मुंबई जाकर मैं बन गई रंडी- 4
माय फर्स्ट ऐनल सेक्स तब हुआ जब मैं पहली बार कॉल गर्ल बनकर अपने ग्राहक के पास गयी थी 3 दिन के लिए. पहली रात उसने मेरी चूत फाड़ी, दूसरी रात मेरी गांड का काम तमाम हुआ.
नमस्कार दोस्तो, मैं सोनम वर्मा अपनी कहानी का अगले भाग में आप सभी लोगों का स्वागत करती हूं।
मोनिशा के शब्दों में:
दोस्तो, मैं मोनिषा। कहानी के पिछले भाग कच्ची कली से फूल बनने तक का सफ़र में अभी तक आपने पढ़ा कि किस तरह से मैं अपनी सहेली मोना की मदद से मुंबई पहुँच गई और अपने छोटे से कस्बे से निकलकर मुंबई में जाकर एक हाई प्रोफाइल कॉल गर्ल का काम करने लगी। किस तरह से मेरा पहला ग्राहक अय्यर बना जिनसे मेरी चूत की सील थोड़ी। अय्यर ने मुझे 3 दिन के लिए बुक किया था और जिसके लिए उसने मुझे पूरे एक लाख रुपये में बुक किया था। पहली रात उसके साथ बिताने पर उसने मेरी सील तोड़ी और उस रात कुल मिला कर 4 बार मेरी जबरदस्त चुदाई की।
अब आप आगे माय फर्स्ट ऐनल सेक्स कहानी में पढ़िए कि अगली रात उसने मेरे साथ क्या क्या किया।
पहली रात की चुदाई के बाद मैं दोपहर एक बजे तक सोती रही. उसके बाद दिन में मैं अकेली ही रही क्योंकि अय्यर किसी काम से बाहर गए थे।
शाम को जब अय्यर वापस आये तो हम दोनों ने साथ में ही खाना खाया.
और रात करीब 10 बजे अय्यर मुझे फिर से बेडरूम में ले गए।
अय्यर पहले से ही शराब के नशे में थे. बेडरूम में जाते ही वे सोफे पर बैठ गए और मुझे अपने सामने खड़ी कर लिया।
सामने खड़ी करने के बाद उन्होंने फिर से शराब के पेग बनाना शुरू किया और मुझसे कहा- तुम आहिस्ते आहिस्ते अपने कपड़े निकालती रहो। मैं वैसा ही करने लगी.
और सबसे पहले मैंने अपना टॉप और फिर नीचे की स्कर्ट निकाल दी। अब मैं उनके सामने ब्रा और पेंटी में खड़ी हुई थी।
फिर मैंने अपनी ब्रा भी निकाल दी और मेरे बड़े बड़े दूध तनकर उनके सामने आ गए।
अय्यर शराब पीते जा रहे थे और एक हाथ से अपना लंड मसलते जा रहे थे।
अय्यर बोले- अपने दूध को मसलो! और मैं दोनों हाथों से अपने दूध मसलने लगी।
फिर कुछ देर बाद उन्होंने पेंटी निकालने का इशारा किया. मैंने अपनी पेंटी भी निकाल दी. मैं उनके सामने पूरी तरह से नंगी हो गई।
अब उन्होंने कहा- तुम अपने पैरों को फैलाओ और दोनों हाथों से चूत को फैलाओ और एक उंगली अपनी चूत के बीच में चलाती जाओ।
मैंने वैसा ही किया और अपने दोनों पैरों को फैलाकर दोनों हाथों से चूत को फैला दी और एक उंगली को अपनी चूत के ऊपर चलाने लगी।
कुछ ही देर में मेरी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया और मेरी उंगली चूत के पानी से गीली हो गई। अय्यर ये सब सोफे पर बैठे हुए देख रहे थे।
जल्द ही उन्होंने भी अपने सारे कपड़े निकाल दिए और अपने लंड को एक हाथ से सहलाते हुए शराब की चुस्कियां लेते जा रहे थे।
कुछ देर बाद उन्होंने मुझसे कहा- पीछे मुड़कर झुक जाओ और अपनी गांड फैलाओ।
मैं पीछे मुड़ गई और झुककर दोनों हाथों से अपने चूतड़ों को फैला दिया। उनके सामने मेरी गांड का गुलाबी छेद आ गया होगा।
मेरी गांड वैसे ही बेहद गोरी है.
