को चोदा में आपने पढ़ा था कि मैंने नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन लिया तो एक लड़की मिली जिसने एक सस्ता सा कमरा किराये पर ले लिया था. मैंने उससे बात करके उसी के कमरे में रहने की सोची. मेरी मम्मी को लेकर मैं कमरा देखने गयी जहां हम उस लड़की के पापा से मिले. हालात कुछ ऐसे बने कि हम चारों रात को उसी कमरे में सोये और मेरी मम्मी उस लड़की के पापा से चुद गयी. इस खेल में पड़ोस में रहने वाले एक पति पत्नी भी शामिल हो गए थे.

मौक़ा मिला तो अंकल ने मेरे मुंह में अपना लंड पेल दिया. मेरे मुँह चोदते समय मेरे मुँह से आवाज आ रही थी पच पच गों गों मेरे मुँह से बहुत सारा पानी बाहर आ रहा था.

अंकल और जोर-जोर से मेरा मुँह चोदने लगे और कुछ मिनट बाद मेरे मुँह में उन्होंने अपना रस डाल दिया.

मैं पहली बार लंड रस का स्वाद ले रही थी … रस खारा था. मैंने वह पूरा रस पी लिया.

फिर अंकल ने मुझे किस किया और सीमा के बाजू में जाकर सो गए.

मेरी तो आंखों से नींद उड़ गई थी.

अब आगे वर्जिन गर्ल कॉलेज लव स्टोरी:

सुबह 5:30 बजे मम्मी फिर से उठ गईं और मुझे व सीमा को भी उठाने लगीं. पर मैंने कहा- मम्मी, मैं बाद में उठूंगी.

मैं आपको मेरे बारे में बताना भूल ही गई. मैं देखने में माधुरी दीक्षित जैसी दिखती हूँ. जबकि मेरी जीरो फिगर कुंवारी आलिया भट्ट के जैसी है. फिगर का नाप 28-24-30 का है.

मेरा कद सिर्फ 5 फुट का है. जब मैंने नर्सिंग में दाखिला लिया था तब मेरा वजन 45 किलो था. मैं इसाई लड़की हूँ.

सब लोग मुझे वासना भरी नजरों से देखते थे और उनका वश चलता तो शायद मैं उनमें से किसी के नीचे दबी अपनी चुत गांड मरवा रही होती.

सीमा उठ कर फ्रेश होकर आ गई और उसने मुझे उठाया, तो मैं भी फ्रेश होकर बैठ गई. मम्मी ने तब तक नाश्ता बनाया. हम लोगों ने नाश्ता कर लिया. मम्मी ने नाश्ता के साथ-साथ खाना बनाने की भी तैयारी चालू की, तब मुझे थोड़ा सा शक हो गया.

हम लोग 8:00 बजे कॉलेज में पहुंच गए. कॉलेज में रेगुलर क्लास चल रही थी … ज्यादा कुछ हुआ नहीं.

करीब 12:00 बजे लंच ब्रेक होने के बाद हम सब कमरे में आ गए. तब मुझे अहसास हुआ था कि मेरी मम्मी का बुरा हाल हो चुका था.

मम्मी की गर्दन के ऊपर दांतों के निशान बने थे और मम्मी पूरे पसीने से भीगी हुई थीं.

मेरा सुबह का शक यकीन में बदल गया. अंकल और मम्मी ने बहुत ही दमदार सेक्स किया था. अंकल की भी सांसें फूली हुई थीं, मतलब यह था कि अभी अभी ही उन दोनों की कामक्रीड़ा का कीड़ा खत्म हुआ था.

हम सबने खाना खा लिया और खाना खाकर वापस निकल गए.

अंकल मम्मी को छोड़ने के लिए स्टेशन गए और मैं व सीमा कॉलेज में!

कॉलेज से आने के बाद कमरे में मैं, सीमा और उसके पिताजी थे. वे भी आज रात की ट्रेन से पुणे जाने वाले थे.