कुछ देर बाद अय्यर बोले- अब तुम वहीं पर कुतिया बन जाओ और घुटनों के बन चलती हुई मेरे पास आओ और ये शराब पियो।
मैं कुछ समझ नहीं पा रही थी … लेकिन जैसा वे कह रहे थे, मैं करती जा रही थी।
तो मैं कुतिया बन गई और घुटनों के बल चलती हुआ अय्यर के पास पहुँच गई. अय्यर ने अपने हाथों से मुझे शराब पिलाई।
उसके बाद अय्यर ने मुझे लंड चूसने के लिए कहा. मैं कुतिया बनी हुई ही उनका लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।
अय्यर मेरे सर को पकड़कर जोर जोर से आगे पीछे कर रहे थे. उनका लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था और गप्प गप्प मेरे मुंह में जा रहा था।
उनके साथ ही बीच बीच में रुककर अय्यर मुझे शराब भी पिलाते जा रहे थे।
उस दिन मैं चार ग्लास शराब पी गई थी और बुरी तरह से नशे में थी।
अब मेरी हालत ऐसी हो गई थी कि मैं खड़ी भी नहीं हो पा रही थी।
कुछ देर बाद अय्यर ने मुझे गोद में उठाया और बिस्तर पर फेंक दिया और बोले- चल मेरी जान, कुतिया बन जा!
मैं घुटनों के बल हो कर कुतिया बन गई और अय्यर मेरे पीछे आ गए।
उन्होंने मेरी चूतड़ों को दोनों हाथों से फैलाया और मेरी गांड के छेद में अपना थूक लगाया। मैं समझ गई कि ये मेरी गांड चोदने वाले हैं।
मेरे अंदर बहुत डर समा गया लेकिन मैं कुछ कर भी नहीं सकती थी क्योंकि इसके लिए ही तो मुझे पैसे मिलने वाले थे।
अय्यर ने अपना लंड गांड की छेद पर लगाया मेरी कमर को थामकर लंड अंदर करने लगे।
जैसे ही उन्होंने जोर लगाया मैं डर के मारे आगे खिसक गई।
मुझे ऐसा करती देख अय्यर बोले- मादरचोद, मेरे से होशियारी कर रही है?
अब उन्होंने अपना एक हाथ मेरी कमर पर लपेट कर मुझे बुरी तरह से कस लिया। दूसरे हाथ से उन्होंने लंड को गांड के छेद पर सेट किया और बोले- ले साली, अब मजा ले!
इतना कहते हुए उन्होंने जोर से धक्का लगा दिया और उनका लंड छेद को फाड़ते हुए एक बार में ही अंदर तक चला गया।
मैं जोर से चिल्लाई- आआ आआआ आआ मम्मीई ईईई ईईईईई!
उन्होंने फिर से लंड निकाला और फिर से अंदर पेल दिया. इस बार उनका लंड मेरी गांड में पूरी तरह से सेट हो गया था।
मैं उनसे छूटने के लिए जोर लगा रही थी और जोर जोर से चिल्ला रही थी. लेकिन उन्होंने बुरी तरह से मेरी कमर को जकड़ रखा था। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी दोनों आँखें बाहर निकल आयेंगी।
माय फर्स्ट ऐनल सेक्स के दर्द से मैं जोर जोर से चिल्ला रही थी- आआ आह आ आआह … ऊऊईईई मम्मीईई ईईई ईईईई … आआह नहीं नहीं आआह!
जितना मैं तड़प रही थी, अय्यर उतनी तेजी से मेरी गांड चोद रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे वह मुझे तड़पा तड़पा कर ही चोदना चाहता था। उसे ऐसे ही मजा आ रहा था।
करीब दस मिनट की चुदाई के बाद अय्यर ने अपनी पकड़ ढीली की क्योंकि अब गांड में लंड आसानी से जा रहा था।
अब उसने मेरे चूतड़ों को पकड़ लिया था और मेरी गांड चोदे जा रहा था।
कुछ देर बाद अय्यर ने मुझे बिस्तर पर पेट के बल लेटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गया।
उसके सांड जैसे शरीर के नीचे मैं बुरी तरह से दबी हुई थी और अय्यर मेरे ऊपर चढ़कर बुरी तरह से मेरी गांड चोद रहा था।
अय्यर जोर जोर से ‘आआह आआह ऊऊह ऊऊह’ की आवाज निकाल रहा था और अपनी पूरी ताकत मेरी गांड में लगा रहा था।
उसके धक्कों से पूरा कमरा फट फट की आवाज से गूंज रहा था और पूरा पलंग बुरी तरह से हिल रहा था।
मेरा पूरा नशा उसकी चुदाई से होने वाले दर्द के कारण उतर गया था।
अय्यर मेरी चुदाई का पूरा मजा ले रहा था और बीच बीच में मेरी पीठ और गालों को काट रहा था।
मुझे बिल्कुल भी मजा नहीं आ रहा था लेकिन अय्यर बिना रुके अपनी पूरी ताकत से मुझे चोद रहा था।
करीब आधे घंटे की लगातार चुदाई के बाद अय्यर ने अपना वीर्य मेरी गांड में ही डाल दिया और मेरे ऊपर ही लेट गया।
कुछ समय बाद वह मेरे ऊपर से उठा और मैंने उठकर बाथरूम जाकर अपने आप को साफ किया।
जब मैं वापस आई तो अय्यर फिर से शराब पी रहा था. उसने मुझे अपने जांघ पर बैठाकर फिर से शराब पिलाई।
अब मैं इतनी ज्यादा नशे में हो गई थी कि मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था और कब मैं सो गई मुझे पता भी नहीं चला।
सुबह जब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि सुबह के 10 बज रहे थे।
मैंने अपने आप को देखा तो मैं बिस्तर पर नंगी सोई हुई थी और मेरे पूरे बदन पर चिपचिपा वीर्य लगा हुआ था। उस स्थिति में मुझे बहुत गंदा महसूस हो रहा था।
मेरा पूरा बदन बुरी तरह से दर्द कर रहा था और मेरी गांड में, छेद में भयंकर जलन हो रही थी।
रात में अय्यर ने मुझे कितनी बार चोदा ये तो पता नहीं … लेकिन उसने मेरी गांड की बुरी तरह से चुदाई की होगी।
मैं सोच रही थी कि अच्छा हुआ कि मैं नशे के कारण बेसुध हो गई थी नहीं तो पता नहीं रात भर कैसे उस अय्यर को झेलती।
उसके बाद मैं बाथरूम जाकर नहाई और कपड़े पहनने के बाद बाहर निकली।
चाय नाश्ता करने के बाद मैं फिर से कमरे में आकर आराम करने लगी क्योंकि अय्यर वहाँ नहीं था।
दोपहर का खाना खाने के बाद मैं सो गई और जब मैं शाम को उठी तो घर के सारे नौकर जल्दी जल्दी अपना काम निपटाने में लगे हुए थे।
काम करने के बाद उन्होंने मुझसे कहा- कल रविवार है इसलिए हम लोग अपने घर जा रहे हैं. साहब आएंगे तो उनको बता देना।
इसके बाद मैं उस फार्महाउस में अकेली रह गई थी।
शाम के 7 बजे अय्यर कमरे में आया और मुझसे कहा- तुम तैयार हो जाओ. आज मेरे कुछ दोस्त पार्टी के लिए साथ में आये हैं। जब मैं तुम्हें बुलाऊँगा तो तुम पीछे स्विमिंग पूल के पास आ जाना।
इसके बाद वह चला गया और मैं बाथरूम में फ्रेश होकर तैयार हो गई।
मैंने अपना टॉप और स्कर्ट पहना हुआ था।
तैयार होने के बाद मैं खिड़की से पीछे स्विमिंग पूल की तरफ देखने लगी।
पूल के बाहर टेबल कुर्सी लगी हुई थी और वहाँ अय्यर के साथ 2 और मर्द बैठकर शराब पी रहे थे।
वे दोनों मर्द भी अय्यर की तरह ही हट्टे कट्टे थे और 55 से 60 वर्ष की उम्र के लग रहे थे।
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था … मैं बस यही सोच रही थी कि कहीं ये लोग भी तो मुझे चोदने आये हैं? या नहीं! यही सब सोचते हुए मैं बिस्तर पर बैठ गई।
करीब आधे घंटे बाद रूम का फोन बजा और मैंने फोन उठाया। सामने से अय्यर की आवाज थी, उसने कहा- पूल के पास आ जाओ।
मैं धीमे धीमे कदमों के साथ पूल की तरफ़ चल दी।
यह कहानी अगले भाग में समाप्त होगी। आप सब पाठक मुझे माय फर्स्ट ऐनल सेक्स पर अपनी राय मेल और कमेंट्स में बताएं। [email protected]
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