जैसे सीमा बाहर फ्रेश होने के लिए गई, अंकल जी ने मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया और मेरे होंठों को किस करने लगे.

मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा क्योंकि यह मेरा पहली बार का किस था. मैं अपना मुँह बाजू में कर रही थी लेकिन उन्होंने मेरा चेहरा अपने दोनों हाथों से पकड़ा हुआ था.

उन्होंने जी भर कर मेरे चेहरे के ऊपर अपना मुँह घुमाया और मुझे चूमा व चाटा. मैं उनसे खुद को छुड़ाने से प्रयास कर रही थी.

उतने में अंकल को सीमा आने की आहट आई तो उन्होंने मुझे अपने से अलग कर दिया. मम्मी ने जाते समय रात का भी खाना बनाया था तो हम तीनों बात करते हुए खाने बैठ गए.

खाना खाकर हम दोनों अंकल को रेलवे स्टेशन छोड़ने के लिए निकल गईं.

अंकल को रेलवे स्टेशन छोड़ने के बाद मैं और सीमा पैदल चलते हुए आ रहे थे.

वहां पर कुछ मर्द बातें कर रहे थे. वे हमें कुछ गुंडे किस्म के लोग लग रहे थे.

मैं बहुत डरी हुई थी लेकिन सीमा को इस सबकी आदत थी.

वे लोग हमारे पीछे आने लगे. तो हम दोनों बहुत तेजी से चलती हुई अपने कमरे की तरफ आ गईं.

मैं बहुत डरी हुई थी. लेकिन सीमा ने मुझे हौसला दिया- मर्द को खाली नंगा नाच करना पसंद है, वे हमें कुछ नहीं करेंगे … हां अगर तुमने उनसे नजर चुरा कर भागने की कोशिश की तो वह और ज्यादा तुम्हें तकलीफ देंगे. इसके लिए बिना डरे हुए उनके सामने से गुजर जाना … वे कुछ भी बोल दें, उनको बिना मुँह लगाए, खाली एक मुस्कान देकर चलती रहना. तुम बस मेरी बात बहुत ध्यान से सुनती रहना और कुछ नहीं करना.

मेरे नर्सिंग कॉलेज के 6 महीने कब खत्म हो गए, मुझे पता ही नहीं चला.

पापा मुझे हॉस्पिटल में प्रैक्टिस के लिए भेजने वाले थे.

हमारे नर्सिंग कॉलेज से वह हॉस्पिटल छह किलोमीटर की दूरी पर था. वहां पर हॉस्पिटल में एम बी बी एस के छात्र भी ट्रेनिंग के लिए आते थे.

इन 6 महीनों में मुझे बहुत सारे लड़कों ने प्रपोज किया था लेकिन मैंने किसी को भी हां नहीं किया था.

दूसरी ओर सीमा एक रंडी की तरह चूत में लंड ले रही थी. उसने गुंडे किस्म के लोगों से भी चुदाई की. वह अपने रूम में भी लड़के लाकर चुदाई करती थी.

उस समय मेरा भी खून बहुत उछलता था और चूत में पानी भी खूब आता था लेकिन मैं खुद को काबू करने की कोशिश करती हुई अपनी चूत को ऊपर से रगड़ लेती थी.

जब मैं हॉस्पिटल में ट्रेनिंग करने के लिए जाने लगी तब और ज्यादा लड़के लोग मुझसे बात करने के लिए आगे आने लगे थे.

एक दिन ट्रेनिंग के दौरान एक एम बी बी एस के छात्र को भर्ती कर दिया गया था. उसके पैर का एक्सीडेंट होने की वजह से फैक्चर हो गया था.

मुझे मेरी टीचर ने उसके पूरे एग्जामिनेशन करने के लिए बोल दिया.

दिखने में वह साउथ इंडियन था. उसका चेहरा डायमंड शेप जैसा था. उसकी आंखों में एक नशा सा था. उसका जिस्म जिम करके मुझे बॉडीबिल्डर जैसा लगा था.

उसकी हाइट लगभग 6 फीट थी.

जैसे ही मैं उसके सामने गई और उसे देखने लगी. न जाने कैसे मैं उसके प्यार में पड़ गई.

मेरे मुँह से कुछ बात ही नहीं निकल रही थी. मैंने अपने आपको संभाला और मैडम के सामने उसका पूरा एग्जामिनेशन कर दिया. उसका नाम किट्टू था.

वह एम बी बी एस के अंतिम वर्ष का छात्र था.

उस दिन मैं अपनी ट्रेनिंग खत्म करके कमरे में आ गई. लेकिन मेरे ख्यालों में किट्टू आ रहा था. मेरे दिल और दिमाग में उसी का ही ख्याल चल रहा था.

अगले दिन मैं वापस उसके साथ बात करने के लिए गई, उस समय वह अकेला ही था.

किट्टू- गुड मॉर्निंग कैसी हो? मैं- गुड मॉर्निंग, मैं ठीक हूं … आप कैसे हैं! किट्टू- मैं ठीक हूं.

हम दोनों ऐसे ही इधर-उधर की बातें करने लगे. मैं उसके साथ सहज हो गई थी.

जब मेरी सहेली ने मुझे बुलाया तो मुझे अहसास हुआ कि हमें बात करते हुए कब 4 घंटे हो गए. हम दोनों को भी वक्त का पता नहीं चला.

मुझे उससे दूर जाने का बिल्कुल भी मन नहीं हो रहा था.

किट्टू- आपसे बात करके मुझे अच्छा लगा, कल फिर से मिलेंगे! मैंने भी उसी बाय बोला और वहां से निकल गई.

मेरे कदम आना ही नहीं चाह रहे थे. मैं बहुत ही धीरे-धीरे उसकी आंखों में आंखें डालती हुई कमरे से बाहर आ गई.

किट्टू के परिवार में उसके माँ बाप थे. उसके माता-पिता दोनों ही डॉक्टर थे. उनका अस्पताल है.

अगले दिन उसका डिस्चार्ज हो गया. उसके पैर में प्लास्टर लगाया गया था लेकिन ज्यादा चोट नहीं होने के कारण उसको तीसरे दिन ही डिस्चार्ज दे दिया था.

जब मुझे पता चला कि उसको डिस्चार्ज कर दिया है तब मेरी आंखों में ऐसे नमी आ गई थी मानो मेरे दिल का टुकड़ा मेरे से दूर जा रहा है. लेकिन मैंने खुद को संभाला.

उसने मुझे अपना मोबाइल नंबर दे दिया था. उस समय मोबाइल बहुत ही कम लोगों के पास था.

मैं रूम में आने के बाद कॉइन बॉक्स के पास गई, उसको फोन किया. उसने एक ही रिंग में कॉल उठाया.

किट्टू- मैं तुम्हारे ही फोन का इंतजार कर रहा था. मैं- क्यों … अगर मैंने फोन नहीं किया होता तो!

इस तरह से हम दोनों ने एक दूसरे को मजाक उड़ाया. मैंने उसके साथ डेढ़ घंटा बात की.

उस समय बात करना कितना महंगा था, यह सोच कर आज बड़ी हंसी आती है.

कैसे दिन बीतते गए, कुछ पता ही न चला. अब किट्टू पूरी तरह से ठीक हो गया था.

हम दोनों एक दूसरे को बहुत अच्छी तरह से जान चुके थे. ना उसने … और ना ही मैंने उसको प्रपोज किया था … लेकिन हमारा एक दूसरे का साथ अच्छा लग रहा था.

किट्टू की अंतिम वर्ष की परीक्षा हो गई थी. अगले दिन उसने मुझसे मोबाइल गिफ्ट दे दिया और वह अपने शहर बीड चला गया.

चंद महीने हम दोनों फोन पर बात करते रहे. उसने आगे की पढ़ाई के लिए उसी कॉलेज में दाखिला लिया.

लेकिन इन महीनों में बहुत कुछ बदल गया था. मैं उसके प्यार में पूरी तरह डूब चुकी थी.

जब वह आ गया, तब उसने अकेले के लिए फ्लैट रेंट पर लिया. शाम को वह मेरे रूम पर आया, मेरा सब सामान पैक करके मुझे कार में बिठा कर अपने फ्लैट में ले गया.

मैंने उससे कुछ नहीं कहा. बस उसके साथ चली गई. किट्टू इस बीच में काफी बॉडी बनाई थी.

हम दोनों एक ही फ्लैट में रहते थे लेकिन उसने कभी अपनी मर्यादा पार नहीं की.

मेरे कॉलेज में सबको मेरे अफेयर के बारे में पता था.

किट्टू और मेरा सब कुछ अलग था मतलब उसका धर्म, अमीरी, उसका रहन सहन.

उसने मेरी पढ़ाई में काफी अच्छी कराई. उसी के चलते मैं महाराष्ट्र में अव्वल नंबर से पास हो गई. उसके भी एमडी की परीक्षा अव्वल नंबर आ गए.

हमारे प्यार को अब 3 साल हो चुके थे लेकिन इन 3 सालों में उसने कभी भी मेरे साथ सेक्स नहीं किया था. हम बस हाथों में हाथ डाले हुए बातें करते थे.

जब हमारा आखिरी पेपर हो गया तो इसके बाद किट्टू मुझे मेरे घर छोड़ने जिद करने लगा.

उसके सामने मैं कुछ भी बोल नहीं सकती थी, तो मैंने उससे हां कह दिया.

हम जब घर गए, तब मैंने देखा कि घर में सजावट की गई थी और वहां पर किट्टू के पापा और मम्मी भी थे. उसने पूरे घर के सामने मुझे शादी के लिए प्रपोज किया.

इस सरप्राइस की वजह से मेरी आंखों से खुशी के आंसू आ गए थे. मैंने उसे हां बोल दी.

सात ही दिनों में हमारी शादी हो गई.

मैंने अपनी शादी में पीच कलर का लहंगा पहना था.

हमारी सुहागरात के लिए फाइव स्टार होटल में एक कमरा बुक किया गया था.

जैसे ही हम दोनों कमरे में गए, उसने मुझे गोदी में उठा लिया.

मैं उसके चेहरे को देखती जा रही थी. मेरे चेहरे पर खुशी झलक रही थी.

कमरे का बेड गुलाब के फूलों से सजाया था. वह मुझे बेड पर ले गया.

किट्टू मेरे हाथों को चूमता हुआ मेरे गाल को किस कर रहा था.

मैंने अपनी आंखें बंद की हुई थीं. मेरे होंठ उसके होंठों को मिलने के लिए तरस रहे थे. मेरे होंठों में कंपन हो रही थी और गला सूख रहा था.

किट्टू ने यह सब जान लिया और उसके होंठों ने मेरे निचले होंठ को किस करते हुए मेरे होंठों को अलग कर दिया.

अब मैं भी उसका साथ देने लगी. वह अपने मुँह का पानी मेरे मुँह में डालने लगा और मैं मदहोशी के आलम में उसे पीने लगी.

वह मेरे होंठों को चूमे जा रहा था. मेरी ‘उउउ … ममंमम … अहा …’ की सेक्सी आवाज निकलने लगीं.

मैं अपने हाथों से उसके बालों को सहलाने लगी.

जल्द ही हम दोनों एक्शन में आ गए और उसने मेरा लहंगा उतार दिया. मैं केवल नेट की काले रंग की ब्रा और चड्डी में थी.

वह मेरे गले को चूमते हुए ब्रा के ऊपर से ही मेरे स्तनों को किस करने लगा.

मेरे मुँह से आवाज निकलने लगी- आउच अह … ऊंह … आह ओह. मेरे निप्पल खड़े हो गए थे.

वह अपने एक हाथ से मेरा स्तन पकड़ कर रगड़ने लगा, दूसरा स्तन मुँह में लेकर स्तनपान करने लगा.

मेरे पेट के ऊपर बैठ वह अपने दोनों हाथों को मेरे स्तनों पर रख कर रगड़ने लगा.

वह मेरे स्तनों को आटे की तरह गूँथता जा रहा था. तभी उसने मेरी ब्रा को जोर से खींच लिया.

मेरी ब्रा के हुक टूट गए और ब्रा निकल कर उसके हाथ में आ गई. मैं ‘आ … आउच … ऊह …’ करती जा रही थी.

उस वक्त मुझे महसूस होने लगा था कि मेरी चूत में से पानी आ रहा था, जिससे मेरी चड्डी गीली हो गई थी.

अब उसने अपने सूट की पैन्ट को निकाल दिया था.

वह मेरे पैरों के बीच में आ गया. मैंने अपने आप अपने नितंबों को उठा दिया.

उसने मेरी चड्डी को भी निकाल दिया. अब मैं उसके सामने बिना बालों की चूत खोले पड़ी थी. मेरी वर्जिन चूत उसके सामने रो रही थी.

उसने मेरी चूत के ऊपर किस करना चालू कर दिया. जैसे ही उसने चूत को किस किया, मैंने अपने नितंबों को ऊपर उठाया और उसके बाल पकड़कर चूत के ऊपर जोर से रगड़ दिया.

‘सीई … आह … म.’

मेरी धड़कन बहुत जोर से चल रही थी जिससे मेरी चूचियां ऊपर नीचे हो रही थीं.

वह मेरी चूत को वहशियों की तरह चाटे जा रहा था … मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ! मेरे पूरे शरीर का खून मेरी चूत के ऊपर आ गया था.

मैं- बस करो … मुझे बहुत अजीब सा लग रहा है.

उसने बिना कुछ कहे मेरी कमर को जोर से पकड़ लिया और मेरी चूत को जीभ से चाटने लगा.

मैं उसके बालों को पकड़कर मेरी चूत के ऊपर दबाने लगी. तभी चूत में से जोरदार पानी निकल गया. मैंने उसके बालों को छोड़ दिया.

वह मेरे ऊपर छा गया और मुझे किस करने लगा. मैं भी उसका साथ देने लगी.

वह मेरे बाजू में लेट गया तो मैं उसके ऊपर आ गई और उसके शरीर को चूमने लगी. उसकी छाती को जीभ से चाटने लगी.

उसने मेरे बालों को पकड़ कर मुझे अपनी कमर की तरफ धकेल दिया. जब उसने कमर को ऊपर उठाया तो मैं समझ गई कि वह क्या चाहता है.

उसका लंड अंडरवियर से बाहर आने के लिए तड़प रहा था. मैं हाथ को अंडरवियर को अन्दर डाल कर ऊपर से ही उस लंड से खेलने लगी.

किट्टू से कंट्रोल नहीं हो रहा था, उसने मेरे बालों को छोड़कर अपने अंडरवियर नीचे सरका दिया. उसका लंड झट से बाहर आ गया.

मैं उसके लंड को देखती रह गई. उसका लंड कम से कम 6 इंच का रहा होगा, साथ ही लंड की मोटाई भी काफी थी.

उसका लंड कटा हुआ था, जिससे उसका लाल रंग का सुपारा चमक रहा था. प्री-कम से उसका काला लंड चमक रहा था. मैं उसके लंड को एक मिनट तक देखती ही रही.

दोस्तो, किट्टू ने मुझे उस रात कैसे चोदा था और आगे क्या क्या हुआ, वह सब मैं आपको देसी सेक्स कहानी के अगले भाग में लिखूँगी.

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वर्जिन गर्ल कॉलेज लव स्टोरी का अगला भाग: मेरा कौमार्य मेरे पति की अमानत- 2

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